1st Grade Political Science Notes अवधारणाएं (अधिकार) in Hindi

अवधारणाएं (अधिकार)

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अधिकार का अंग्रेजी ' right' है जिसका अर्थ है उचित| अधिकार मनुष्य के सामाजिक जीवन की अनिवार्य एवं उचित आवश्यकताएं हैं जिसके बिना वह समाज में न तो पूरा पूरा लाभ उठा सकता है और ना ही वह समाज के लिए लाभदायक हो सकता है| अर्थात प्रत्येक व्यक्ति के सामाजिक अस्तित्व की कुछ मांगे होती हैं जिन्हें अधिकारों के नाम से बुलाया जाता है|
लास्की- " अधिकार, सामाजिक जीवन की वे शर्ते हैं जिनके बिना कोई व्यक्ति सामान्यतः अपने उत्तम का प्रदर्शन नहीं कर सकता है|"
हॉब हाउस- " अधिकार वही है जैसा कि हम अन्य से अपने प्रति आशा करते हैं और जैसा कि अन्य हमसे आशा करते हैं|"
बोसांके केअनुसार- "अधिकार वह मांग है जिसे समाज मान्यता देता है और राज्य लागू करता है|"
अतः अधिकारों का जन्म समाज में होता है |यदि समाज ही ना हो तो अधिकारों का प्रश्न ही नहीं उठेगा| व्यक्ति समाज से उन अधिकारों की मांग करता है जिन के माध्यम से उनके व्यक्तित्व का विकास पूर्ण हो सके|
राज्य अधिकारों का स्रष्ठा नहीं है, राज्य तो समाज द्वारा मान्य अधिकारों को सभी के लिए वैधानिक मान्यता प्रदान कर देता है|
अधिकार निश्चित होने चाहिए क्योंकि यदि प्रत्येक व्यक्ति अपनी अपनी मांगे रखने लगे तो फिर अधिकारों का कोई मूल्य नहीं रहता|

अधिकारों के सिद्धांत-

1. प्राकृतिक अधिकारों का सिद्धांत- यह सिद्धांत सबसे प्राचीन है| मनुष्य अपने जन्म से ही कुछ अधिकार लेकर उत्पन्न होता है यही अधिकार उसे प्रकृति से मिले हैं जैसे- जीवित रहने का अधिकार, स्वतंत्रता पूर्वक विचरण करने का अधिकार| इन सब के लिए व्यक्ति समाज व राज्य का ऋणी नहीं है| प्राकृतिक अधिकारों के सिद्धांत का सबसे मुखर प्रतिपादन सामाजिक समझौतावादियो ने किया- हॉब्स के अनुसार - "प्राकृतिक अधिकार प्रत्येक व्यक्ति की अपनी स्वभाव की रक्षा के लिए अपनी शक्ति को स्वेच्छानुसार प्रयोग करने की स्वतंत्रता है|" लॉक ने 3 प्राकृतिक अधिकार बताए है - जीवन, स्वतंत्रता, संपत्ति| रूसो के अनुसार- मनुष्य जन्म से स्वतंत्र उत्पन्न होता है, परंतु बाद में समाज उसे चारों ओर से जंजीरों से जकड़ लेता है| "
इसी प्रकार लॉर्ड के अनुसार-" प्राकृतिक अधिकारों की व्याख्या उन परिस्थितियों के अर्थ में कर सकते हैं जो मनुष्य के व्यक्तित्व के विकास के लिए जरूरी है चाहे वे परिस्थितियां मनुष्य द्वारा बनाई गई हो या चाहे और किसी तरह पैदा हुई हो| "

2.अधिकारों का कानूनी सिद्धांत- यह सिद्धांत इस बात में विश्वास करता है कि अधिकार राज्य द्वारा प्राप्त किए जाते हैं, प्रकृति द्वारा नहीं| राज्य के पास ही यह शक्ति है कि आवश्यकतानुसार वह अधिकारों के स्वरुप में परिवर्तन कर सकता है| यह इस बात का खंडन करता है कि अधिकार जन्मजात होते हैं| अधिकारों से संबंधित कानूनी सिद्धांत में यह पता चलता है कि व्यक्तियों ने राज्य का निर्माण इसलिए किया है कि अधिकारों की उचित रक्षा हो सके| दूसरे शब्दों में- शासन के आदेश की देन है| बोंदा, हौब्स,ऑस्टिन, बेंथम आदि इसके समर्थक है|

3. अधिकारों का ऐतिहासिक सिद्धांत- इसके अनुसार अधिकार रिति- रिवाज व परंपराओं की देन है| इतिहास अधिकार की सृष्टि करता है| किसी भी समाज में वर्षों से चली आने वाले परंपरा और रीति रिवाज धीरे-धीरे अधिकार का रूप धारण कर लेते हैं और समाज या व्यक्ति उन परंपराओं के पालन के अभ्यस्त हो जाते हैं| और इस संबंध में आश्वस्त हो जाते हैं कि इनका पालन वे करते रहेंगे|
रिची के अनुसार-" हम प्राय: जिन अधिकारों को आवश्यक समझते हैं वे ऐसे ही अधिकार होते हैं, जिनके हम अभ्यस्त होते हैं या जिनके बारे में यह परंपरा रहती है कि वे कभी हमें प्राप्त थे|" इस सिद्धांत के समर्थक हैं- एडमंड बर्क, हेनरी मेंन, माइकल ऑक शॉट|

4. अधिकारों का आदर्शवादी सिद्धांत- इस सिद्धांत के अनुसार अधिकार मनुष्य के आंतरिक विकास के लिए आवश्यक बाहरी परिस्थितियां हैं| हीगल के अनुसार- राज्य धरती पर ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना है| इनके अनुसार अधिकार राज्य की देन है क्योंकि राज्य, साध्य, सर्वशक्तिमान व सर्वोच्च है| अधिकारों के बिना किसी व्यक्ति का समुचित और पूर्ण विकास नहीं हो सकता| प्रत्येक व्यक्ति को ऐसे अधिकार प्राप्त होनी चाहिए जो उसके व्यक्तित्व के विकास के लिए आवश्यक हो|
ग्रीन के अनुसार-" अधिकार वे शक्तियां हैं जो एक नैतिक प्राणी के नाते मनुष्य के विकास के लिए आवश्यक है|

5. अधिकारों का सामाजिक कल्याण संबंधी विचार- अधिकार सामाजिक कल्याण की आवश्यक शर्त है| अधिकार का निर्माण समाज करता है| बेंथम और मिल ने अधिकारों को वे सामाजिक दशाऐ माना जो समाज तथा व्यक्ति के विकास के लिए उपयोगी है| लेकिन यह सिद्धांत सकारात्मक अधिकारों में रोटी, कपड़ा, मकान पर विशेष बल देता है| इस सिद्धांत की विस्तृत व्याख्या करता है| वह अपनी पुस्तक की "ए ग्रामर ऑफ पॉलिटिक्स" में अधिकारों की सूची प्रस्तुत करता है- रोजगार, शिक्षा, उचित वातावरण, विधि के समक्ष समानता आदि|

6. अधिकारों का मार्क्सवादी सिद्धांत- यह सिद्धांत अधिकारों के विषय को समाज में विद्यमान आर्थिक व्यवस्था के साथ जोड़ता है| मार्क्सवाद के अनुसार, किसी भी राज्य में किसी भी युग में प्रचलित अधिकार प्रभुत्वशाली वर्ग के अधिकार होते हैं| प्रभावशाली वर्ग उत्पादन और वितरण के साधनों पर स्वामित्व रखता है और केवल स्वयं को सत्ता में रखने के लिए अधिकारों की व्यवस्था उत्पन्न करता है और प्रभावहीन वर्ग के शोषण एवं दमन का अधिकार प्राप्त कर लेता है| मजदूर वर्ग को तब तक अधिकार प्राप्त नहीं होते जब तक पूंजीवादी व्यवस्था के स्थान पर समाजवादी व्यवस्था स्थापित नहीं होती| समाजवादी व्यवस्था में मजदूर वर्ग प्रभावशाली हो जाएगा और उसे अधिकार प्राप्त हो जाएंगे और हर कोई अपनी क्षमता के अनुसार कार्य करेंगे और अपने कार्य के अनुसार प्राप्त करेंगे| इस प्रकार मार्क्स ने सबसे महत्वपूर्ण अधिकार आर्थिक अधिकार बताया है|

7.अधिकारों का स्वतंत्रतावादी सिद्धांत- नौजिक की कृति- 'एनार्की, स्टेर एंड यूरोपिया' मे यह सिद्धांत दिया कि प्रत्येक व्यक्ति को कुछ निश्चित अधिकार प्राप्त हैं| यह अधिकार असीम है| विशेषकर व्यक्ति की संपत्ति के अधिकार असीम है किसी दूसरे द्वारा दखल की इजाजत नहीं दी जा सकती है|

अधिकारों का वर्गीकरण-

1. नागरिक अधिकार- ये अधिकार नागरिकों नागरिक होने के नाते प्रदान किये जाते हैं| ये व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास के लिए आवश्यक है| इनका आधार प्राकृतिक होता है जैसे- जीवन का अधिकार, व्यवसाय की स्वतंत्रता का अधिकार, विचार अभिव्यक्ति का अधिकार|

2. राजनीतिक अधिकार- मत देने का अधिकार, निर्वाचन में भाग लेने का अधिकार, समानता का अधिकार आदि इसके अंतर्गत आते हैं|

3. आर्थिक अधिकार- संपत्ति का अधिकार, काम पाने का अधिकार, आर्थिक सुरक्षा का अधिकार|

4. सामाजिक एवं सांस्कृतिक अधिकार- मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है वह समाज में सब के साथ मिलकर रहना चाहता है| वह समाज में सामाजिक संस्थाओं का भी सदस्य होता है और अनेक गतिविधियों में भाग लेना चाहता है|

5. शैक्षिक अधिकार- प्रत्येक नागरिक को शिक्षित करने के लिए पर्याप्त प्रबल करने का अधिकार होना चाहिए क्योंकि शिक्षा से ही व्यक्ति की कार्य क्षमता से संपन्न होता है तथा अच्छा नागरिक भी बनता है|

6. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार- प्रत्येक नागरिक को किसी भी धर्म का पालन करने की पूर्ण स्वतंत्रता होनी चाहिए| व्यक्ति के धार्मिक कार्यों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए| व्यक्ति किसी भी धर्म में विश्वास कर सकता है और कोई भी उपासना पद्धति अपना सकता है|

7. न्यायिक अधिकार- न्याय प्राप्त करने का अधिकार सबसे महत्वपूर्ण है| संविधान द्वारा नागरिकों को यह आश्वासन दिया जाना चाहिए कि उन्हें जितने अधिकार दिए जाएंगे उनका पालन होगा| व्यक्ति के अधिकार सुरक्षित होंगे| यदि कोई अधिकारों का उल्लंघन करेगा तो नागरिक न्यायपालिका का दरवाजा खटखटा सकता है|

अधिकार संबंधी प्रमुख विचारकों के विचार-

हौब्स- प्राकृतिक अधिकारों पर विचार प्रकट किए हैं| उनका कहना है कि प्राकृतिक अवस्था का मनुष्य अपने जीवन की रक्षा के लिए जो भी कार्य करता है वह उसका प्राकृतिक अधिकार है|


लॉक- सभी मनुष्य प्रकृति से सम्मान, स्वतंत्र और समाज प्रिय होते हैं| 3 प्राकृतिक अधिकार बताएं- जीवन, स्वतंत्रता, संपत्ति|


रूसो- प्राकृतिक दशाओ में मनुष्य को सब प्रकार के अधिकार प्राप्त थे और वह अपनी इच्छा अनुसार इनका उपभोग कर सकता था|


टोंमस पेन- प्राकृतिक अधिकारों के सिद्धांत का समर्थन किया और उन अधिकारों की रक्षा के लिए क्रांति की आवश्यकता पर बल दिया|


कांट- अधिकारों की नैतिक अवधारणा प्रस्तुत की|


बेंथम- बेंथम ने प्राकृतिक अधिकारों के सिद्धांतों को स्वीकार नहीं किया| उनका विश्वास है कि सारे अधिकारों का स्त्रोत कानून है| कानून की आवश्यकता अनुसार अधिकार प्रदान करता है|


ग्रीन- अधिकारों का तात्पर्य जीवन की भौतिक तथा बाहय परिस्थितियों से है जो कि व्यक्तियों द्वारा अपने नैतिक आदर्श की प्राप्ति के लिए आवश्यक है| ग्रीन प्राकृतिक अधिकारों को नहीं मानता|


जॉन रॉल्स- काल्पनिक सामाजिक समझौते का विचार प्रस्तुत करते हैं|


महत्वपूर्ण प्रश्न

मत देने का अधिकार है-

अ विधिक अधिकार
ब व्यक्तिगत अधिकार
स सामाजिक अधिकार
द राजनीतिक अधिकार

2. अधिकारों का आदर्शवादी सिद्धांत मनुष्य के-
अ सामाजिक विकास पर बल देता है
ब आर्थिक विकास पर बल देता है
स नागरिक विकास पर बल देता है
द नैतिक विकास पर बल देता है

3. " प्राकृतिक अधिकारों का सिद्धांत बकवास है|" किसने कहा है?
अ बेंथम
ब जेम्स मिल
स जे एस मिल
द बार्कर

4. स्वतंत्रता का अधिकार एक-
अ नैतिक अधिकार है
ब नागरिक अधिकार है
स राजनीतिक अधिकार है
द प्राकृतिक अधिकार है

5. बेंथम कौन से सिद्धांत का समर्थक था?
अ नागरिक अधिकार
ब ऐतिहासिक अधिकार
स कानूनी अधिकार
द नैतिक अधिकार

6. " लॉक के अनुसार कौन सा अधिकार प्राकृतिक अधिकार नहीं है?
अ स्वतंत्रता का अधिकार
ब जीवन का अधिकार
स संपत्ति का अधिकार
द समानता का अधिकार

7. निम्नलिखित में से कौन-सा अधिकारों का सिद्धांत नहीं है?
अ अधिकारों का प्राकृतिक सिद्धांत
ब अधिकारों का विधिक सिद्धांत
स अधिकारों का आदर्शवादी सिद्धांत
द अधिकारों का सावयव सिद्धांत

8. " प्राकृतिक अधिकार" के प्रतिपादक हैं-
अ ग्रीन
ब लास्की
स मैकाइवर
द लॉक

9. केवल शिक्षित लोगों को ही मताधिकार मिलना चाहिए, इस विचार के समर्थक थे?
अ नेहरू
ब लास्की
स वुड्रो विल्सन
द जे एस मिल

10. " अधिकार वे बाह्य शर्ते हैं जो मनुष्य की आंतरिक विकास के लिए आवश्यक है|" यह कथन किसका है?
अ हीगल
ब ग्रीन
स बोसांके
द लास्की

11. निम्नलिखित में से कौन आत्मरक्षा को व्यक्ति का मूल अधिकार मांगता है?
अ मार्क्स
ब रूसो
स लोक
द होब्स

12. यह कथन किसका है- अधिकार वह मांग है जिसे समाज स्वीकार करता है और राज्य लागू करता है|
अ लास्की
ब बोसांके
स वाइल्ड
द बार्कर


13. ' अधिकार जन्मजात होते हैं' यह धारणा अधिकारों के किस सिद्धांत की है?
अ ऐतिहासिक
ब वैधानिक
स आदर्शवादी
द प्राकृतिक

14. अधिकार है-
अ राज्य प्रदत परिस्थितियां और अवसर
ब राज्य द्वारा व्यक्ति के मार्ग का अवरोधक
स राज्य के लिए बोझ
द उक्त कोई नहीं

15. यह कथन किसका है-" मनुष्य स्वतंत्र पैदा हुआ है लेकिन वह सर्वत्र बंधनों से जकड़ा हुआ है|"
अ लॉक
ब रूसो
स ग्रीन
द मेकियावेली

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