1st Grade Political Science Notes राजनीति सिद्धांत परंपरागत एवं आधुनिक दृष्टिकोण in Hindi


राजनीति सिद्धांत

( परम्परागत - आधुनिक दृष्टिकोण)

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राजनीति (पॉलिटिक्स ) शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द पोलिस से हुई है जिसका अर्थ है- नगर राज्य अर्थात नगर राज्य तथा उससे संबंधित जीवन, घटनाओं, क्रियाओ, व्यवहार एवं समस्याओं का अध्ययन ही राजनीति है|
आधुनिक समय में अनेक विद्वानों ने इस शब्द का प्रयोग किया जैसे हेराल्ड लास्की की पुस्तक का नाम - ग्रामर ऑफ पॉलिटिक्स, वुडरो विल्सन की पुस्तक - स्टेट एलिमेंट्स ऑफ हिस्टोरिकल एंड प्रैक्टिकल पॉलिटिक्स|

मैक्स वेबर, केटलिन, लासवेल, रॉबर्ट डहल, मारगेन्थो राजनीति को संघर्ष के रूप में देखते हैं|

वाइजमैन, रफेल राजनीति को सीमित साधनों का बंटवारा करने की प्रक्रिया मानते हैं|

डेविड ईस्टन ने राजनीति को मूल्यों का आधिकारिक आवंटन प्रक्रिया कहां है|

बेंजामिन फ्रैंकलीन राजनीति को ध्रुतो अंतिम आश्रय कहते हैं|

राजनीतिक दर्शन
इसकी प्रकृति दार्शनिक है, काल्पनिक है, इसमें नैतिकता और मूल्यों पर बल दिया जाता है|

राजनीतिक चिंतन
यह किसी विशेष अवधि में संपूर्ण समाज के राजनीतिक मनन का अध्ययन है|

राजनीतिक विज्ञान
सिले, ब्राइस, बर्गेस, विलोबी, गार्नर
राजनीति विज्ञान का सर्वप्रथम प्रयोग गॉडविन और मेरी वुलस्टोरनक्राफ्ट ने किया|

इस प्रकार राजनीतिक सिद्धांत में मूल्य और तत्व दोनों को लिया जाता है|

सेबाइन- “ राजनीति सिद्धांत राजनीतिक समस्याओं का अनुशासित अन्वेषण है|”

भीखू पारीख- “ मानवीय व्यवहार और सामाजिक बदलाव के सबसे सामान्य स्वरूप के बारे में अंतर्दृष्टि और समझ को राजनीतिक सिद्धांत की चिंतनशील भूमिका कहते हैं|”

परंपरागत दृष्टिकोण-
राज्य के अध्ययन के रूप में- ब्लंटशली, गैरीस, गार्नर,

गार्डर के अनुसार “ राजनीतिक शास्त्र का आरंभ और अंत राज्य के साथ होता है| ”
गेटेल के अनुसार “ राजनीति शास्त्र राज्य के भूत, वर्तमान और भविष्य का, राजनीति संगठन तथा राजनीतिक कार्यों का, राजनीतिक संस्थाओं का तथा राजनीतिक सिद्धांतों का अध्ययन करता है|

2. सरकार के दिन के रूप में- पोलजेनेट, लीकॉक और सिले
लीकॉक के शब्दों में “ राजनीतिक शास्त्र सरकार से संबंधित अध्ययन है|

3. राज्य और सरकार के अध्ययन के रूप में- राज्य और सरकार दोनों एक दूसरे के पूरक हैं और घनिष्ठ रूप से अंतरसंबंधित हैं| इन दोनों का प्रथक प्रथक अध्ययन करना न तो संभव है और न वांछनीय है|

गिलक्राइस्ट ने कहा है कि राजनीति विज्ञान का राज्य और सरकार की सामान्य समस्याओं से संबंध होता है|

4. राज्य, सरकार और व्यक्ति के अध्ययन के रूप में- लास्की तथा हरमन हेलर
व्यक्ति के अध्ययन के बिना राजनीति शास्त्र का अध्ययन अधूरा है|
लास्की के शब्दों में “ राजनीति विज्ञान के अध्ययन का संबंध संगठित राज्यों से संबंधित राज्य से संबंधित मनुष्य के जीवन से है|”

आधुनिक दृष्टिकोण
राजनीतिक विज्ञान के परंपरागत दृष्टिकोण मे राजनीति विज्ञान को राज्य और सरकार का अध्ययन बताया गया| किंतु आधुनिक राजनीति शास्त्री अपर्याप्त मानते हैं क्योंकि इसमें शासन की रचना और कार्यप्रणाली के अध्ययन पर बल दिया जाता रहा है| इसमें राजनीतिक विज्ञान का अध्ययन केवल औपचारिक बन कर रह गया| द्वितीय महायुद्ध के पश्चात राजनीतिक विज्ञान की धारणा में क्रांतिकारी परिवर्तन आया| राजनीति विज्ञान को अधिक से अधिक विज्ञान सम्मत बनाने का प्रयत्न किया गया|

1. मानवीय क्रियाओं का अध्ययन - राजनीतिक विज्ञान में विज्ञान है जो मनुष्य के राजनीतिक व्यवहार का अध्ययन करता है| आधुनिक विद्वान राजनीति विज्ञान को मनुष्य के राजनीतिक जीवन और क्रियाकलापों और इसके संदर्भ में मानव जीवन के सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक तथा अन्य पक्षों का अध्ययन करने वाला विज्ञान मानते हैं|

2. शक्ति का अध्ययन- कैटलीन, मैक्स वेबर, लासवेल, मेरीयम, मार्गेनथो कैटलीन ने राजनीति को शक्ति का विज्ञान माना है|

3. राजनीतिक व्यवस्था का अध्ययन- डेविड ईस्टन तथा आलमंड
राजनीतिक व्यवस्था के अंतर्गत राज्य और सरकार की औपचारिक संरचनाओं के साथ साथ उन को प्रभावित करने वाले अनौपचारिक तत्वों के अध्ययन को भी शामिल कर लिया जाता है|

4. निर्णय प्रक्रिया का अध्ययन- कुछ आधुनिक राजनीतिक विज्ञान को निर्णय निर्माण तथा निर्णय प्रक्रिया का अध्ययन करने वाला विषय मानते हैं क्योंकि यदि राजनीतिक विज्ञान सरकार का अध्ययन है, और सरकार का मुख्य कार्य नियम निर्माण करना है तो राजनीतिक शास्त्र को निर्णय प्रक्रिया का विज्ञान कहा जा सकता है|

परंपरागत तथा आधुनिक परिभाषाओं की तुलना

1. परंपरागत परिभाषाएं संकुचित क्षेत्र में व जबकि आधुनिक परिभाषाएं विस्तृत क्षेत्र में

2. परंपरावादी परिभाषाएं राज्य और सरकार का अध्ययन जबकि आधुनिक परिभाषाएं औपचारिक संस्थाओं के साथ साथ अनौपचारिक संस्थाओं का अध्ययन

3. परंपरावादी परिभाषाएं आदर्शों एवं मूल्यों पर जबकि आधुनिक परिभाषाएं तथ्यों पर बल

4. परंपरावादी परिभाषाएं दार्शनिक, ऐतिहासिक और कानूनी पद्धतियों के अध्ययन पर बल जबकि आधुनिक परिभाषाएं अंत: अनुशासनात्मक उपागम और अनुभववादी पद्धतियों पर बल


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