1st Grade Political Science Notes संविधान Part-1 in Hindi

संविधान Part-1

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किसी भी देश का संविधान उस देश की राजनीतिक व्यवस्था के ढांचे को प्रस्तुत करता है,राज्य के अनेकअंगों की व्याख्या करता है| संविधान के अनुसार किसी देश का शासन चलाया जाता है| कॉन्स्टिट्यूशन लैटिन शब्द constitution से बना है जिसका अर्थ होता है " महत्वपूर्ण विधि|"
के. एम.मुंशी- संविधान को राज्य की आत्मा कहा|
किसी भी देश के संविधान के भवन का निर्माण सदैव उसके अतीत की नीव पर होता है | अतः संविधान को समझने के लिए पहले इसकी पृष्ठभूमि देखनी आवश्यक है| 1600 ईसवी में ईस्ट इंडिया कंपनी के रूप में अंग्रेज भारत आए तथा धीरे धीरे इन्होंने भारत पर अधिकार करना शुरू किया|

1773 का रेगुलेटिंग एक्ट- यह एक्ट ब्रिटिश सरकार का पहला कदम था| इस एक्ट में कंपनी के प्रशासनिक और राजनीतिक कार्य को मान्यता मिली तथा भारत में केंद्रीय प्रशासन की नींव रखी गई|
इस अधिनियम द्वारा बंगाल के गवर्नर को बंगाल का गवर्नर जनरल बनाया गया| लॉर्ड वारेन हेस्टिंग्स बंगाल के प्रथम गवर्नर जनरल बने|
1774 में फोर्ट विलियम में उच्चतम न्यायालय की स्थापना की गई| सर इलिजा इम्पे पर प्रथम न्यायाधीश|
बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का गठन किया गया|

1781 का संशोधित अधिनियम- एक्ट ऑफ सेटलमेंट के नाम से जाना जाता है| रेगुलेटिंग एक्ट की त्रुटियों को समाप्त करने के लिए यह पारित किया गया|

1784 का पिट्स इंडिया एक्ट- यह भी रेगुलेटिंग एक्ट के दोषों के निवारण के लिए लाया गया| इसके अंतर्गत बोर्ड ऑफ कंट्रोल की स्थापना की गई| इसमें पहली बार भारत की आंतरिक प्रशासन में हस्तक्षेप किया गया|

1833 का चार्टर अधिनियम- बंगाल के गवर्नर जनरल को भारत का गवर्नर जनरल बनाया गया,लॉर्ड विलियम बेंटिक भारत के प्रथम गवर्नर जनरल बने| 1833 चार्टर अधिनियम को सुभाष कश्यप भारत के केंद्रीय विधानमंडल की गंगोत्री कहा| भारत में कानून को संचालित करने के लिए की विधि आयोग की स्थापना की गई| ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को पूर्ण समाप्त किया गया तथा गवर्नर जनरल के चौथे सदस्य के रूप में लॉर्ड मेकाले को नियुक्त किया गया, मैकाले को आधुनिक शिक्षा का जनक कहा जाता है|

1853 का चार्टर अधिनियम- इसके अंतर्गत एक विधान मंडल की स्थापना की बात कही गई तथा गवर्नर जनरल की परिषद के विधायी एवं प्रशासनिक कार्यों को अलग किया गया| सिविल सेवकों की भर्ती हेतु खुली प्रतियोगिता परीक्षा व्यवस्था का शुभारंभ किया गया साथ ही प्रथम बार भारतीय केंद्रीय विधान परिषद में स्थानीय प्रतिनिधित्व प्रारंभ किया| लॉर्ड डलहौजी ने प्रसन्न कुमार टैगोर गवर्नर जनरल परिषद का सचिव नियुक्त किया|

1858 का भारत शासन अधिनियम- 1857 की क्रांति जिसे भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम भी कहा जाता है उसके बाद भारत के शासन को अच्छा बनाने वाला अधिनियम पारित हुआ| ईस्ट इंडिया कंपनी को समाप्त कर दिया गया तथा शासन सीधे महारानी विक्टोरिया के हाथों में आ गया| गवर्नर जनरल को वायसराय की उपाधि दी गयी| लॉर्ड कैनिंग भारत के पहले वायसराय बने| भारत सचिव का पद सृजित किया गया, भारत सचिव ब्रिटिश कैबिनेट का सदस्य होता था, सर चार्ल्स वुड प्रथम भारत सचिव बने| बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स तथा बोर्ड ऑफ कंट्रोल की समाप्ति कर दी गई|

1861 का भारतीय परिषद अधिनियम- केंद्र तथा प्रांतों में विधान परिषदों की स्थापना की गई| भारत में मंत्रिमंडलीय व्यवस्था की नींव रखी गई जिसके जनक लॉर्ड कैनिंग माने जाते हैं| भारत में पहली बार प्रतिनिधि संस्थाओं को लाया गया अर्थात विधि निर्माण की प्रक्रिया में भारतीय प्रतिनिधियों को शामिल करने की शुरुआत हुई| कलकत्ता, मुंबई तथा मद्रास में उच्च न्यायालयों की स्थापना का प्रावधान किया|

1892 भारतीय परिषद अधिनियम- पहली बार निर्वाचन पद्धति की शुरुआत| गवर्नर जनरल की विधान परिषद का नाम भारतीय विधान परिषद किया| परिषद के सदस्यों को सीमित मात्रा में प्रश्न पूछने का अधिकार प्रदान किया| फिरोजशाह मेहता पहले निर्वाचित भारतीय सदस्य थे| बजट पर बहस करने का अधिकार दिया गया|

1909 का भारतीय परिषद अधिनियम ( मार्ले- मिंटो सुधार)- लॉर्ड मार्ले भारत के सचिव तथा लॉर्ड मिंटो भारत के तत्कालीन वायसराय थे| इस अधिनियम में मुसलमानों के लिए प्रथम तथा सांप्रदायिक निर्वाचन प्रणाली की शुरुआत की गई अर्थात मुस्लिम सदस्यों का निर्वाचन मुस्लिम मतदाता ही कर सकते थे| लॉर्ड मिंटो को सांप्रदायिक निर्वाचन का जनक माना जाता है| गवर्नर जनरल की कार्यकारी परिषद में प्रथम बार भारतीयों की नियुक्ति की गई, सत्येंद्र प्रसाद सिंहा गवर्नर जनरल की कार्यकारिणी परिषद में विधि सदस्य के रूप में प्रथम भारतीय बने| इस अधिनियम में अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति स्पष्ट होती है| पृथक निर्वाचन मंडल के बारे में लॉर्ड मिंटो ने लोड मार्ले को लिखा था- हम नाग के दांत बो रहे हैं और इसका फल भीषण होगा|
मजूमदार ने इस अधिनियम को चंद्रमा की चांदनी की संज्ञा दी है|

भारत शासन अधिनियम 1919 ( मान्टेग्यु- चेम्सफोर्ड सुधार )- प्रांतों में उत्तरदायी सरकार की स्थापना करना| प्रांतों में द्वैध शासन की स्थापना की गई| प्रांतीय विषयों को दो भागों में बांटा गया - आरक्षित विषय तथा हस्तांतरित विषय| आरक्षित विषयों का प्रशासन गवर्नर अपनी परिषद की सहायता से करता था तथा हस्तांतरित विषयों का प्रशासन गवर्नर मंत्रियों की सहायता से करता था| 1919 के अंतर्गत पहली केंद्रीय विधान सभा का गठन किया गया ( feb,1921) केंद्रीय विधान सभा के पहले भारतीय अध्यक्ष विट्ठल भाई पटेल थे तथा अंतिम अध्यक्ष जी. वी. मावलंकर थे| सिविल सेवकों की भर्ती के लिए एक केंद्रीय लोकसेवा आयोग का प्रावधान किया गया| पहली बार केंद्रीय बजट को राज्यों के बजट से अलग कर दिया गया| 10 वर्ष पश्चात एक वैधानिक आयोग के गठन का प्रावधान किया गया इसी का परिणाम साइमन कमीशन था| द्वेध शासन प्रणाली 1 अप्रैल 1921 को आरंभ की गई जो 1 अप्रैल 1937 तक लागू रही| कांग्रेस ने 1919 के अधिनियम को ' निराशाजनक तथा असंतोषप्रद कहा|"
बाल गंगाधर तिलक 1919 के सुधारों को ' बिना सूरज का सवेरा' कहां|

1935 का भारत शासन अधिनियम- इस अधिनियम में 14 भाग, 321 धाराएं तथा 10 अनुसूचियां थी| इस अधिनियम के अंतर्गत प्रांतों में द्वैध शासन समाप्त कर दिया गया तथा केंद्र में लागू कर दिया गया| भारत में संघीय व्यवस्था का प्रावधान किया गया| संघीय न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश सर मॉरिस ग्वेयर थे| जबकि स्वतंत्र भारत में फेडरल कोर्ट के पहले न्यायाधीश एच. जे. कनियां थे| इस अधिनियम के अंतर्गत बर्मा को भारत से अलग कर दिया गया| 1858 में स्थापित भारत परिषद समाप्त कर दी गई| रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अधिनियम 1934 से हुई और यह है 1 अप्रैल 1935 से अस्तित्व में आया| इस अधिनियम द्वारा मताधिकार का विस्तार किया गया| नेहरू ने 1935 के अधिनियम को दासता का नया अधिकार पत्र तथा अनेक ब्रेको वाली परंतु इंजन रहित मशीन की संज्ञा दी|

भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947- 1947 की माउंटबेटन योजना के आधार पर भारत के विभाजन की योजना प्रस्तुत की गई| भारत में ब्रिटिश राज समाप्त कर 15 अगस्त 1947 को इसे स्वतंत्र तथा संप्रभु राष्ट्र घोषित कर दिया गया| भारत का विभाजन भारत व पाकिस्तान में हो गया, वायसराय के पद को समाप्त कर दिया गया| भारत सचिव के पद की समाप्ति कर दी गई तथा अंतिम सचिव लॉर्ड लिस्टवेल थे| इस अधिनियम में यह व्यवस्था की गई थी कि जब तक दोनों अधिराज्यों का संविधान बनकर तैयार नहीं हो जाता तब तक दोनों अधिराज्यो के शासन का संचालन 1935 के भारत शासन अधिनियम के अनुसार संचालित होगा| लॉर्ड माउंटबेटन भारत अधिराज्य के प्रथम गवर्नर जनरल बने तथा जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री बने| भारत के अंतिम गवर्नर जनरल सी. राजगोपालाचारी बने|

1829- लॉर्ड विलियम बेंटिक द्वारा मंडल आयुक्त का पद निर्मित किया गया|

1859- लॉर्ड कैनिंग ने पोर्टफोलियो पद्धति प्रारंभ की|

1872- लॉर्ड मेयो के समय में भारत की पहली नियमित जनगणना हुई|

1881- लॉर्ड रिपन के काल में भारत की पहली जनगणना हुई| लॉर्ड रिपन को भारत में स्थानीय स्वशासन का जनक कहा जाता है|

1905- रेलवे बोर्ड का गठन

1921- केंद्र मे लोक लेखा समिति बनाई गई|


संविधान सभा- सविधान बनाने का काम करने वाली सभा को संविधान सभा कहा जाता है| भारत का संविधान स्वतंत्रता आंदोलन की देन है| भारत के लिए संविधान सभा का पहला निश्चित उल्लेख महात्मा गांधी ने 1922 में किया था| इसके पश्चात 17 मई 1927 को कांग्रेस के मुंबई अधिवेशन में मोतीलाल नेहरू ने प्रस्ताव पेश किया कि कांग्रेस कार्यसमिति भारत के सभी राजनीतिक दलों से सलाह मशवरा कर भारत के लिए संविधान का निर्माण करें| 1938 के कांग्रेस अधिवेशन में पंडित नेहरू ने कहा कि भारतीय संविधान का निर्माण एक संविधान सभा द्वारा किया जाए जो वयस्क मताधिकार के आधार पर भारत की जनता द्वारा चुनी गई हो| नेहरू की मांग को ब्रिटिश सरकार ने आधिकारिक रूप से 8 अगस्त 1940 अगस्त प्रस्ताव लॉर्ड लिनलिथगो द्वारा पहली बार स्वीकार किया गया| 1942 को क्रिप्स प्रस्ताव में कहां की युधोपरांत तुरंत भारत में एक संविधान सभा की स्थापना की जाएगी| गांधी जी ने इस क्रिप्स प्रस्ताव के संबंध में कहा कि- यह बाद की तिथि का चेक है और ऐसे बैंक के नाम है जिसका पहले से दीवाला निकलने वाला हो| 1946 में कैबिनेट मिशन ( लॉर्ड पैथिक़ लॉरेंस, सर स्टेफर्ड क्रिप्स, a.v. एलेग्जेंडर) ने एक घोषणा की, इस घोषणा के अनुसार भारत में नए संविधान का त्रिस्तरीय आधार बनाया गया- भारत संघ, ब्रिटिश भारत और देशी राज्य| कैबिनेट मिशन ने हीं संविधान सभा के कुल 389 सदस्यों का निर्धारण किया| (292+ 93+ 4) 292 सदस्य ब्रिटिश प्रातो से और 93 सदस्य देशी राज्यों से तथा 4 प्रतिनिधि चीफ कमिश्नर क्षेत्रों से होने थे| 292 विभिन्न ब्रिटिश प्रांतों से निर्वाचित हुए तथा चार सदस्य चीफ कमिश्नरी क्षेत्र से निर्वाचित हुए ( दिल्ली, अजमेर मेरवाड़ा, कुर्ग- गुजरात, बलुचिस्तान) | संविधान सभा में महिलाओ की संख्या 12 थी| संविधान सभा की पहली बैठक 31 अक्टूबर 1947 को की गई जिसमें सदस्यों की संख्या घटकर 299 रह गई| संविधान का निर्माण करने के लिए 11 अधिवेशन आयोजित हुए, अंतिम व 12 वां अधिवेशन 24 जनवरी 1950 को हुआ| सविधान सभा की पहली बैठक ( 9 dec1946) में सच्चिदानंद सिन्हा को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया और इनके नाम का प्रस्ताव जे बी कृपलानी द्वारा दिया गया ( कृपलानी संविधान सभा में बोलने वाले पहले वक्ता थे तथा उस समय कृपलानी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे)| संविधान सभा की दूसरी बैठक (11 dec 1946) में राजेंद्र प्रसाद को इस स्थाई अध्यक्ष नियुक्त किया गया| संविधान सभा की तीसरी बैठक में नेहरू ने संविधान का उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया जिसे राधा कृष्ण ने पढ़ कर सुनाया था| 22 जनवरी 1947 को यह स्वीकार कर लिया गया| संविधान का निर्माण करने के लिए 13 मुख्य समितियां बनाई गई थी जिनमें से सबसे प्रमुख प्रारूप समिति थी जिसके अध्यक्ष डॉ भीमराव अंबेडकर थे| 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान अंगीकृत, अधिनियमित तथा आत्माप्रीत किया गया| संविधान के निर्माण में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा| 26 नवंबर को विधि दिवस मनाया जाता है|
संविधान सभा के पहले मनोनीत उपसभापति- फ्रेंक एंथोनी
संविधान सभा के पहले निर्वाचित उपाध्यक्ष- एच. सी. मुखर्जी
संविधान सभा के 2 उपाध्यक्ष- एच सी मुखर्जी और वी टी कृष्णमाचारी|
26 नवंबर 2015 को संविधान दिवस
26 जनवरी 1950 को माउंटबेटन ने राजेंद्र प्रसाद को राष्ट्रपति की शपथ दिलाई| भारतीय संविधान अंग्रेजी में लिखा गया है तथा भारत की जनता के नाम यह स्वीकृत किया गया है| मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, 8 अनुसूचियां तथा 22 भाग थे, अब अनुसूचियों की संख्या 12 हो गई है| संविधान का पिता डॉ आंबेडकर को कहां जाता है|

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