जे. एस. मिल
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जन्म- 20 मई 1806, लंदन
पिता का नाम- जेम्स मिल
16 वर्ष की उम्र में "यूटिलिटेरिअन सोसायटी" की स्थापना की जिसमें बेंथम के सिद्धांतों पर गोष्ठीया आयोजित की जाती थी| चुने हुए बौद्धिक लोग इस में भाग लिया करते थे
मिल ने कॉमन सभा का भी चुनाव लड़ा|
ये महिला सशक्तिकरण की भी समर्थक थे|
रचनाएं- प्लेटो के संवाद 1835
एसेज ऑन सम अनसैटल्ड क्वेशचनस ऑफ पॉलिटिकल इकोनामी 1840
प्रिंसिपल्स ऑफ पोलिटिकल इकॉनमी 1848
दि इनफ्रेचाइजमेट ऑफ विमेन 1853
ऑन द इंप्रूवमेंट इन दी एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ इंडिया 1858
ऑन लिबर्टी 1859
थॉट्स ऑन पार्लियामेंट्री रिफॉर्म 1859
कंसीडरेशंस ऑन रिप्रेजेंटेटिव गवर्नमेंट 1863
यूटिलिटेरियनिज़्म 1863
विमेंस सफरेज 1873
सब्जेकसन ऑफ वीमेन 1869
मिल के उपयोगितावाद संबंधी विचार-
1. जहां बेंथम केवल सुखों में मात्रात्मक अंतर बताता है वहीं मिल के अनुसार मात्रात्मक के साथ-साथ गुणात्मक अंतर भी होता है|
बेंथम का मानना था कि" सुखों की मात्रा बराबर होने के कारण,पुष्पीन नामक बच्चों का खेल भी उतना ही श्रेष्ठ है, जितना श्रेष्ठ काव्य पाठ है|" मिल ने कहा है कि कुछ प्रकार के सुख कुछ अन्य प्रकार के सुखों से अधिक महत्वपूर्ण होते हैं|
2. बेंथम के अनुसार मनुष्य केवल अपना सुख चाहने वाला व स्व केंद्रीत प्राणी है तथा उसका लक्ष्य सुख की प्राप्ति करना है वह केवल अपने ही सुख-दुख को समझता है दूसरों के सुख दुख को नहीं| जबकि मिल ने कहा है कि व्यक्ति अपने सुख के साथ साथ दूसरों के सुख का भी महत्व समझता है, दूसरों के सुख की भी चिंता करता है|
3. बेंथम ने सुख दुख के 4 सूत्र बताए हैं- भौतिक, राजनैतिक, धार्मिक और नैतिक| किंतु मिल ने मनुष्य की कर्तव्य भावना को भी सुख दुख का स्रोत माना है| जब हम कोई गलत काम करते हैं तो हमारी आंतरिक भावना आघात पहुंचता है, और जब अच्छा कार्य करते हैं तो हमारी आंतरिक भावना की संतुष्टि होती है|
4. बेंथम ने अधिकतम व्यक्तियों का अधिकतम सुख के सिद्धांत को सार्वजनिक जीवन का सिद्धांत माना इसलिए राज्य द्वारा उसका प्रयोग अधिकतम व्यक्तियों का अधिकतम सुख की साधना के लिए किया जाना चाहिए| लेकिन मिल कहता है कि केवल राज्य को ही नहीं, व्यक्ति को भी अपने कार्यों का आधार अधिकतम व्यक्तियों का अधिकतम सुख मानकर चलना चाहिए|
मिल के स्वतंत्रता संबंधी विचार- मिल ने अपनी पुस्तक " ऑन लिबर्टी" में स्वतंत्रता का समर्थन किया है, उनका मत है कि व्यक्तियों को विभिन्न कार्यों से सुख की प्राप्ति होती है अतः सुख में अधिकतम वृद्धि करने के लिए अधिकतम स्वतंत्रता प्राप्त होनी चाहिए|
उन्होंने दो प्रकार के स्वतंत्रता के प्रकार बताएं हैं- विचार और भाषण की स्वतंत्रता, कार्य की स्वतंत्रता|
विचार और भाषण की स्वतंत्रता- यदि किसी व्यक्ति के विचार गलत हैं, तो उसे उनको व्यक्त करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए| क्योंकि विचारों के दमन से समाज की हानि होती है| जिस विचार का दमन किया जा रहा है, वह सत्य हो तो दमन करने का अर्थ होता है- सत्य का दमन करना| विचारों पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए, क्योंकि वह व्यक्ति के विकास के लिए अनिवार्य है| एथेंस के शासकों ने सुकरात को जहर देकर रोक दिया था, ईसा को सूली पर चढ़ा कर| इस प्रकार हर व्यक्ति को विचार और भाषण की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए|
कार्य की स्वतंत्रता- आंतरिक स्वतंत्रता के अंतर्गत विचार की स्वतंत्रता और बाहय स्वतंत्रता के अंतर्गत कार्य की स्वतंत्रता
" कार्य उतने ही स्वतंत्र होने चाहिए, जितने कि विचार"
मनुष्य को अपने विचारों के अनुसार कार्य करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए| कार्य दो प्रकार के होते हैं-
आत्मा विषय कार्य- इनका संबंध व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन से होता है जैसे- भोजन करना, सोना, पहनना, आचार विचार, पढ़ना| व्यक्ति को इस में पूरी स्वतंत्रता दी है इसमें राज्य या सरकार को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए|
पर विषयक कार्य- जिनका संबंध दूसरे व्यक्तियों या समाज से रहता है जैसे समाज में अभद्रता, अनैतिकता फैलाना, राज्य विरोधी संगठनों का निर्माण करना| एक व्यक्ति को छड़ी को वहां तक घुमाना चाहिए जब तक कि वह दूसरे को टच नहीं करें|
कुछ कार्यों में प्रत्येक व्यक्ति को पूरी स्वतंत्रता नहीं दी जानी चाहिए नहीं तो अराजकता फैल जाएगी मनुष्य का जीवन खतरे में पड़ जाएगा|
इस प्रकार मिल कहता है कि- व्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित किया जाना चाहिए| उसे अपने को दूसरे व्यक्तियों के लिए कष्ट का कारण नहीं बनना चाहिए|
- मिल का विश्वास था कि राज्य मानव इच्छा का परिणाम अधिक है, स्वार्थ नहीं है, वह स्वीकार करता है कि राज्य यांत्रिक सिद्धांत है, राज्य का विकास हुआ है|
- मिल के अनुसार शासन की सर्वश्रेष्ठ प्रणाली वह है जो व्यक्तियों को राजनीतिक शिक्षा प्रदान करती हो, नागरिकों में मानसिक, नैतिक गुण, चारित्रिक व बौद्धिक विकास में सहायक हो |
- मिल के अनुसार कॉमन सभा में जिन लोगों का प्रतिनिधित्व होता था उसे सामान्य जनता नहीं कहा जा सकता था| संपत्ति मताधिकार प्राप्त करने की सबसे बड़ी योग्यता मानी जाती थी|
- मिल भूमि सुधार का समर्थन करता था|
- मिल के अनुसार उद्योग क्षेत्रों में भी श्रमिकों के लिए उचित वातावरण होना चाहिए, अधिकतम काम के घंटे निश्चित होने चाहिए|
- मिल पुरुषों की तरह महिलाओं को भी समान राजनीतिक अधिकार प्रदान करने पर बल देता है|
मिल जॉन ऑस्टिन क विद्यार्थी रहा|
मिल ने अध्ययन की चार पद्धतियों का बतलाई- रासायनिक, ज्यामितीय, भौतिक, ऐतिहासिक पद्धति
मिल का मत है कि- एक संतुष्ट सूअर होने की अपेक्षा एक असंतुष्ट मनुष्य होना कहीं अच्छा है व एक संतुष्ट मनुष्य होने की जगह एक असंतुष्ट सुकरात हो ना कहीं अच्छा है|
मिल का उपयोगिता सिद्धांत नैतिक है जबकि बेंथम इसे राजनीतिक समझता था|
मिल के अनुसार राज्य का संविधान ऐसा होना चाहिए जिसमें नागरिकों के सर्वोत्तम नैतिक गुण व बोद्धिक गुणों का विकास हो सके|
मिल के अनुसार अपने ऊपर, अपने शरीर व मस्तिष्क के ऊपर व्यक्ति संप्रभु है|
मिल का विश्वास था कि स्त्री अपनी मुक्ति पुरुष के सहयोग के बिना हासिल नहीं कर सकती|
मिल अप्रत्यक्ष प्रजातंत्र या प्रतिनिधि शासन का समर्थक है|
ई मैकडोनाल्ड ने मिल के ऑन लिबर्टी लेख को उदारवाद की सबसे महान घोषणा कहां है|
जे. एस. मिल के महत्वपूर्ण प्रश्न
1. भूमि सुधार का समर्थक कौन है?
अ मिल ब बेंथम
स रूसो द हीगल
2. किसका विचार है कि" यदि पूरा समाज एक तरफ हो केवल एक व्यक्ति विरोधी विचार रखता हो तो उसे भी विचार व्यक्त करने की छूट होनी चाहिए"-
अ मार्क्स ब मिल
स बेंथम द लीकॉक
3. मिल ने कितनी प्रकार की स्वतंत्रता बताई है-
अ 1 ब 2
स 3 द 4
4. किसका कथन है कि- बेंथम के अनुसार भेड़ियों के समाज में भेड़िया जैसा व साधु के समाज में साधु के जैसा व्यवहार करना चाहिए वहीं मिल कहता है कि समाज चाहे कैसा भी हो अपने को साधु जैसा व्यवहार करना चाहिए|
अ वेपर ब मैक्सी
स मार्क्स द लॉक
5. जे एस मिल का उपयोगिता सिद्धांत है?
अ नैतिक ब राजनीतिक
स सामाजिक द आर्थिक
6. बेंथम का उपयोगितावाद का सिद्धांत है?
अ सामाजिक ब आर्थिक
स राजनीतिक द नैतिक
7. जे एस मिल को किस संसद में 2 वर्ष के लिए सदस्य बनाया गया-
अ अमेरिकी संसद ब ब्रिटिश संसद
स जर्मन संसद द फ्रांस संसद
8. मिल के अनुसार राजनीति विज्ञान के अध्ययन के लिए उपयुक्त अध्ययन पद्धति कौन सी थी?
अ आगमनात्मक और भौतिक
ब निगमनात्मक और ऐतिहासिक
स ज्यामितीय और भौतिक
द भौतिक और ऐतिहासिक
9. जे एस मिल के उपयोगितावाद को किसके उपयोगितावादी चिंतन में संशोधन के रूप में माना जाता है?
अ बेंथम ब रूसो
स मार्क्स द हिगल
10. मिल के अनुसार स्वतंत्रता निम्नलिखित प्रकार की है-
अ राजनीतिक व धार्मिक स्वतंत्रता
ब धार्मिक व आर्थिक स्वतंत्रता
स विचार अभिव्यक्ति व कार्य विषयक स्वतंत्रता
द आर्थिक व कार्य विषयक स्वतंत्रता
11." राज्य मानव इच्छा का परिणाम अधिक है, स्वार्थ नहीं" यह कथन किस विचारक का है-
अ बेंथम ब मिल
स रूसो द मैक्सी
12. मिल के अनुसार राज्य के कार्य निम्नांकित में से कौन से हैं?
अ रचनात्मक ब निषेधात्मक
स रचनात्मक और निषेधात्मक द कोई नहीं
13. प्रतिनिधि शासन का समर्थक है-
अ हॉबस ब लॉक
स मिल द बेंथम
14. आनुपातिक प्रतिनिधित्व एवं बहुल मतदान का सुझाव किस विचारक ने दिया है?
अ रूसो ब ग्रीन
स मिल द हिगल
15. मिल किस प्रकार की संसदीय व्यवस्था के समर्थक हैं?
अ एक सदनीय ब द्विसदनीय
स त्रिसदनीय द बहुसदनीय
16. जे एस मिल कहां का निवासी था?
अ रूस ब इंग्लैंड
स जर्मन द फ्रांस
18. जी एस मिल के अनुसार कौन सी मतदान प्रणाली प्रजातंत्र का सही प्रतिनिधित्व करती है?
अ आनुपातिक ब वयस्क
स व्यवसायिक द दोहरी
19. बहुमत के अत्याचार को दूर करने के लिए मिल ने प्रतिनिधित्व की जिस प्रणाली की वकालत की है, वह है-
अ वयस्क प्रणाली ब अनुपातिक प्रणाली
स एक व्यक्ति का एक मत प्रणाली द व्यवसायिक प्रणाली
20. रिप्रेजेंटेटिव गवर्नमेंट किसकी रचना है?
अ जे एस मिल ब जेम्स मिल
स प्रीस्टले द हुचेसन
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जन्म- 20 मई 1806, लंदन
पिता का नाम- जेम्स मिल
16 वर्ष की उम्र में "यूटिलिटेरिअन सोसायटी" की स्थापना की जिसमें बेंथम के सिद्धांतों पर गोष्ठीया आयोजित की जाती थी| चुने हुए बौद्धिक लोग इस में भाग लिया करते थे
मिल ने कॉमन सभा का भी चुनाव लड़ा|
ये महिला सशक्तिकरण की भी समर्थक थे|
रचनाएं- प्लेटो के संवाद 1835
एसेज ऑन सम अनसैटल्ड क्वेशचनस ऑफ पॉलिटिकल इकोनामी 1840
प्रिंसिपल्स ऑफ पोलिटिकल इकॉनमी 1848
दि इनफ्रेचाइजमेट ऑफ विमेन 1853
ऑन द इंप्रूवमेंट इन दी एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ इंडिया 1858
ऑन लिबर्टी 1859
थॉट्स ऑन पार्लियामेंट्री रिफॉर्म 1859
कंसीडरेशंस ऑन रिप्रेजेंटेटिव गवर्नमेंट 1863
यूटिलिटेरियनिज़्म 1863
विमेंस सफरेज 1873
सब्जेकसन ऑफ वीमेन 1869
मिल के उपयोगितावाद संबंधी विचार-
1. जहां बेंथम केवल सुखों में मात्रात्मक अंतर बताता है वहीं मिल के अनुसार मात्रात्मक के साथ-साथ गुणात्मक अंतर भी होता है|
बेंथम का मानना था कि" सुखों की मात्रा बराबर होने के कारण,पुष्पीन नामक बच्चों का खेल भी उतना ही श्रेष्ठ है, जितना श्रेष्ठ काव्य पाठ है|" मिल ने कहा है कि कुछ प्रकार के सुख कुछ अन्य प्रकार के सुखों से अधिक महत्वपूर्ण होते हैं|
2. बेंथम के अनुसार मनुष्य केवल अपना सुख चाहने वाला व स्व केंद्रीत प्राणी है तथा उसका लक्ष्य सुख की प्राप्ति करना है वह केवल अपने ही सुख-दुख को समझता है दूसरों के सुख दुख को नहीं| जबकि मिल ने कहा है कि व्यक्ति अपने सुख के साथ साथ दूसरों के सुख का भी महत्व समझता है, दूसरों के सुख की भी चिंता करता है|
3. बेंथम ने सुख दुख के 4 सूत्र बताए हैं- भौतिक, राजनैतिक, धार्मिक और नैतिक| किंतु मिल ने मनुष्य की कर्तव्य भावना को भी सुख दुख का स्रोत माना है| जब हम कोई गलत काम करते हैं तो हमारी आंतरिक भावना आघात पहुंचता है, और जब अच्छा कार्य करते हैं तो हमारी आंतरिक भावना की संतुष्टि होती है|
4. बेंथम ने अधिकतम व्यक्तियों का अधिकतम सुख के सिद्धांत को सार्वजनिक जीवन का सिद्धांत माना इसलिए राज्य द्वारा उसका प्रयोग अधिकतम व्यक्तियों का अधिकतम सुख की साधना के लिए किया जाना चाहिए| लेकिन मिल कहता है कि केवल राज्य को ही नहीं, व्यक्ति को भी अपने कार्यों का आधार अधिकतम व्यक्तियों का अधिकतम सुख मानकर चलना चाहिए|
मिल के स्वतंत्रता संबंधी विचार- मिल ने अपनी पुस्तक " ऑन लिबर्टी" में स्वतंत्रता का समर्थन किया है, उनका मत है कि व्यक्तियों को विभिन्न कार्यों से सुख की प्राप्ति होती है अतः सुख में अधिकतम वृद्धि करने के लिए अधिकतम स्वतंत्रता प्राप्त होनी चाहिए|
उन्होंने दो प्रकार के स्वतंत्रता के प्रकार बताएं हैं- विचार और भाषण की स्वतंत्रता, कार्य की स्वतंत्रता|
विचार और भाषण की स्वतंत्रता- यदि किसी व्यक्ति के विचार गलत हैं, तो उसे उनको व्यक्त करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए| क्योंकि विचारों के दमन से समाज की हानि होती है| जिस विचार का दमन किया जा रहा है, वह सत्य हो तो दमन करने का अर्थ होता है- सत्य का दमन करना| विचारों पर कोई प्रतिबंध नहीं होना चाहिए, क्योंकि वह व्यक्ति के विकास के लिए अनिवार्य है| एथेंस के शासकों ने सुकरात को जहर देकर रोक दिया था, ईसा को सूली पर चढ़ा कर| इस प्रकार हर व्यक्ति को विचार और भाषण की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए|
कार्य की स्वतंत्रता- आंतरिक स्वतंत्रता के अंतर्गत विचार की स्वतंत्रता और बाहय स्वतंत्रता के अंतर्गत कार्य की स्वतंत्रता
" कार्य उतने ही स्वतंत्र होने चाहिए, जितने कि विचार"
मनुष्य को अपने विचारों के अनुसार कार्य करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए| कार्य दो प्रकार के होते हैं-
आत्मा विषय कार्य- इनका संबंध व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन से होता है जैसे- भोजन करना, सोना, पहनना, आचार विचार, पढ़ना| व्यक्ति को इस में पूरी स्वतंत्रता दी है इसमें राज्य या सरकार को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए|
पर विषयक कार्य- जिनका संबंध दूसरे व्यक्तियों या समाज से रहता है जैसे समाज में अभद्रता, अनैतिकता फैलाना, राज्य विरोधी संगठनों का निर्माण करना| एक व्यक्ति को छड़ी को वहां तक घुमाना चाहिए जब तक कि वह दूसरे को टच नहीं करें|
कुछ कार्यों में प्रत्येक व्यक्ति को पूरी स्वतंत्रता नहीं दी जानी चाहिए नहीं तो अराजकता फैल जाएगी मनुष्य का जीवन खतरे में पड़ जाएगा|
इस प्रकार मिल कहता है कि- व्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित किया जाना चाहिए| उसे अपने को दूसरे व्यक्तियों के लिए कष्ट का कारण नहीं बनना चाहिए|
- मिल का विश्वास था कि राज्य मानव इच्छा का परिणाम अधिक है, स्वार्थ नहीं है, वह स्वीकार करता है कि राज्य यांत्रिक सिद्धांत है, राज्य का विकास हुआ है|
- मिल के अनुसार शासन की सर्वश्रेष्ठ प्रणाली वह है जो व्यक्तियों को राजनीतिक शिक्षा प्रदान करती हो, नागरिकों में मानसिक, नैतिक गुण, चारित्रिक व बौद्धिक विकास में सहायक हो |
- मिल के अनुसार कॉमन सभा में जिन लोगों का प्रतिनिधित्व होता था उसे सामान्य जनता नहीं कहा जा सकता था| संपत्ति मताधिकार प्राप्त करने की सबसे बड़ी योग्यता मानी जाती थी|
- मिल भूमि सुधार का समर्थन करता था|
- मिल के अनुसार उद्योग क्षेत्रों में भी श्रमिकों के लिए उचित वातावरण होना चाहिए, अधिकतम काम के घंटे निश्चित होने चाहिए|
- मिल पुरुषों की तरह महिलाओं को भी समान राजनीतिक अधिकार प्रदान करने पर बल देता है|
मिल जॉन ऑस्टिन क विद्यार्थी रहा|
मिल ने अध्ययन की चार पद्धतियों का बतलाई- रासायनिक, ज्यामितीय, भौतिक, ऐतिहासिक पद्धति
मिल का मत है कि- एक संतुष्ट सूअर होने की अपेक्षा एक असंतुष्ट मनुष्य होना कहीं अच्छा है व एक संतुष्ट मनुष्य होने की जगह एक असंतुष्ट सुकरात हो ना कहीं अच्छा है|
मिल का उपयोगिता सिद्धांत नैतिक है जबकि बेंथम इसे राजनीतिक समझता था|
मिल के अनुसार राज्य का संविधान ऐसा होना चाहिए जिसमें नागरिकों के सर्वोत्तम नैतिक गुण व बोद्धिक गुणों का विकास हो सके|
मिल के अनुसार अपने ऊपर, अपने शरीर व मस्तिष्क के ऊपर व्यक्ति संप्रभु है|
मिल का विश्वास था कि स्त्री अपनी मुक्ति पुरुष के सहयोग के बिना हासिल नहीं कर सकती|
मिल अप्रत्यक्ष प्रजातंत्र या प्रतिनिधि शासन का समर्थक है|
ई मैकडोनाल्ड ने मिल के ऑन लिबर्टी लेख को उदारवाद की सबसे महान घोषणा कहां है|
जे. एस. मिल के महत्वपूर्ण प्रश्न
1. भूमि सुधार का समर्थक कौन है?
अ मिल ब बेंथम
स रूसो द हीगल
2. किसका विचार है कि" यदि पूरा समाज एक तरफ हो केवल एक व्यक्ति विरोधी विचार रखता हो तो उसे भी विचार व्यक्त करने की छूट होनी चाहिए"-
अ मार्क्स ब मिल
स बेंथम द लीकॉक
3. मिल ने कितनी प्रकार की स्वतंत्रता बताई है-
अ 1 ब 2
स 3 द 4
4. किसका कथन है कि- बेंथम के अनुसार भेड़ियों के समाज में भेड़िया जैसा व साधु के समाज में साधु के जैसा व्यवहार करना चाहिए वहीं मिल कहता है कि समाज चाहे कैसा भी हो अपने को साधु जैसा व्यवहार करना चाहिए|
अ वेपर ब मैक्सी
स मार्क्स द लॉक
5. जे एस मिल का उपयोगिता सिद्धांत है?
अ नैतिक ब राजनीतिक
स सामाजिक द आर्थिक
6. बेंथम का उपयोगितावाद का सिद्धांत है?
अ सामाजिक ब आर्थिक
स राजनीतिक द नैतिक
7. जे एस मिल को किस संसद में 2 वर्ष के लिए सदस्य बनाया गया-
अ अमेरिकी संसद ब ब्रिटिश संसद
स जर्मन संसद द फ्रांस संसद
8. मिल के अनुसार राजनीति विज्ञान के अध्ययन के लिए उपयुक्त अध्ययन पद्धति कौन सी थी?
अ आगमनात्मक और भौतिक
ब निगमनात्मक और ऐतिहासिक
स ज्यामितीय और भौतिक
द भौतिक और ऐतिहासिक
9. जे एस मिल के उपयोगितावाद को किसके उपयोगितावादी चिंतन में संशोधन के रूप में माना जाता है?
अ बेंथम ब रूसो
स मार्क्स द हिगल
10. मिल के अनुसार स्वतंत्रता निम्नलिखित प्रकार की है-
अ राजनीतिक व धार्मिक स्वतंत्रता
ब धार्मिक व आर्थिक स्वतंत्रता
स विचार अभिव्यक्ति व कार्य विषयक स्वतंत्रता
द आर्थिक व कार्य विषयक स्वतंत्रता
11." राज्य मानव इच्छा का परिणाम अधिक है, स्वार्थ नहीं" यह कथन किस विचारक का है-
अ बेंथम ब मिल
स रूसो द मैक्सी
12. मिल के अनुसार राज्य के कार्य निम्नांकित में से कौन से हैं?
अ रचनात्मक ब निषेधात्मक
स रचनात्मक और निषेधात्मक द कोई नहीं
13. प्रतिनिधि शासन का समर्थक है-
अ हॉबस ब लॉक
स मिल द बेंथम
14. आनुपातिक प्रतिनिधित्व एवं बहुल मतदान का सुझाव किस विचारक ने दिया है?
अ रूसो ब ग्रीन
स मिल द हिगल
15. मिल किस प्रकार की संसदीय व्यवस्था के समर्थक हैं?
अ एक सदनीय ब द्विसदनीय
स त्रिसदनीय द बहुसदनीय
16. जे एस मिल कहां का निवासी था?
अ रूस ब इंग्लैंड
स जर्मन द फ्रांस
18. जी एस मिल के अनुसार कौन सी मतदान प्रणाली प्रजातंत्र का सही प्रतिनिधित्व करती है?
अ आनुपातिक ब वयस्क
स व्यवसायिक द दोहरी
19. बहुमत के अत्याचार को दूर करने के लिए मिल ने प्रतिनिधित्व की जिस प्रणाली की वकालत की है, वह है-
अ वयस्क प्रणाली ब अनुपातिक प्रणाली
स एक व्यक्ति का एक मत प्रणाली द व्यवसायिक प्रणाली
20. रिप्रेजेंटेटिव गवर्नमेंट किसकी रचना है?
अ जे एस मिल ब जेम्स मिल
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