स्थानीय शासन: पंचायती राज, शहरी स्थानीय स्वशासन
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स्थानीय स्वशासन से आशय है जिसमें निचले स्तर पर लोगों को भागीदार बनाकर लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण को सुनिश्चित किया जाता है| भारत में पंचायती राज व्यवस्था प्राचीन काल से विद्यमान है| 1882 में भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड रिपन ने भारत में स्थानीय स्वशासन की शुरुआत की, इसलिए इन्हें भारत में स्थानीय स्वशासन का जनक माना जाता है| यह राज्य सूची का विषय है तथा इसके अंतर्गत पंचायती राज तथा शहरी स्थानीय शासन दोनों आते हैं|
जवाहरलाल नेहरू ने पंचायतों को लोकतंत्र की प्रथम पाठशाला कहा| वही ग्राम स्वराज्य की धारणा का प्रतिपादन महात्मा गांधी ने अपनी पुस्तक ' माई पिक्चर ऑफ फ्री इंडिया' मे किया| अनुच्छेद 40 में प्रावधान किया गया कि राज्य पंचायती राज का गठन करेगा| इसीलिए इसकी भूमिका तैयार करने के लिए 1952 में सामुदायिक विकास कार्यक्रम प्रारंभ किया गया|
बलवंत राय मेहता समिति- सामुदायिक विकास कार्यक्रम की समीक्षा करने तथा ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं को प्रभावी बनाने के लिए 1957 में इसका गठन किया| 2 अक्टूबर 1959 को राजस्थान में पंचायती राज का शुभारंभ नागौर जिले के बगदरी गांव में किया गया| जवाहरलाल नेहरू के द्वारा पंचायती राज प्रणाली का उद्घाटन किया गया|
अशोक मेहता समिति- 1977 जनता पार्टी सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के संबंध में अशोक मेहता की अध्यक्षता में एक समिति गठित की| इसकी सिफारिशे- एनजीओ की भूमिका सुनिश्चित की जाए, न्याय पंचायत का गठन किया जाए, राज्य निर्वाचन आयोग का गठन किया जाए आदि|
जी वी के राव समिति- विकास एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम की प्रशासनिक व्यवस्था के लिए 1985 में गठन किया गया| इसने अशोक मेहता समिति की सिफारिशों को शीघ्र लागू करने की सिफारिश की तथा ग्रामीण क्षेत्र की विकास प्रक्रिया में ब्लॉक विकास कार्यक्रम आधार स्तंभ होना चाहिए|
एल एम सिंघवी समिति- ( 1986) इस समिति ने पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा देने की बात कही गई|
पी के थुंगन समिति- (1988) इस समिति का गठन पंचायती राज संस्थाओं पर विचार करने के लिए किया गया| इस समिति ने भी पंचायती राज संस्थाओं को शक्तिशाली बनाने के लिए संवैधानिक दर्जा देने का सुझाव दिया|
73 वा संविधान संशोधन अधिनियम- यह अधिनियम पंचायतों को स्वशासन की संस्थाओं के रूप में काम करने हेतु आवश्यक शक्तियां और अधिकार प्रदान करने के लिए राज्य सरकार को अधिकार प्रदान करता है| साथ ही ग्राम स्तर पर ग्राम सभा की स्थापना, हर पांच साल में पंचायतों के नियमित चुनाव, महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटों का आरक्षण आदि|
अनुच्छेद 243 A- ग्राम सभा का गठन जिसके सदस्य उस पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव या गांवों से संबंधित मतदाता सूची में पंजीकृत व्यक्ति होंगे|
अनुच्छेद 243 B- इसके अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रणाली का गठन|
अनुच्छेद 243 C-ग्राम पंचायत का गठन एवं संरचना
अनुच्छेद 243 D- स्थानों का आरक्षण ( अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए उनकी जनसंख्या के अनुपात में स्थान आरक्षित होंगे)
अनुच्छेद 243 E- पंचायती राज में सभी स्तरों पर पंचायतों का कार्यकाल 5 वर्ष निर्धारित किया गया है|
अनुच्छेद 243 F- योग्यताएं
अनुच्छेद 243 G- पंचायत को अपने विकास कार्यक्रम बनाने की शक्ति होगी|
अनुच्छेद 243 K- प्रत्येक राज्य में इन संस्थाओं के चुनाव निष्पक्ष व समय पर करवाने हेतु प्रथक से राज्य निर्वाचन आयोग का प्रावधान|
शहरी स्थानीय स्वशासन
स्थानीय शासन के ग्रामीण इकाइयों की भाति नगरीय स्थानीय शासन भी भारत में प्राचीन काल से ही चले आ रहे हैं| शहरी स्थानीय शासन राज्य सूची का विषय होने के कारण राज्य द्वारा अपनी सुविधा अनुसार इस पर कानून बनाया गया जिससे संपूर्ण देश में एकरूपता का अभाव रहा| 74 वा संशोधन अधिनियम द्वारा नगरीय क्षेत्र में स्थानीय स्वायत्त शासन की इकाइयों को संवैधानिक दर्जा मिला|
त्रिस्तरीय नगरीय निकाय - अनुच्छेद 243थ, इस अधिनियम द्वारा तीन प्रकार के नगर निकायों की व्यवस्था की गई| ( नगर पंचायत, नगर परिषद और नगर निगम)
नगरीय निकायों की संरचना- अनुच्छेद 243द, अंतर्गत किसी नगर निकाय में सभी स्थान संबंधित नगर निकाय क्षेत्र के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों से प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा चुने व्यक्तियों द्वारा भरे जाएंगे|
वार्ड समितियों का गठन- अनुच्छेद 243ध, 300000 या इससे अधिक की जनसंख्या वाले नगर निकायों में एक या अधिक वार्डो के लिए समितियों का गठन किया जाएगा|
कार्यकाल- अनुच्छेद 243 प- नगर निकायों का कार्यकाल 5 वर्ष
आरक्षण- अनुच्छेद 243 न- पंचायत की तरह नगर पालिका में भी अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था|
वित्त आयोग की स्थापना- अनुच्छेद 243 म- पंचायती राज संस्थाओं की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करने वाले वित्त आयोग को नगर निकायों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा का अधिकार|
महत्वपूर्ण प्रश्न
संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची किस से संबंधित है?
अ दल बदल
ब नगर पालिका
स भाषा
द पंचायत
2.अक्टूबर1959 मे राजस्थान के किस जिले में जवाहरलाल नेहरू ने पंचायती राज का उद्घाटन किया?
अ अजमेर
ब पाली
स भरतपुर
द नागौर
3. निम्न में से कौन सा अनुच्छेद पंचायतों से संबंध है?
अ अनुच्छेद 253
ब अनुच्छेद 263
स अनुच्छेद 273
द अनुच्छेद 243
4. पहला राज्य कौन सा है जिसमें सर्वप्रथम पंचायती राज की शुरुआत की?
अ मध्य प्रदेश
ब बिहार
स तमिलनाडु
द राजस्थान
5. पंचायती राज के अंतर्गत पंचायतो का कार्यकाल कितना निर्धारित किया गया है-
अ 3 वर्ष
ब 4 वर्ष
स 6 वर्ष
द 5 वर्ष
7. किस समिति ने त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं की स्थापना का सुझाव दिया?
अ बलवंत राय मेहता समिति
ब अशोक मेहता समिति
स जी वी के राव समिति
द सादिक अली समित
8. पंचायती राज के प्रबल समर्थक थे?
अ राजीव गांधी
ब महात्मा गांधी
स सिद्धि राज
द उपरोक्त सभी
9. किस संविधान संशोधन द्वारा पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया?
अ 71 वा संविधान संशोधन द्वारा
ब 72 वा संविधान संशोधन द्वारा
स 73 वा संविधान संशोधन द्वारा
द 74वां संविधान संशोधन द्वारा
10. निम्न में से कौन सा नगर निकाय का एक प्रकार है-
अ नगर पंचायत
ब नगर परिषद
स नगर निगम
द उपरोक्त सभी
11. नगर निकायों का कार्यकाल कितना रखा गया है?
अ 4 वर्ष
ब 5 वर्ष
स 6 वर्ष
द 8 वर्ष
12. निम्न में से स्थानीय शासन का महत्व है-
अ प्रजातंत्र के लिए
ब राजनीतिक शिक्षण के लिए
स नागरिकों के बहुमुखी विकास हेतु
द उपरोक्त सभी
13. राजस्थान के किस जिले में नगर निगम है?
अ जयपुर
ब जोधपुर
स कोटा
द उपरोक्त सभी
14. ग्राम पंचायत का प्रमुख कहलाता है-
अ सचिव
ब सरपंच
स प्रधान
द प्रमुख
15. पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव करवाने का दायित्व किस पर है?
अ भारत निर्वाचन आयोग का
ब पंचायती राज विभाग का
स राज्य निर्वाचन आयोग का
द मुख्य चुनाव अधिकारी राजस्थान का
सभी answers नीचे दिए गए pdf में है
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स्थानीय स्वशासन से आशय है जिसमें निचले स्तर पर लोगों को भागीदार बनाकर लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण को सुनिश्चित किया जाता है| भारत में पंचायती राज व्यवस्था प्राचीन काल से विद्यमान है| 1882 में भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड रिपन ने भारत में स्थानीय स्वशासन की शुरुआत की, इसलिए इन्हें भारत में स्थानीय स्वशासन का जनक माना जाता है| यह राज्य सूची का विषय है तथा इसके अंतर्गत पंचायती राज तथा शहरी स्थानीय शासन दोनों आते हैं|
जवाहरलाल नेहरू ने पंचायतों को लोकतंत्र की प्रथम पाठशाला कहा| वही ग्राम स्वराज्य की धारणा का प्रतिपादन महात्मा गांधी ने अपनी पुस्तक ' माई पिक्चर ऑफ फ्री इंडिया' मे किया| अनुच्छेद 40 में प्रावधान किया गया कि राज्य पंचायती राज का गठन करेगा| इसीलिए इसकी भूमिका तैयार करने के लिए 1952 में सामुदायिक विकास कार्यक्रम प्रारंभ किया गया|
बलवंत राय मेहता समिति- सामुदायिक विकास कार्यक्रम की समीक्षा करने तथा ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं को प्रभावी बनाने के लिए 1957 में इसका गठन किया| 2 अक्टूबर 1959 को राजस्थान में पंचायती राज का शुभारंभ नागौर जिले के बगदरी गांव में किया गया| जवाहरलाल नेहरू के द्वारा पंचायती राज प्रणाली का उद्घाटन किया गया|
अशोक मेहता समिति- 1977 जनता पार्टी सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं के संबंध में अशोक मेहता की अध्यक्षता में एक समिति गठित की| इसकी सिफारिशे- एनजीओ की भूमिका सुनिश्चित की जाए, न्याय पंचायत का गठन किया जाए, राज्य निर्वाचन आयोग का गठन किया जाए आदि|
जी वी के राव समिति- विकास एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम की प्रशासनिक व्यवस्था के लिए 1985 में गठन किया गया| इसने अशोक मेहता समिति की सिफारिशों को शीघ्र लागू करने की सिफारिश की तथा ग्रामीण क्षेत्र की विकास प्रक्रिया में ब्लॉक विकास कार्यक्रम आधार स्तंभ होना चाहिए|
एल एम सिंघवी समिति- ( 1986) इस समिति ने पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा देने की बात कही गई|
पी के थुंगन समिति- (1988) इस समिति का गठन पंचायती राज संस्थाओं पर विचार करने के लिए किया गया| इस समिति ने भी पंचायती राज संस्थाओं को शक्तिशाली बनाने के लिए संवैधानिक दर्जा देने का सुझाव दिया|
73 वा संविधान संशोधन अधिनियम- यह अधिनियम पंचायतों को स्वशासन की संस्थाओं के रूप में काम करने हेतु आवश्यक शक्तियां और अधिकार प्रदान करने के लिए राज्य सरकार को अधिकार प्रदान करता है| साथ ही ग्राम स्तर पर ग्राम सभा की स्थापना, हर पांच साल में पंचायतों के नियमित चुनाव, महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटों का आरक्षण आदि|
अनुच्छेद 243 A- ग्राम सभा का गठन जिसके सदस्य उस पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव या गांवों से संबंधित मतदाता सूची में पंजीकृत व्यक्ति होंगे|
अनुच्छेद 243 B- इसके अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रणाली का गठन|
अनुच्छेद 243 C-ग्राम पंचायत का गठन एवं संरचना
अनुच्छेद 243 D- स्थानों का आरक्षण ( अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए उनकी जनसंख्या के अनुपात में स्थान आरक्षित होंगे)
अनुच्छेद 243 E- पंचायती राज में सभी स्तरों पर पंचायतों का कार्यकाल 5 वर्ष निर्धारित किया गया है|
अनुच्छेद 243 F- योग्यताएं
अनुच्छेद 243 G- पंचायत को अपने विकास कार्यक्रम बनाने की शक्ति होगी|
अनुच्छेद 243 K- प्रत्येक राज्य में इन संस्थाओं के चुनाव निष्पक्ष व समय पर करवाने हेतु प्रथक से राज्य निर्वाचन आयोग का प्रावधान|
शहरी स्थानीय स्वशासन
स्थानीय शासन के ग्रामीण इकाइयों की भाति नगरीय स्थानीय शासन भी भारत में प्राचीन काल से ही चले आ रहे हैं| शहरी स्थानीय शासन राज्य सूची का विषय होने के कारण राज्य द्वारा अपनी सुविधा अनुसार इस पर कानून बनाया गया जिससे संपूर्ण देश में एकरूपता का अभाव रहा| 74 वा संशोधन अधिनियम द्वारा नगरीय क्षेत्र में स्थानीय स्वायत्त शासन की इकाइयों को संवैधानिक दर्जा मिला|
त्रिस्तरीय नगरीय निकाय - अनुच्छेद 243थ, इस अधिनियम द्वारा तीन प्रकार के नगर निकायों की व्यवस्था की गई| ( नगर पंचायत, नगर परिषद और नगर निगम)
नगरीय निकायों की संरचना- अनुच्छेद 243द, अंतर्गत किसी नगर निकाय में सभी स्थान संबंधित नगर निकाय क्षेत्र के प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों से प्रत्यक्ष निर्वाचन द्वारा चुने व्यक्तियों द्वारा भरे जाएंगे|
वार्ड समितियों का गठन- अनुच्छेद 243ध, 300000 या इससे अधिक की जनसंख्या वाले नगर निकायों में एक या अधिक वार्डो के लिए समितियों का गठन किया जाएगा|
कार्यकाल- अनुच्छेद 243 प- नगर निकायों का कार्यकाल 5 वर्ष
आरक्षण- अनुच्छेद 243 न- पंचायत की तरह नगर पालिका में भी अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण की व्यवस्था|
वित्त आयोग की स्थापना- अनुच्छेद 243 म- पंचायती राज संस्थाओं की वित्तीय स्थिति की समीक्षा करने वाले वित्त आयोग को नगर निकायों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा का अधिकार|
महत्वपूर्ण प्रश्न
संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची किस से संबंधित है?
अ दल बदल
ब नगर पालिका
स भाषा
द पंचायत
2.अक्टूबर1959 मे राजस्थान के किस जिले में जवाहरलाल नेहरू ने पंचायती राज का उद्घाटन किया?
अ अजमेर
ब पाली
स भरतपुर
द नागौर
3. निम्न में से कौन सा अनुच्छेद पंचायतों से संबंध है?
अ अनुच्छेद 253
ब अनुच्छेद 263
स अनुच्छेद 273
द अनुच्छेद 243
4. पहला राज्य कौन सा है जिसमें सर्वप्रथम पंचायती राज की शुरुआत की?
अ मध्य प्रदेश
ब बिहार
स तमिलनाडु
द राजस्थान
5. पंचायती राज के अंतर्गत पंचायतो का कार्यकाल कितना निर्धारित किया गया है-
अ 3 वर्ष
ब 4 वर्ष
स 6 वर्ष
द 5 वर्ष
7. किस समिति ने त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं की स्थापना का सुझाव दिया?
अ बलवंत राय मेहता समिति
ब अशोक मेहता समिति
स जी वी के राव समिति
द सादिक अली समित
8. पंचायती राज के प्रबल समर्थक थे?
अ राजीव गांधी
ब महात्मा गांधी
स सिद्धि राज
द उपरोक्त सभी
9. किस संविधान संशोधन द्वारा पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा दिया गया?
अ 71 वा संविधान संशोधन द्वारा
ब 72 वा संविधान संशोधन द्वारा
स 73 वा संविधान संशोधन द्वारा
द 74वां संविधान संशोधन द्वारा
10. निम्न में से कौन सा नगर निकाय का एक प्रकार है-
अ नगर पंचायत
ब नगर परिषद
स नगर निगम
द उपरोक्त सभी
11. नगर निकायों का कार्यकाल कितना रखा गया है?
अ 4 वर्ष
ब 5 वर्ष
स 6 वर्ष
द 8 वर्ष
12. निम्न में से स्थानीय शासन का महत्व है-
अ प्रजातंत्र के लिए
ब राजनीतिक शिक्षण के लिए
स नागरिकों के बहुमुखी विकास हेतु
द उपरोक्त सभी
13. राजस्थान के किस जिले में नगर निगम है?
अ जयपुर
ब जोधपुर
स कोटा
द उपरोक्त सभी
14. ग्राम पंचायत का प्रमुख कहलाता है-
अ सचिव
ब सरपंच
स प्रधान
द प्रमुख
15. पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव करवाने का दायित्व किस पर है?
अ भारत निर्वाचन आयोग का
ब पंचायती राज विभाग का
स राज्य निर्वाचन आयोग का
द मुख्य चुनाव अधिकारी राजस्थान का
सभी answers नीचे दिए गए pdf में है
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