केंद्र - राज्य संबंध
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भारतीय संविधान के भाग 1 में अनुच्छेद 1 से 4 तक भारतीय संघ एवं उसके राज्य क्षेत्र के बारे में उपबंध है| अनुच्छेद 1- भारत, राज्यों का संघ होगा| अनुच्छेद 2- भारत संघ में नए राज्यों की प्रवेश की शक्ति संसद में निहित है| अनुच्छेद 3- नए राज्यों के निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन की शक्ति संसद में निहित है| अनुच्छेद 4- अनुच्छेद 2,अनुच्छेद 3 के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए संसद यदि कोई कानून बनाती है तो वह अनुच्छेद 368 के प्रयोजन के लिए संविधान का संशोधन नहीं समझी जाएगी| शक्तियों के विभाजन के आधार पर शासन प्रणाली को दो भागों में विभाजित किया गया है- संघात्मक और एकात्मक शासन प्रणाली| संघात्मक शासन में केंद्र व राज्यों के मध्य शक्तियों का विभाजन किया जाता है तथा एकात्मक शासन में सारी शक्तियां केंद्र में निहित रहती हैं| भारत की संघीय व्यवस्था ' कनाडाई प्रतिमान' पर आधारित है जिसमें केंद्र को शक्तिशाली बनाया गया है| भारतीय संविधान में संघात्मक और एकात्मक शासन व्यवस्था का मिश्रित रूप अपनाया गया है|
एम वी पायली- भारत के संविधान का ढांचा संघात्मक है, किंतु उसकी आत्मा एकात्मक है|
केंद्र - राज्य संबंध
1. केंद्र - राज्य विधायी संबंध- (अनुच्छेद 245- 255)
अनुच्छेद 245- केंद्र के कानून का प्रभाव संपूर्ण भारत में होगा जबकि राज्य विधानमंडल के कानून का प्रभाव राज्य तक सीमित होगा|
अनुच्छेद 246- इसके अंतर्गत संघ सूची के विषयों पर कानून निर्माण की शक्ति संसद को प्राप्त है जैसे राष्ट्रीय महत्व के विषय- रक्षा, विदेश संबंध, युद्ध व संधि आदि| तथा राज्य सूची में कानून निर्माण की शक्ति राज्य विधान मंडल को है, इसके अंतर्गत स्थानीय विषय जैसे- लोक व्यवस्था, पुलिस, कारागृह, जन स्वास्थ्य आदि|
अनुच्छेद 247- संसद अतिरिक्त न्यायालयों की स्थापना कर सकती है|
अनुच्छेद 248- अवशिष्ट शक्तियां संघ में निहित होती हैं जैसे साइबर कानून आदि| कोई विषय अवशिष्ट विषय है या नहीं इसके निर्धारण की शक्ति न्यायालय के पास है|
अनुच्छेद 249- इसके अंतर्गत राज्य सूची के किसी भी विषय को राष्ट्रीय महत्व का घोषित कर सकती है तथा 1 वर्ष तक कानून बना सकती है|
अनुच्छेद 250- आपातकाल के समय संसद राज्य सूची पर कानून बना सकती है|
अनुच्छेद 252- दो या दो से अधिक राज्यों के विधान मंडल प्रस्ताव पारित कर राज्य सूची के किन्ही विषयों पर संसद से कानून बनाने हेतु अपील करें|
अनुच्छेद 253- विदेशी राज्य से हुई संधियों के पालन हेतु|
अनुच्छेद 254- समवर्ती सूची पर संघ व राज्य दोनों कानून बना सकती है परंतु टकराव की स्थिति में संघ का कानून मान्य होगा|
2. केंद्र - राज्य प्रशासनिक संबंध- (अनुच्छेद 256- 263)
अनुच्छेद 256- केंद्र राज्य को यह निर्देश दे सकता है कि उन्हें अपनी कार्यकारी शक्ति का उपयोग किस प्रकार करना चाहिए|
अनुच्छेद 257- राज्य का यह दायित्व है कि वे केंद्रीय प्रशासन में कोई बाधा उत्पन्न न होने दे|
अनुच्छेद 258- संघ सरकार अपने कार्य राज्य सरकार को सौंप सकती है|
अनुच्छेद 262- यह राज्यों के मध्य नदी जल विवाद को दूर करता है|
अनुच्छेद 263 -राजू के बीच उत्पन्न होने वाले विवादों की जांच एवं सलाह हेतु उन विषयों पर छानबीन कर विचार करें जिनमें राज्यों की समान रुचि हो, ऐसे विषयों पर सिफारिश हेतु एक अंतर राज्य परिषद की स्थापना करें| इसकी भूमिका केवल सलाहकारी है|
3. केंद्र - राज्य वित्तीय संबंध-केंद्र को अधिक वित्तीय शक्तियां प्रदान की गई है|
अनुच्छेद 265- विधि की अनुमति के बिना कोई कर नहीं लगाया जाएगा|
अनुच्छेद 266- संचित निधि का प्रावधान
अनुच्छेद 267- संसद को भारत की आकस्मिक निधि स्थापित करने की शक्ति दी गई है|
अनुच्छेद 268- संघ द्वारा उद्ग्रहित तथा राज्यों द्वारा संग्रहित विनियोजन किए जाने वाले कर, स्टांप शुल्क आदि सम्मिलित है|
अनुच्छेद 270- इसमें संघ द्वारा उद्धग्रहित व संग्रहित संघ व राज्य में बाटे जाने वाले कर|
अनुच्छेद 280- वित्त आयोग का गठन राष्ट्रपति प्रत्येक 5 वर्ष के पश्चात करता है|
अनुच्छेद 285- संघ की संपत्ति को राज्य के करो से छूट होगी|
अनुच्छेद 272- संघ द्वारा उधार लेना
अनुच्छेद 273- राजू द्वारा उधार लेना|
केंद्र राज्य संबंधों के अध्ययन के लिए गठित प्रमुख आयोग-
1. प्रशासनिक सुधार आयोग- 1966, अध्यक्ष- मोरारजी देसाई, 22 सिफारिशें दी| ( राज्यपाल के रूप में गैर दलित व्यक्ति की नियुक्ति, राज्यों में केंद्रीय सशस्त्र बल की तैनाती आदि)
2. राजमन्नार आयोग- 1969, तमिलनाडु सरकार द्वारा गठन, अनुच्छेद 356 को समाप्त किया जाए, IAS पद को भी समाप्त किया जाएआदि|
3. आनंदपुर साहिब प्रस्ताव- 1973, अकाली दल पंजाब सरकार द्वारा पारित, जिसमें केंद्र व राज्य संबंधों के विषय में महत्वपूर्ण परिवर्तन की मांग व सुझाव दिया|
4. सरकारिया आयोग- 1983, केंद्र मजबूत होना चाहिए, वित्त आयोग, योजना आयोग में समन्वय करना चाहिए, अनुच्छेद 356 का अंतिम विकल्प के रूप में प्रयोग करना चाहिए|
5. पूंछी आयोग- 2007, अध्यक्ष- मदन मोहन पुंछी, इसका कहना था सरकारिया आयोग की सिफारिशों को तुरंत लागू किया जाए, स्थानीय प्रशासनिक को मजबूत बनाया जाए आदि|
महत्वपूर्ण प्रश्न
संविधान के किस भाग में केंद्र राज्य संबंधों का वर्णन किया गया है?
अ भाग 11
ब भाग 12
स भाग 11 एवं भाग 12
द भाग 10
2. भारतीय संविधान के कौन से अनुच्छेद में अवशिष्ट शक्तियों का उल्लेख है?
अ अनुच्छेद 248
ब अनुच्छेद 249
स अनुच्छेद 245
द अनुच्छेद 251
3. भारतीय संविधान के निम्न में से संघात्मक लक्षण है?
अ संविधान की सर्वोच्चता
ब लिखित संविधान
स शक्तियो का विभाजन
द उपर्युक्त सभी
4. भारतीय संविधान के निम्न में से एकात्मक लक्षण है?
अ शक्तियों का बंटवारा केंद्र के पक्ष में
ब इकहरी नागरिकता
स एकीकृत न्याय व्यवस्था
द उपर्युक्त सभी
5. भारतीय संविधान में भारत के लिए किस शब्द का प्रयोग किया गया है?
अ संघ राज्य
ब राज्यों का संघ
स संघ
द संघ राज्य एवं राज्यों का संघ दोनों
6. भारतीय संघीय व्यवस्था कहां से ग्रहित है-
अ अमेरिका से
ब जर्मनी से
स कनाडा
द सोवियत संघ
7. केंद्रीय वित्त आयोग की स्थापना कौन से अनुच्छेद के तहत की जाती है?
अ अनुच्छेद 262
ब अनुच्छेद 206
स अनुच्छेद 280
द अनुच्छेद 209
8. संघ सूची में कितने विषय शामिल है?
अ 97
ब 100
स 99
द 98
9. अवशिष्ट सूची के विषय का उदाहरण है-
अ मादक पदार्थों पर कर
ब जेल
स साइबर अपराध
द स्थानीय प्रशासन
10. संघ सूची में कौन से विषय शामिल हैं?
अ प्रतिरक्षा
ब विदेश संबंध
स मुद्रा
द उक्त सभी
11. 'राज्यों का संघ' कौन से अनुच्छेद के तहत है-
अ अनुच्छेद 1
ब अनुच्छेद 2
स अनुच्छेद तीन
द अनुच्छेद 4
12. फेडरल गवर्नमेंट किस विद्वान की रचना है?
अ गार्नर
ब प्लेटो
स के सी व्हीयर
द लास्की
13. भारत का संविधान---
अ संघात्मक नहीं है
ब एकात्मक है
स न तो एकात्मक है और ना ही संघात्मक
द एकात्मक और संघात्मक दोनों का सुखद स्म्मीश्रण है
14. राज्यपालों के लिए मार्ग निर्देशक सिद्धांत निर्धारित किए जाने की अनुशंसा किसने की थी?
अ गोरे वाला समिति
ब बलवंत राय मेहता समिति
स अशोक मेहता समिति
द प्रशासनिक सुधार आयोग
15. भारत में केंद्र राज्य संबंध इकाइयों की स्वायत्तता के लिए कौन सा निम्न में से सहायक नहीं है?
अ राज्यपाल के पद के कारण
ब आपातकालीन प्रावधानों के कारण
स सातवीं अनुसूची में तीन सूचियों के कारण
द उपरोक्त सभी कारणों से
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भारतीय संविधान के भाग 1 में अनुच्छेद 1 से 4 तक भारतीय संघ एवं उसके राज्य क्षेत्र के बारे में उपबंध है| अनुच्छेद 1- भारत, राज्यों का संघ होगा| अनुच्छेद 2- भारत संघ में नए राज्यों की प्रवेश की शक्ति संसद में निहित है| अनुच्छेद 3- नए राज्यों के निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन की शक्ति संसद में निहित है| अनुच्छेद 4- अनुच्छेद 2,अनुच्छेद 3 के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए संसद यदि कोई कानून बनाती है तो वह अनुच्छेद 368 के प्रयोजन के लिए संविधान का संशोधन नहीं समझी जाएगी| शक्तियों के विभाजन के आधार पर शासन प्रणाली को दो भागों में विभाजित किया गया है- संघात्मक और एकात्मक शासन प्रणाली| संघात्मक शासन में केंद्र व राज्यों के मध्य शक्तियों का विभाजन किया जाता है तथा एकात्मक शासन में सारी शक्तियां केंद्र में निहित रहती हैं| भारत की संघीय व्यवस्था ' कनाडाई प्रतिमान' पर आधारित है जिसमें केंद्र को शक्तिशाली बनाया गया है| भारतीय संविधान में संघात्मक और एकात्मक शासन व्यवस्था का मिश्रित रूप अपनाया गया है|
एम वी पायली- भारत के संविधान का ढांचा संघात्मक है, किंतु उसकी आत्मा एकात्मक है|
केंद्र - राज्य संबंध
1. केंद्र - राज्य विधायी संबंध- (अनुच्छेद 245- 255)
अनुच्छेद 245- केंद्र के कानून का प्रभाव संपूर्ण भारत में होगा जबकि राज्य विधानमंडल के कानून का प्रभाव राज्य तक सीमित होगा|
अनुच्छेद 246- इसके अंतर्गत संघ सूची के विषयों पर कानून निर्माण की शक्ति संसद को प्राप्त है जैसे राष्ट्रीय महत्व के विषय- रक्षा, विदेश संबंध, युद्ध व संधि आदि| तथा राज्य सूची में कानून निर्माण की शक्ति राज्य विधान मंडल को है, इसके अंतर्गत स्थानीय विषय जैसे- लोक व्यवस्था, पुलिस, कारागृह, जन स्वास्थ्य आदि|
अनुच्छेद 247- संसद अतिरिक्त न्यायालयों की स्थापना कर सकती है|
अनुच्छेद 248- अवशिष्ट शक्तियां संघ में निहित होती हैं जैसे साइबर कानून आदि| कोई विषय अवशिष्ट विषय है या नहीं इसके निर्धारण की शक्ति न्यायालय के पास है|
अनुच्छेद 249- इसके अंतर्गत राज्य सूची के किसी भी विषय को राष्ट्रीय महत्व का घोषित कर सकती है तथा 1 वर्ष तक कानून बना सकती है|
अनुच्छेद 250- आपातकाल के समय संसद राज्य सूची पर कानून बना सकती है|
अनुच्छेद 252- दो या दो से अधिक राज्यों के विधान मंडल प्रस्ताव पारित कर राज्य सूची के किन्ही विषयों पर संसद से कानून बनाने हेतु अपील करें|
अनुच्छेद 253- विदेशी राज्य से हुई संधियों के पालन हेतु|
अनुच्छेद 254- समवर्ती सूची पर संघ व राज्य दोनों कानून बना सकती है परंतु टकराव की स्थिति में संघ का कानून मान्य होगा|
2. केंद्र - राज्य प्रशासनिक संबंध- (अनुच्छेद 256- 263)
अनुच्छेद 256- केंद्र राज्य को यह निर्देश दे सकता है कि उन्हें अपनी कार्यकारी शक्ति का उपयोग किस प्रकार करना चाहिए|
अनुच्छेद 257- राज्य का यह दायित्व है कि वे केंद्रीय प्रशासन में कोई बाधा उत्पन्न न होने दे|
अनुच्छेद 258- संघ सरकार अपने कार्य राज्य सरकार को सौंप सकती है|
अनुच्छेद 262- यह राज्यों के मध्य नदी जल विवाद को दूर करता है|
अनुच्छेद 263 -राजू के बीच उत्पन्न होने वाले विवादों की जांच एवं सलाह हेतु उन विषयों पर छानबीन कर विचार करें जिनमें राज्यों की समान रुचि हो, ऐसे विषयों पर सिफारिश हेतु एक अंतर राज्य परिषद की स्थापना करें| इसकी भूमिका केवल सलाहकारी है|
3. केंद्र - राज्य वित्तीय संबंध-केंद्र को अधिक वित्तीय शक्तियां प्रदान की गई है|
अनुच्छेद 265- विधि की अनुमति के बिना कोई कर नहीं लगाया जाएगा|
अनुच्छेद 266- संचित निधि का प्रावधान
अनुच्छेद 267- संसद को भारत की आकस्मिक निधि स्थापित करने की शक्ति दी गई है|
अनुच्छेद 268- संघ द्वारा उद्ग्रहित तथा राज्यों द्वारा संग्रहित विनियोजन किए जाने वाले कर, स्टांप शुल्क आदि सम्मिलित है|
अनुच्छेद 270- इसमें संघ द्वारा उद्धग्रहित व संग्रहित संघ व राज्य में बाटे जाने वाले कर|
अनुच्छेद 280- वित्त आयोग का गठन राष्ट्रपति प्रत्येक 5 वर्ष के पश्चात करता है|
अनुच्छेद 285- संघ की संपत्ति को राज्य के करो से छूट होगी|
अनुच्छेद 272- संघ द्वारा उधार लेना
अनुच्छेद 273- राजू द्वारा उधार लेना|
केंद्र राज्य संबंधों के अध्ययन के लिए गठित प्रमुख आयोग-
1. प्रशासनिक सुधार आयोग- 1966, अध्यक्ष- मोरारजी देसाई, 22 सिफारिशें दी| ( राज्यपाल के रूप में गैर दलित व्यक्ति की नियुक्ति, राज्यों में केंद्रीय सशस्त्र बल की तैनाती आदि)
2. राजमन्नार आयोग- 1969, तमिलनाडु सरकार द्वारा गठन, अनुच्छेद 356 को समाप्त किया जाए, IAS पद को भी समाप्त किया जाएआदि|
3. आनंदपुर साहिब प्रस्ताव- 1973, अकाली दल पंजाब सरकार द्वारा पारित, जिसमें केंद्र व राज्य संबंधों के विषय में महत्वपूर्ण परिवर्तन की मांग व सुझाव दिया|
4. सरकारिया आयोग- 1983, केंद्र मजबूत होना चाहिए, वित्त आयोग, योजना आयोग में समन्वय करना चाहिए, अनुच्छेद 356 का अंतिम विकल्प के रूप में प्रयोग करना चाहिए|
5. पूंछी आयोग- 2007, अध्यक्ष- मदन मोहन पुंछी, इसका कहना था सरकारिया आयोग की सिफारिशों को तुरंत लागू किया जाए, स्थानीय प्रशासनिक को मजबूत बनाया जाए आदि|
महत्वपूर्ण प्रश्न
संविधान के किस भाग में केंद्र राज्य संबंधों का वर्णन किया गया है?
अ भाग 11
ब भाग 12
स भाग 11 एवं भाग 12
द भाग 10
2. भारतीय संविधान के कौन से अनुच्छेद में अवशिष्ट शक्तियों का उल्लेख है?
अ अनुच्छेद 248
ब अनुच्छेद 249
स अनुच्छेद 245
द अनुच्छेद 251
3. भारतीय संविधान के निम्न में से संघात्मक लक्षण है?
अ संविधान की सर्वोच्चता
ब लिखित संविधान
स शक्तियो का विभाजन
द उपर्युक्त सभी
4. भारतीय संविधान के निम्न में से एकात्मक लक्षण है?
अ शक्तियों का बंटवारा केंद्र के पक्ष में
ब इकहरी नागरिकता
स एकीकृत न्याय व्यवस्था
द उपर्युक्त सभी
5. भारतीय संविधान में भारत के लिए किस शब्द का प्रयोग किया गया है?
अ संघ राज्य
ब राज्यों का संघ
स संघ
द संघ राज्य एवं राज्यों का संघ दोनों
6. भारतीय संघीय व्यवस्था कहां से ग्रहित है-
अ अमेरिका से
ब जर्मनी से
स कनाडा
द सोवियत संघ
7. केंद्रीय वित्त आयोग की स्थापना कौन से अनुच्छेद के तहत की जाती है?
अ अनुच्छेद 262
ब अनुच्छेद 206
स अनुच्छेद 280
द अनुच्छेद 209
8. संघ सूची में कितने विषय शामिल है?
अ 97
ब 100
स 99
द 98
9. अवशिष्ट सूची के विषय का उदाहरण है-
अ मादक पदार्थों पर कर
ब जेल
स साइबर अपराध
द स्थानीय प्रशासन
10. संघ सूची में कौन से विषय शामिल हैं?
अ प्रतिरक्षा
ब विदेश संबंध
स मुद्रा
द उक्त सभी
11. 'राज्यों का संघ' कौन से अनुच्छेद के तहत है-
अ अनुच्छेद 1
ब अनुच्छेद 2
स अनुच्छेद तीन
द अनुच्छेद 4
12. फेडरल गवर्नमेंट किस विद्वान की रचना है?
अ गार्नर
ब प्लेटो
स के सी व्हीयर
द लास्की
13. भारत का संविधान---
अ संघात्मक नहीं है
ब एकात्मक है
स न तो एकात्मक है और ना ही संघात्मक
द एकात्मक और संघात्मक दोनों का सुखद स्म्मीश्रण है
14. राज्यपालों के लिए मार्ग निर्देशक सिद्धांत निर्धारित किए जाने की अनुशंसा किसने की थी?
अ गोरे वाला समिति
ब बलवंत राय मेहता समिति
स अशोक मेहता समिति
द प्रशासनिक सुधार आयोग
15. भारत में केंद्र राज्य संबंध इकाइयों की स्वायत्तता के लिए कौन सा निम्न में से सहायक नहीं है?
अ राज्यपाल के पद के कारण
ब आपातकालीन प्रावधानों के कारण
स सातवीं अनुसूची में तीन सूचियों के कारण
द उपरोक्त सभी कारणों से
सभी answers नीचे दिए गए pdf में है
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