डॉ. राममनोहर लोहिया
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जन्म- 23 मार्च 1910, उत्तर प्रदेश का फैजाबाद जिला
नवीन समाजवादी विश्व सभ्यता के कर्ता-धर्ता, गांधीवाद मार्क्सवाद के संशोधक, मौलिक विचारधारा के धनी|
इन का संपूर्ण जीवन शोषित, दुखी, प्रताड़ित जनता को समर्पित था| अखिल बंग विद्यार्थी सम्मेलन की अध्यक्षता की| इनकी तीर्थ स्थलों में बड़ी श्रद्धा थी इसीलिए इन्होंने कहा था कि" दुनिया में दो चीजें प्राप्त करने योग्य है- ईश्वर और औरत|" लोहिया ने गांधीवादी विचारों को अपनाते हुए एशिया की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखकर नई व्याख्या और नए कार्यक्रम प्रस्तुत किए| 1928 में साइमन वापस जाओ आंदोलन का नेतृत्व किया|1939 में स्वतंत्रता संग्राम को 4 सूत्री कार्यक्रम दिया| लोहिया ने किसानों को जागृत करने का प्रयास किया| इन्होने गरीबी हटाओ, अंग्रेजी हटाओ, जाति तोड़ो आदि आंदोलनों का संचालन किया|
रचनाएं-
इतिहास चक्र
क्रांति के लिए संगठन
मार्क्स, गांधी और समाजवाद
विदेश नीति
भारत के विभाजन के लिए दोषी व्यक्ति
कृष्ण, वाल्मिकी और वशिष्ठ
इंटरनल ड्यूरिंग पॉलिटिक्स
विल टू पावर एंड अदर राइटिंग
समान दूरी का सिद्धांत
भूमि सेना
एक घंटा देश को दो
सामाजिक विचार- डॉक्टर लोहिया वर्ग भीम तथा जाति विहीन समाज की स्थापना चाहते थे तथा कमजोर लोगों को हर क्षेत्र में प्राथमिकता मिले यही उनका लक्ष्य था| वर्ण व्यवस्था को भारतीय समाज की आवश्यक बुराई मानते थे| उनका मानना था कि वर्ण व्यवस्था ने जातिवाद को उत्पन्न किया, छुआछूत ऊंच नीच की भावनाओं को उकसाया है| आज तक का सारा मानव इतिहास जातियों और वर्गों के निर्माण की कहानी है| जातियां वर्गों में बदल जाती है और वर्ग सुदृढ़ होकर जातियों का रुप ले लेते हैं| इनके अनुसार समानता की स्थापना के लिए जाति प्रथा के विरुद्ध क्रांति करनी पड़ेगी| लोहिया चाहते थे कि जाति, वर्ण, धर्म आदि से मुक्त होकर एक ऐसा समाज स्थापित किया जाए जो कर्म से अद्भुत हो| इन्होंने कहा कि कर्म की प्रतिष्ठा होनी चाहिए न कि जन्म की| क्योंकि जाति प्रथा के कारण छोटी जातियों इतनी अधिक गरीब हो गई हैं जिससे कि वे राष्ट्रीय विकास में सहयोग नहीं दे पाती अतः इन्हें आर्थिक दृष्टि से सफल बनाने की जरूरत है| इन्होंने 2 उपाय बताएं- सह भोज तथा अंतरजातीय विवाह| साथ ही शिक्षा का भी दिन-प्रतिदिन प्रसार होना चाहिए|
राजनीतिक विचार- डॉ लोहिया का मानना था कि हर देश उत्थान और पतन का सामना करता है, कोई भी देश कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, हमेशा के लिए न तो वैभव, शक्ति या धनवान होता है और न हमेशा के लिए उनसे रहित| इसके अंतर्गत परिवर्तन होता रहता है, एक-एक कर सभी का उत्थान हुआ और सभी का पतन| लोहिया के राजनीतिक जीवन की शुरूआत विद्यार्थी जीवन से ही प्रारंभ हो गई थी| उन्होंने अनेक आंदोलनों में भाग लिया था| इनके बारे में गांधी जी ने कहा था कि " जब तक डॉक्टर लोहिया जेल में है, तब तक मैं खामोश नहीं बैठ सकता| उनसे ज्यादा बहादुर और सरल आदमी मुझे मालूम नहीं| उन्होंने हिंसा का प्रचार नहीं किया| जो कुछ किया है, उससे उनका सम्मान और अधिक बढ़ता है| कई छोटी-छोटी पुस्तकें भी इन्होंने लिखी थी- ' जंगज आगे बढ़ो', ' क्रांतिकारी तैयारी करो', 'आजाद राज कैसे बने',| लोहिया का कहना था " अगर हमारे ऊपर हमला न हो, जमीन न जाए तो दुनिया में पूरे कारवे की तरह रहना चाहिए| लेकिन कोई हमारे ऊपर हमला करें, तो उस वक्त तो हमें बाज बनना चाहिए|
समाजवादी विचार- लोहिया का मानना था कि वर्तमान समस्याओं का कारण मानव प्रकृति या फिर कुछ और नहीं है बल्कि कुछ सामाजिक एवं राजनीतिक भ्रष्ट संस्थाएं हैं| इनका मानना था कि बिना क्रांति के समाजवाद का सही विज्ञान संभव नहीं है| जब तक लोगों के मनो को एक साथ हिलाने वाली, कोई अंदर से निकली हुई तड़प नहीं होती तब तक यह सब काम सफल नहीं हो पाते और वह तड़प अभी भी है नहीं, वह मन अभी है नहीं, उसको बनाने का काम हमारा पहला काम है| इन्होंने वर्ग विहीन समाज की स्थापना पर बल दिया है| इनका मानना था कि उन्नति के अवसरों में समानता होनी चाहिए| साथ ही साथ हर व्यक्ति को आर्थिक समानता के साथ साथ सामाजिक, राजनीतिक, आध्यात्मिक समानता होनी चाहिए| इन्होंने कहा था कि समाजवादी बुरे हो सकते हैं लेकिन समाजवाद नहीं| साथ ही लोहिया लोकतंत्र के भी प्रबल समर्थक थे तथा लोकतंत्र और समाजवाद को एक दूसरे के पूरक मानते थे|
इसके साथ ही लोहिया बड़े बड़े उद्योगों को सही नहीं मानते थे क्योंकि ये विशालकाय यंत्रो को शोषण के माध्यम मानते थे उन्होंने न तो गांधी के चरखा जैसे उपकरण को अपनायाऔर ना ही आधुनिक विशाल यंत्रों को|
लोहिया हिंसा के विरुद्ध थे| इन्होंने कहा था कि अहिंसक साधनों के आधार पर समाजवाद की स्थापना की जा सकती है और यही उपयुक्त मार्ग है|
इन्होंने राजनीतिक शक्ति के विकेंद्रीकरण पर भी बल दिया था इसके लिए उन्होंने चौखंबा योजना प्रस्तुत की- चौखंबा योजना के अंतर्गत ग्राम, मंडल, प्रांत तथा केंद्र इन चार स्तंभों में शक्ति का विभाजन किया जाए|
लोहिया की भावना व्यक्ति को अपने राष्ट्र के साथ साथ अन्य राष्ट्र से प्रेम करना भी सिखाती है| इन्होंने कहा कि सभी नागरिकों को विश्व में कहीं भी जाने तथा बसने का अधिकार हो तथा सभी राष्ट्रों को राजनीतिक स्वतंत्रता हो|
लोहिया नारी मुक्ति के प्रबल समर्थक थे इन्होंने कहा कि वास्तव में समाजवाद की स्थापना करनी है तो स्त्री पुरुष के बीच बराबरी कायम करनी पड़ेगी| साथ ही लोहिया ने पुस्तक ' गिल्टी मैन ऑफ इंडियास पार्टीशन' की रचना की| इनका मानना था कि हिंदुस्तान पाकिस्तान का बंटवारा हमेशा के लिए हुआ है| यदि थोड़ी सी बुद्धि से काम ले तो हम फिर से एक हो सकते हैं|
डॉ. राममनोहर लोहिया के महत्वपूर्ण प्रश्न-
1. लोहिया की सप्त क्रांति में शामिल है-
अ नर नारी की समानता
ब रंगभेद की असमानता के विरुद्ध अभियान
स जाति प्रथा के खिलाफ और पिछड़ों को प्रोत्साहन
द उक्त सभी
2. लोहिया के चौखंभा सिद्धांत में शामिल है-
अ गांव
ब मंडल
स प्रांत
द उपर्युक्त सभी
3. चौखंभा सिद्धांत किसने दिया?
अ जवाहरलाल नेहरू
ब लोहिया
स अरविंद घोष
द गोखले
4. लोहिया द्वारा प्रस्तुत नवीन समाजवाद की स्थापना के आधार स्त्मब नंबर नहीं है?
अ समानता
ब स्वतंत्रता
स अहिंसा
द लोकतंत्र
5. हिंदू पाक संघ का स्वप्न देखने वाले व्यक्ति हैं-
अ अरविंद घोष
ब लोहिया
स जयप्रकाश नारायण
द नेहरू
6. भूमि सेना और एक घंटा देश को दो किसकी रचनाए है?
अ अरविंद घोष
ब लोहिया
स नेहरू
द नरेंद्र देव
7. समाजवादी दल को तूफानी पेट्रोल की संज्ञा किसने दी है?
अ लॉक
ब रूसो
स लोहिया
द पंडित नेहरू
8. राम मनोहर लोहिया का जन्म वर्ष है?
अ 1917
ब 1910
स 1920
द 1912
9. ओस्पेक्ट्स ऑफ सोशलिस्ट पॉलिसी में लोहिया ने प्रतिपादित किया?
अ चक्रीय व्यवस्था
ब चौखंबा योजना
स सप्त क्रांति
द समाजवाद
10. "हिंदुस्तान के समाजवाद को अब आध्यात्मिक और भौतिक दोनों वैचारिक पुट देकर खड़ा किया जाए " यह कथन किसका है?
अ एमएन रॉय
ब राम मनोहर लोहिया
स नेहरू
द गांधी
11. लोहिया का जन्म कहां हुआ था?
अ मध्य प्रदेश
ब उत्तर प्रदेश
स बनारस
द कोलकाता
12. दुनिया में दो चीजें प्राप्त करने योग्य है- ईश्वर और औरत, किसका कथन है?
अ नेहरू
ब कौटिल्य
स लोहिया
द कोई नहीं
13. डॉ लोहिया की प्रमुख रचनाएं हैं?
अ इतिहास चक्र
ब क्रांति के लिए संगठन
स विदेश नीति
द उपर्युक्त सभी
14. लोहिया का कौन सा कथन सत्य है?
अ गांधीवादी समाजवाद के पक्षधर
ब समाजवादी नीति के पक्षधर थे
स समाजवादी नेताओं में अग्रणी एवं उग्र प्रचारक थे
द सभी सत्य हैं
15. किस विचारक ने प्रतिपादित किया कि इतिहास एक चक्र की गति से आगे बढ़ता है?
अ महात्मा गांधी
ब राम मनोहर लोहिया
स गोपाल कृष्ण गोखले
द दादा भाई नौरोजी
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जन्म- 23 मार्च 1910, उत्तर प्रदेश का फैजाबाद जिला
नवीन समाजवादी विश्व सभ्यता के कर्ता-धर्ता, गांधीवाद मार्क्सवाद के संशोधक, मौलिक विचारधारा के धनी|
इन का संपूर्ण जीवन शोषित, दुखी, प्रताड़ित जनता को समर्पित था| अखिल बंग विद्यार्थी सम्मेलन की अध्यक्षता की| इनकी तीर्थ स्थलों में बड़ी श्रद्धा थी इसीलिए इन्होंने कहा था कि" दुनिया में दो चीजें प्राप्त करने योग्य है- ईश्वर और औरत|" लोहिया ने गांधीवादी विचारों को अपनाते हुए एशिया की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखकर नई व्याख्या और नए कार्यक्रम प्रस्तुत किए| 1928 में साइमन वापस जाओ आंदोलन का नेतृत्व किया|1939 में स्वतंत्रता संग्राम को 4 सूत्री कार्यक्रम दिया| लोहिया ने किसानों को जागृत करने का प्रयास किया| इन्होने गरीबी हटाओ, अंग्रेजी हटाओ, जाति तोड़ो आदि आंदोलनों का संचालन किया|
रचनाएं-
इतिहास चक्र
क्रांति के लिए संगठन
मार्क्स, गांधी और समाजवाद
विदेश नीति
भारत के विभाजन के लिए दोषी व्यक्ति
कृष्ण, वाल्मिकी और वशिष्ठ
इंटरनल ड्यूरिंग पॉलिटिक्स
विल टू पावर एंड अदर राइटिंग
समान दूरी का सिद्धांत
भूमि सेना
एक घंटा देश को दो
सामाजिक विचार- डॉक्टर लोहिया वर्ग भीम तथा जाति विहीन समाज की स्थापना चाहते थे तथा कमजोर लोगों को हर क्षेत्र में प्राथमिकता मिले यही उनका लक्ष्य था| वर्ण व्यवस्था को भारतीय समाज की आवश्यक बुराई मानते थे| उनका मानना था कि वर्ण व्यवस्था ने जातिवाद को उत्पन्न किया, छुआछूत ऊंच नीच की भावनाओं को उकसाया है| आज तक का सारा मानव इतिहास जातियों और वर्गों के निर्माण की कहानी है| जातियां वर्गों में बदल जाती है और वर्ग सुदृढ़ होकर जातियों का रुप ले लेते हैं| इनके अनुसार समानता की स्थापना के लिए जाति प्रथा के विरुद्ध क्रांति करनी पड़ेगी| लोहिया चाहते थे कि जाति, वर्ण, धर्म आदि से मुक्त होकर एक ऐसा समाज स्थापित किया जाए जो कर्म से अद्भुत हो| इन्होंने कहा कि कर्म की प्रतिष्ठा होनी चाहिए न कि जन्म की| क्योंकि जाति प्रथा के कारण छोटी जातियों इतनी अधिक गरीब हो गई हैं जिससे कि वे राष्ट्रीय विकास में सहयोग नहीं दे पाती अतः इन्हें आर्थिक दृष्टि से सफल बनाने की जरूरत है| इन्होंने 2 उपाय बताएं- सह भोज तथा अंतरजातीय विवाह| साथ ही शिक्षा का भी दिन-प्रतिदिन प्रसार होना चाहिए|
राजनीतिक विचार- डॉ लोहिया का मानना था कि हर देश उत्थान और पतन का सामना करता है, कोई भी देश कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, हमेशा के लिए न तो वैभव, शक्ति या धनवान होता है और न हमेशा के लिए उनसे रहित| इसके अंतर्गत परिवर्तन होता रहता है, एक-एक कर सभी का उत्थान हुआ और सभी का पतन| लोहिया के राजनीतिक जीवन की शुरूआत विद्यार्थी जीवन से ही प्रारंभ हो गई थी| उन्होंने अनेक आंदोलनों में भाग लिया था| इनके बारे में गांधी जी ने कहा था कि " जब तक डॉक्टर लोहिया जेल में है, तब तक मैं खामोश नहीं बैठ सकता| उनसे ज्यादा बहादुर और सरल आदमी मुझे मालूम नहीं| उन्होंने हिंसा का प्रचार नहीं किया| जो कुछ किया है, उससे उनका सम्मान और अधिक बढ़ता है| कई छोटी-छोटी पुस्तकें भी इन्होंने लिखी थी- ' जंगज आगे बढ़ो', ' क्रांतिकारी तैयारी करो', 'आजाद राज कैसे बने',| लोहिया का कहना था " अगर हमारे ऊपर हमला न हो, जमीन न जाए तो दुनिया में पूरे कारवे की तरह रहना चाहिए| लेकिन कोई हमारे ऊपर हमला करें, तो उस वक्त तो हमें बाज बनना चाहिए|
समाजवादी विचार- लोहिया का मानना था कि वर्तमान समस्याओं का कारण मानव प्रकृति या फिर कुछ और नहीं है बल्कि कुछ सामाजिक एवं राजनीतिक भ्रष्ट संस्थाएं हैं| इनका मानना था कि बिना क्रांति के समाजवाद का सही विज्ञान संभव नहीं है| जब तक लोगों के मनो को एक साथ हिलाने वाली, कोई अंदर से निकली हुई तड़प नहीं होती तब तक यह सब काम सफल नहीं हो पाते और वह तड़प अभी भी है नहीं, वह मन अभी है नहीं, उसको बनाने का काम हमारा पहला काम है| इन्होंने वर्ग विहीन समाज की स्थापना पर बल दिया है| इनका मानना था कि उन्नति के अवसरों में समानता होनी चाहिए| साथ ही साथ हर व्यक्ति को आर्थिक समानता के साथ साथ सामाजिक, राजनीतिक, आध्यात्मिक समानता होनी चाहिए| इन्होंने कहा था कि समाजवादी बुरे हो सकते हैं लेकिन समाजवाद नहीं| साथ ही लोहिया लोकतंत्र के भी प्रबल समर्थक थे तथा लोकतंत्र और समाजवाद को एक दूसरे के पूरक मानते थे|
इसके साथ ही लोहिया बड़े बड़े उद्योगों को सही नहीं मानते थे क्योंकि ये विशालकाय यंत्रो को शोषण के माध्यम मानते थे उन्होंने न तो गांधी के चरखा जैसे उपकरण को अपनायाऔर ना ही आधुनिक विशाल यंत्रों को|
लोहिया हिंसा के विरुद्ध थे| इन्होंने कहा था कि अहिंसक साधनों के आधार पर समाजवाद की स्थापना की जा सकती है और यही उपयुक्त मार्ग है|
इन्होंने राजनीतिक शक्ति के विकेंद्रीकरण पर भी बल दिया था इसके लिए उन्होंने चौखंबा योजना प्रस्तुत की- चौखंबा योजना के अंतर्गत ग्राम, मंडल, प्रांत तथा केंद्र इन चार स्तंभों में शक्ति का विभाजन किया जाए|
लोहिया की भावना व्यक्ति को अपने राष्ट्र के साथ साथ अन्य राष्ट्र से प्रेम करना भी सिखाती है| इन्होंने कहा कि सभी नागरिकों को विश्व में कहीं भी जाने तथा बसने का अधिकार हो तथा सभी राष्ट्रों को राजनीतिक स्वतंत्रता हो|
लोहिया नारी मुक्ति के प्रबल समर्थक थे इन्होंने कहा कि वास्तव में समाजवाद की स्थापना करनी है तो स्त्री पुरुष के बीच बराबरी कायम करनी पड़ेगी| साथ ही लोहिया ने पुस्तक ' गिल्टी मैन ऑफ इंडियास पार्टीशन' की रचना की| इनका मानना था कि हिंदुस्तान पाकिस्तान का बंटवारा हमेशा के लिए हुआ है| यदि थोड़ी सी बुद्धि से काम ले तो हम फिर से एक हो सकते हैं|
डॉ. राममनोहर लोहिया के महत्वपूर्ण प्रश्न-
1. लोहिया की सप्त क्रांति में शामिल है-
अ नर नारी की समानता
ब रंगभेद की असमानता के विरुद्ध अभियान
स जाति प्रथा के खिलाफ और पिछड़ों को प्रोत्साहन
द उक्त सभी
2. लोहिया के चौखंभा सिद्धांत में शामिल है-
अ गांव
ब मंडल
स प्रांत
द उपर्युक्त सभी
3. चौखंभा सिद्धांत किसने दिया?
अ जवाहरलाल नेहरू
ब लोहिया
स अरविंद घोष
द गोखले
4. लोहिया द्वारा प्रस्तुत नवीन समाजवाद की स्थापना के आधार स्त्मब नंबर नहीं है?
अ समानता
ब स्वतंत्रता
स अहिंसा
द लोकतंत्र
5. हिंदू पाक संघ का स्वप्न देखने वाले व्यक्ति हैं-
अ अरविंद घोष
ब लोहिया
स जयप्रकाश नारायण
द नेहरू
6. भूमि सेना और एक घंटा देश को दो किसकी रचनाए है?
अ अरविंद घोष
ब लोहिया
स नेहरू
द नरेंद्र देव
7. समाजवादी दल को तूफानी पेट्रोल की संज्ञा किसने दी है?
अ लॉक
ब रूसो
स लोहिया
द पंडित नेहरू
8. राम मनोहर लोहिया का जन्म वर्ष है?
अ 1917
ब 1910
स 1920
द 1912
9. ओस्पेक्ट्स ऑफ सोशलिस्ट पॉलिसी में लोहिया ने प्रतिपादित किया?
अ चक्रीय व्यवस्था
ब चौखंबा योजना
स सप्त क्रांति
द समाजवाद
10. "हिंदुस्तान के समाजवाद को अब आध्यात्मिक और भौतिक दोनों वैचारिक पुट देकर खड़ा किया जाए " यह कथन किसका है?
अ एमएन रॉय
ब राम मनोहर लोहिया
स नेहरू
द गांधी
11. लोहिया का जन्म कहां हुआ था?
अ मध्य प्रदेश
ब उत्तर प्रदेश
स बनारस
द कोलकाता
12. दुनिया में दो चीजें प्राप्त करने योग्य है- ईश्वर और औरत, किसका कथन है?
अ नेहरू
ब कौटिल्य
स लोहिया
द कोई नहीं
13. डॉ लोहिया की प्रमुख रचनाएं हैं?
अ इतिहास चक्र
ब क्रांति के लिए संगठन
स विदेश नीति
द उपर्युक्त सभी
14. लोहिया का कौन सा कथन सत्य है?
अ गांधीवादी समाजवाद के पक्षधर
ब समाजवादी नीति के पक्षधर थे
स समाजवादी नेताओं में अग्रणी एवं उग्र प्रचारक थे
द सभी सत्य हैं
15. किस विचारक ने प्रतिपादित किया कि इतिहास एक चक्र की गति से आगे बढ़ता है?
अ महात्मा गांधी
ब राम मनोहर लोहिया
स गोपाल कृष्ण गोखले
द दादा भाई नौरोजी
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