1st Grade Political Science Notes प्लेटो in Hindi

प्लेटो

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जन्म- 428 ई. पूर्व, एथेंस

बचपन का नाम- अरिस्टोक्लिज

पश्चिमी जगत का प्रथम राजनीतिक दार्शनिक|

प्राचीन राजनीतिक दर्शन का पिता| लेकिन उनके चौड़े कंधों के कारण उनके व्यायाम शिक्षक ने उनका नाम प्लेटो रखा|


गुरु- सुकरात ( यह सुकरात का प्रिय शिष्य था, सुकरात की मृत्यु के बाद सुकरात के विचारों को आगे बढ़ाने का निर्णय किया| इसीलिए मैक्सी ने कहा है कि- " प्लेटो में सुकरात पुनः जीवित हो उठा|)

प्लेटो ने अकादमी नाम से शिक्षण संस्थान प्रारंभ किया जिसे यूरोप का प्रथम विश्वविद्यालय कहा जाता है|


रचनाएं-
रिपब्लिक- (इसका दूसरा नाम न्याय हैं, 10 भाग)

लॉज ( 12 भाग, विधि के शासन प्रबंध)

स्टेट्समैन ( संविधान का वर्गीकरण)

अपोलोजी

फेडो

प्रोटोगोरस, यू थी फ्री, जॉर्जियस, फिल्बस,

सोफीक्ट, क्रोटो, मीनो


प्लेटो का राजनीतिक सिद्धांत-

1. प्लेटो के शिक्षा संबंधी विचार - प्लेटो के समय दो प्रकार की शिक्षा पद्धतियां प्रचलित थी- एथेंस की और स्पार्टा की। एथेंस में शिक्षा परिवार द्वारा दी जाती थी, शिक्षा का व्यक्तिगत व्यवसाय था तथा स्पार्टा में राज्य चारों और विरोधियों से घिरा रहता था, आक्रमण का भ्रम सदैव बना रहता था इसलिए यहां कठोर सैनिक प्रशिक्षण दिया जाता था, स्त्रियों के लिए भी शिक्षा अनिवार्य थी| 7 वर्ष की आयु में बच्चों को परिवार से राज्य द्वारा ले लिया जाता था|
इसलिए प्लेटो ने अपनी शिक्षा योजना में एथेंस और स्पार्टा दोनों के गुणों को समन्वित किया, एथेंस से बौद्धिक शिक्षा तथा स्पर्टा से शारीरिक शिक्षण लिया| प्लेटो ने शिक्षा योजना को दो वर्गों में बांटा-


सैद्धांतिक शिक्षा

^
प्राथमिक exam उच्च exam 30-35 द्वंद व
7-18 व्यायाम 20-30 अंकगणित दर्शन
संगीत रेखा गणित
18-20 सैनिक मनोविज्ञान दर्शन
प्रशिक्षण

व्यवहारिक शिक्षा 35-50 वर्ष


आर्थर मुरे- " दर्शन प्रोढ का विषय है, युवा अवस्था का नहीं"

रूसो अपनी पुस्तक इमाईल में लिखता है कि रिपब्लिक शिक्षा पर लिखा गया सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ है|

प्लेटो के अनुसार सर्वश्रेष्ठ शिक्षा" आत्मा के लिए संगीत और शरीर के लिए आवश्यक व्यायाम है"


प्लेटो शिक्षा को न्याय का आधार स्तंभ कहता है, क्योंकि शिक्षा से ही सद्गुण आता है और दुर्गुणों का विनाश होता है| प्लेटो की शिक्षा स्त्री और पुरुष दोनों के लिए है, इन्होंने सैद्धांतिक के साथ साथ व्यवहारिक शिक्षा पर भी बल दिया, 50 वर्ष की आयु तक की लंबी शिक्षा पद्धति पर बल दिया|

2. प्लेटो के न्याय संबंधी विचार- प्लेटो अपने समय के प्रचलित न्याय सिद्धांत का खंडन करता है| तीन प्रकार के न्यायो की व्यवस्था-
परंपरागत- ( समर्थक - सिफालस, सत्य बोलना न्याय है, शत्रु के प्रति शत्रुता पूर्वक तथा मित्र के प्रति मित्रता पूर्वक व्यवहार)

क्रांतिकारी - ( समर्थक-थ्रेसीमेक्स, शक्तिशाली का हित ही न्याय है)

व्यावहारिक- ( समर्थक- ग्लाउकन, न्याय भय शिशु है और कमजोर ओं की आवश्यकता है)
प्लेटो इन सब का खंडन करता है| प्लेटो रिपब्लिक में न्याय सिद्धांत प्रस्तुत करता है| प्लेटो का आदर्श राज्य तभी संभव है, जब संपूर्ण समाज में सुव्यवस्था, संगठन और एकता हो| बुद्धि, शौर्य, तृष्णा उचित अनुपात में है तो व्यक्ति न्याय पूर्ण रहता है| क्योंकि जिन व्यक्तियों में बुद्धि है वह दार्शनिक वर्ग, जिसमें शौर्य की मात्रा है वह सैनिक वर्ग तथा जिसमें तृष्णा की मात्रा है उत्पादक वर्ग का निर्माण करते हैं| तीनों वर्ग अपने-अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं, एक-दूसरे के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं करते तभी राज्य में न्याय की स्थापना होती है|

3.प्लेटो का साम्यवाद- न्याय को बनाए रखने के लिए प्लेटो ने शिक्षा के साथ साथ नवीन सामाजिक व्यवस्था का भी उल्लेख किया है जिसे प्लेटो के साम्यवाद का सिद्धांत कहा जाता है| प्लेटो पता है कि शिक्षा में दो सद्गुण पैदा हुए हैं जो विपरीत वातावरण में नष्ट हो सकते हैं इसलिए दो प्रकार के साम्यवाद बताए हैं|

संपत्ति विषयक साम्यवाद- इसके अंतर्गत प्लेटों कहता है कि अभिभावक वर्ग की कोई निजी संपत्ति नहीं होगी, सभी एक जगह भोजन करेंगे, सरकारी स्थानों में निवास करेंगे|

परिवार विषयक साम्यवाद- अभिभावक वर्ग के स्त्री-पुरुष सभी एक दूसरे के पति पत्नी होंगे, स्थाई वैवाहिक संबंध नहीं बनाएंगे, सभी बच्चे सभी की संतान होंगे|
प्लेटो ने अपनी साम्यवाद में यह सब इसलिए कहा है ताकि वर्ग संघर्ष समाप्त हो, असमानता समाप्त होगी,अभिभावक वर्ग आदर्श रूप में कार्य करेगा, जनसंख्या नियंत्रित होगी, पारिवारिक संघर्ष समाप्त हो जाएगा|
अरस्तु कहता है कि " पशु जगत के नियमों को मानव जगत पर लागू नहीं किया जा सकता"
अरस्तु- प्लेटो वादी पुत्र होने से अच्छा है निकट संबंधित होना|

4.प्लेटो का आदर्श राज्य- प्लेटो ने अपनी पुस्तक ' रिपब्लिक' मे आदर्श राज्य की व्याख्या की| राज्य व्यक्ति की विशेषताओं का विराट रूप है| राज्य के सारे कार्य मनुष्य की आत्माओं से प्रेरित होते हैं| राज्य का जन्म वृक्षों से नहीं बल्कि उसमे बसने वाले व्यक्तियों से होता है अर्थात वीर व्यक्तियों का राज्य वीर होगा| प्लेटो के आदर्श राज्य में तीन वर्ग निर्धारित हैं- शासक, सैनिक, उत्पादक| प्लेटो के आदर्श राज्य में दार्शनिक राजा राज्य के हितों के साथ स्वयं अपने हितों का तदम्य स्थापित कर लेता है, सभी के हितों की पूर्ति करना अपना कर्तव्य समझता है| सभी व्यक्तियों के लिए एक निश्चित कर्तव्य सुनिश्चित करता है, साम्यवाद की व्यवस्था करता है, नर नारियों को समान अधिकार देता है| आदर्श राज्य में शासन कार्य परम बुद्धिमान व्यक्तियों के हाथों में रहता है क्योंकि आदर्श राज्य में राजा मे बौद्धिक योग्यता होनी चाहिए, न्याय, सौंदर्य और संयम के गुणों से भरपूर होना चाहिए|
अतः राजा का यह कर्तव्य होना चाहिए कि राज्य का आकार न ज्यादा छोटा हो न ज्यादा बड़ा हो| साथ ही निर्धनता नहीं बढ़ने देनी चाहिए तथा ऐसी न्याय व्यवस्था का आयोजन करें जिससे प्रत्येक अपना व्यवसाय नियमित रूप से भली प्रकार से करते रहे|

प्लेटो के महत्वपूर्ण प्रश्न-

1. प्लेटो की पुस्तक अपोलोजी का गुजराती में अनुवाद किसने किया?
अ महात्मा गांधी        ब डॉ जाकिर हुसैन
स अरस्तु                  द मैक्सी

2. न्याय प्लेटो के विचार का मूल आधार है- किसका कथन है?
अ मैक्सी                 ब बार्कर
स अरस्तु                 द लॉक

3. किसका कथन है कि प्लेटो वादी पुत्र होने की अपेक्षा उसका निकट संबंधी होना अधिक अच्छा है?
अ अरस्तु                ब मैकियावेली
स बार्कर                 द टेलर

4. प्लेटो विश्व का प्रथम फासीवादी विचारक है- किसने कहा?
अ मैक्सी                 ब पोपर
स रसेल                   द टेलर

5. कौन सी पुस्तक प्लेटो की नहीं है?
अ लॉज                   ब रिपब्लिक
स स्टेटसमेन            द पॉलिटिक्स

6. प्लेटो की अध्ययन पद्धति क्या थी?
अ निगमनात्मक           ब आगमनात्मक
स कोई नहीं                 द दोनों

7. प्लेटो ने कितने प्रकार के साम्यवादो की चर्चा की है?
अ एक                      ब दो
स तीन                      द चार

8. प्लेटो प्रथम मार्क्सवादी है- किसका कथन है?
अ मैक्सी                   ब टेलर
स अरस्तु                  द कॉल पापर

9. अरिस्टोक्लिज किस का मूल नाम था?
अ प्लेटो                    ब अरस्तु
स मैकियावेली           द लॉक

10. सिसली के राजा डायनोसियस द्व्वित्तीय को दार्शनिक राजा बनाने की चेष्टा किस पाश्चात्य दार्शनिक ने की?
अ प्लेटो                     ब अरस्तु
स मैकियावेली            द हीगल

11. प्लेटो द्वारा स्थापित विद्यालय का नाम क्या था?
अ लीसियम                             ब अकादमी
स लिसीयम और अकादमी       द कोई नहीं

12. अरस्तु ने किसको लिसियम का अध्यक्ष बनाया था?
अ जेनोक्रेट्स                  ब जॉन ग्रे
स रॉबर्ट थॉमसन             द जॉनसन

13. " प्लेटो का साम्यवाद अर्द- साम्यवाद है" मत है-
अ अरस्तु                        ब टेलर
स मैक्सी                          द नाटोर्प

14. " प्लेटो का रिपब्लिक राज्य ही एक ऐसा राज्य है, जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं है" मत है-
अ रूसो                          ब पोपर
स मैक्सी                         द बार्कर

15. प्लेटो ने राज्यों का वर्गीकरण कितनी श्रेणी के आधार पर किया है?
अ चार                             ब दो
स तीन                             द पाच

16. पश्चिमी जगत का प्रथम राजनीतिक दार्शनिक कौन है?
अ प्लेटो                            ब अरस्तु
स मैक्सी                            द मैकियावेली

17. " प्लेटो में सुकरात पुनर्जीवित हो उठा"- किसका कथन है?
अ मैक्सी                           ब कार्ल पोपर
स लॉक                             द अरस्तु

18. प्लेटो की शिक्षा पद्धति कहां से प्रभावित थी?
अ एथेंस                             ब इंग्लैंड
स अमेरिका                        द एथेंस व स्पार्ता

19. रिपब्लिक का दूसरा नाम क्या था?
अ प्लेटो टुडे                      ब कंसर्निंग जस्टिस
स लिसियम                        द कोई नहीं

20. प्लेटो के आदर्श राज्य को कोरी कल्पना किसने कहा है?
अ डनिंग                           ब बार्कर
स मैक्सी                            द अरस्तु

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