1st Grade Political Science Notes अवधारणाएं ( सेकुलरवाद और विकास) in Hindi

अवधारणाएं ( सेकुलरवाद और विकास)

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पंथनिरपेक्ष के लिए आंग्ल भाषा का जो शब्द ' सेकुलर' है उसका उदय लेटिन भाषा से है| यह लैटिन शब्द ' सेकुलम' से बना है जिसका अर्थ है ' यह समय', जो किसी अन्य समय से भिन्न होता है| सेकुलर का अर्थ लेटिन भाषा में सांसारिक होता है- वह प्रवृत्ति जो राजनीतिक गतिविधियों को केवल लौकिक क्षेत्र तक सीमित करने की समर्थक है और जिसे धर्म से कुछ लेना देना नहीं है|
सेक्यूलेरिज़्म के लिए धर्मनिरपेक्षता और सेक्यूलर स्टेट के लिए धर्मनिरपेक्ष राज्य शब्दों का प्रचलन रहा है| इस संदर्भ में सही शब्द पंथनिरपेक्षता और पंथनिरपेक्ष राज्य ही है| जो विविध धार्मिक पंथ हैं, राज्य न तो उनमें से किसी धार्मिक पंथ के साथ जुड़ेगा और ना ही धार्मिक पंथ के आधार पर अपने नागरिकों में भेदभाव करेगा|
एस. आर. बोम्बई बनाम भारत संघ- इसमें उच्चतम न्यायालय ने सेकुलरवाद को भारत के संविधान का ' आधारभूत ढांचा' माना गया|
हरि विष्णु कामथ के विचारों में- " सेकुलर का अर्थ धर्म विरोधी अथवा अधार्मिक होना नहीं है बल्कि सब धर्मों के प्रति समानता के दृष्टिकोण का प्रतीक है|"

सेकुलर राज्य की विशेषताएं-

1. राज्य का कोई धर्म नहीं होता है- सेकुलर राज्य धर्म पर आधारित नहीं होता है| राज्य न किसी धर्म को संरक्षण देता है, न किसी धर्म का विरोध करता है| राज्य द्वारा सभी धर्मों को समानता का दर्जा दिया जाता है|

2. सेकुलर राज्य अधार्मिक नहीं होता है- सेकुलर राज्य धर्म व नैतिकता का विरोध नहीं करता अपितु वह तो धार्मिक आडंबरवाद, धार्मिक भेदभाव का विरोध करता है|

3. धर्म व्यक्ति का आंतरिक विश्वास है- धर्म राज्य या समाज का नहीं वरण मानव का व्यक्तिगत कार्य है|

4. धर्मांधता का विरोधी- सेकुलर राज्य धार्मिक कट्टरता का विरोधी होता है क्योंकि धार्मिक कट्टरता से राष्ट्रीय एकता में बाधा उत्पन्न होती है|

5. शासन द्वारा धार्मिक शिक्षा का निषेध
6. व्यक्तियों को अन्य धर्मों के विरोध का अधिकार नहीं है|

सेकुलरवाद का यूरोपीय मॉडल- यहां के देशों में स्वतंत्रता का अर्थ है- व्यक्तियों की स्वतंत्रता और समानता का अर्थ है- व्यक्तियों के बीच समानता| इसमें समुदाय आधारित अधिकारों की कोई गुंजाइश नहीं रहती| राज्य न तो धर्म के आधार पर कोई नीति बनाएगा और न किसी धार्मिक संस्था की मदद करेगा|

सेकुलरवाद का भारतीय मॉडल- इसका संबंध व्यक्तियों की धार्मिक आजादी से नहीं है बल्कि अल्पसंख्यक समुदायों की धार्मिक आजादी से है| इसमें धार्मिक सुधार की गुंजाइश भी है और अनुकूलता भी| भारतीय सेकुलरवाद में अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर खतरों का समान रूप से विरोध किया है|

विकास

विकास शब्द से तात्पर्य है जिसमें एक अवस्था दूसरी अवस्था का स्थान लेती हुई आगे बढ़ती है| विकास शब्द उन्नति, प्रगति, कल्याण और बेहतर जीवन की अभिलाषा के विचारों का वाहक है| गुन्नार मिर्डल के अनुसार- विकास का अभिप्राय 'आधुनिकीकरण के आदर्शों को सामाजिक जीवन में उतारने से है|' आजादी के बाद से ही विकास की प्रक्रिया निरंतर बनी हुई है जैसे - विभिन्न पंचवर्षीय योजनाएं, इस्पात संयंत्रों की स्थापना, उर्वरक उत्पादन, कृषि तकनीकों में सुधार आदि| गरीबी, बेरोजगारी, निरक्षरता आदि विकास के मार्ग की चुनौतियां हैं|

विकास के प्रमुख उद्देश्य
संपूर्ण समाज की उन्नति करना
देश की संपदा में वृद्धि करना
समाज को अधिक आधुनिक और प्रगतिशील बनाना
जीवन शैली को बदलना

विकास के प्रमुख सिद्धांत
1.एडम स्मिथ का सिद्धांत - स्मिथ के अनुसार किसान, उत्पादक तथा व्यापारी आर्थिक विकास के दूत हैं| इन्होंने ही बाजार को विस्तृत किया जिससे आर्थिक विकास संभव हो सका| ये प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों में प्रमुख माने जाते हैं और इन्हें अर्थशास्त्र का पिता भी कहा जाता है|

2. डेविड रिकार्डो का सिद्धांत -इन्होंने भी स्मिथ की तरह अव्यवस्थित ढंग से आर्थिक विकास से संबंधित अपने विचार व्यक्त किए हैं|

3. माल्थस का विकास सिद्धांत- माल्थस का सिद्धांत देश में होने वाले धन वृद्धि से संबंधित था| धन की वृद्धि से उनका अभिप्राय आर्थिक विकास से था और इस आर्थिक विकास को धन में वृद्धि करके प्राप्त किया जा सकता था|

4. मिर्डल का चक्रीय कार्य कारण सिद्धांत- इन्होंने कहा कि आर्थिक विकास का परिणाम चक्रिय कार्य कारण प्रक्रिया होती है जिससे धनीको को अधिक लाभ होता है और जो पिछड़े होते हैं उनके प्रयत्न व्यर्थ हो जाते हैं|

5. विकास का गांधीवादी प्रतिमान- ऐसा मार्ग जिससे व्यक्तित्व, गुणों, मूल्यों तथा आत्मा में प्रगति होती है|

6.बाजार द्वारा विकास- इस प्रतिमान का अर्थ हल्के उद्योगों से शुरुआत करके धीरे धीरे औद्योगिकीकरण, उन्नत प्रौद्योगिकी पर जोर देना आदि|

महत्वपूर्ण प्रश्न

सेकुलरवाद निम्न में से किसका विरोध करती है-

अ समानता का
ब स्वतंत्रता का
स राज सत्ता का
द धार्मिक वर्चस्व का

2. सभी सेकुलर राज्यों में कौन सी बात सामान्य रूप से एक सी होती है?
अ वे धर्म तांत्रिक है
ब वह किसी खास धर्म की स्थापना करते हैं
स वे न तो धर्म तांत्रिक हैं और ना किसी खास धर्म की स्थापना करते हैं
द इनमें से कोई नहीं

3. सांप्रदायिक सद्भभाव बढ़ाने के लिए क्या जरूरी है?
अ आपकी जागरूकता
ब शिक्षा का प्रचार प्रसार हो
स साझेदारी और पारस्परिक सहायता हो
द उपरोक्त सभी

4. निम्न में से कौन सी बात सेकूलरवाद के विचार से संगत है-
अ किसी धार्मिक समूह पर दूसरे धार्मिक समूह का वर्चस्व न होना
ब सभी धर्मों को राज्य का समान आश्रय होना
स किसी मंदिर में दलितों के प्रवेश के निषेध को रोकने के लिए सरकार का हस्तक्षेप
द उपरोक्त सभी

5. सेकुलरवाद के यूरोपीय मॉडल में धर्म क्या है?
अ सरकार का एक मामला
ब न्यायालय का एक मामला
स चर्च का मामला
द एक निजी मामला

6. सेकुलरवाद बढ़ावा देती है-
अ अस्पृश्यता को
ब धर्म तांत्रिक राज्य को
स धर्मों में समानता को
द कोई नहीं

7. सेकुलर राज्य सत्ता के लिए क्या जरूरी है?
अ एक राज्य धर्म
ब धर्म में हस्तक्षेप
स धर्म का विरोध
द धर्म से संबंध विच्छेद

8. भारतीय सेकुलरवाद राज्य को अनुमति देती है-
अ धार्मिक सुधार की
ब धार्मिक आयोजनों की
स धार्मिक भेदभाव की
द सभी

9. 42 वे संविधान संशोधन द्वारा उद्देशिका में अंत: स्थापित कौनसा शब्द जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता है?
अ समाजवाद
ब पंथनिरपेक्ष
स अखंडता
द उपरोक्त सभी

10. भारत में किस प्रकार की नागरिकता है?
अ इकहरी नागरिकता
ब दोहरी नागरिकता
स तिहरी नागरिकता
द इनमें से कोई नहीं

11. " कर्तव्यों के उचित क्रम निर्धारण का नाम नागरिकता है|"
अ विलियम बॉयड
ब लास्की
स लॉर्ड ब्राइस
द गार्नर

12. निम्न में से कौन सा नागरिकता का रूप है?
अ जन्मजात
ब देशीयकरण
स अ व ब दोनों
द कोई नहीं


13. निम्न में से कौन सी विकास मॉडल की आलोचना ठीक है?
अ अत्यधिक महंगा विकास होना
ब मानव और समाज को हानि होना
स पर्यावरण को हानि होना
द उपर्युक्त सभी

14. विकास को मापने का तरीका क्या है?
अ मानव विकास सूचकांक
ब बैरोमीटर
स जनसंख्या आंकड़े
द सीस्मोग्राफ

15. भारत में विकास के लिए कौन सा मॉडल चुना गया है?
अ पंचवर्षीय योजनाओं को
ब स्वैच्छिक संगठनों को
स सरकारी योजनाओं को
द निजी संगठनों को

16. औद्योगिकीकरण व्याख्या करता है-
अ विकास के वास्तविक अर्थ की
ब विकास के व्यापक अर्थ की
स विकास के संकीर्ण अर्थ की
द विकास के गलत अर्थ की

17. विकास का अर्थ होता है-
अ. एक समय विशेष तक प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि
ब. पूंजी निवेश में वृद्धि
स. जनसंख्या में अप्रत्याशित वृद्धि
द भौतिक पदार्थों के उपभोग में अप्रत्याशित वृद्धि

18. संपोषणीय विकास की अनुरूपता में क्या नहीं है?
अ जैविक खेती
ब पर्यावरणवाद
स अनंत विकास
द गांधीवाद

19.भारत में पंथ निरपेक्षता को सुनिश्चित करता है-
अ प्रस्तावना
ब धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
स शिक्षा एवं संस्कृति संबंधी अधिकार
द उक्त सभी

20. भारतीय संविधान की प्रस्तावना में पंथनिरपेक्षता शब्द कब जोड़ा गया?
अ 1974
ब 1976
स 1977
द 1978
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