संसद
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संसद, केंद्र सरकार का विधायीअंग है| अनुच्छेद 79 के अनुसार संघ के लिए एक संसद होगी जो राष्ट्रपति और दो सदनों से मिलकर बनेगी जिनके नाम राज्यसभा और लोकसभा होंगे| राज्यसभा उच्च सदन कहलाता है जबकि लोकसभा निचला सदन कहलाता है| राज्यसभा में राज्य व संघ राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि होते हैं, जबकि लोक सभा संपूर्ण रूप में भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व करती है| राष्ट्रपति के पास संसद के दोनों में से किसी भी सदन को बुलाने या आहूत करने तथा लोकसभा को भंग करने की शक्ति है| राष्ट्रपति संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं होता है और ना ही वह संसद में बैठता है लेकिन राष्ट्रपति, संसद का अभिन्न अंग है ऐसा इसलिए क्योंकि संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित कोई विधेयक तब तक विधि नहीं बनता, जब तक राष्ट्रपति उसे अपनी स्वीकृति नहीं दे देता| 16वी लोकसभा मई 2014 में अस्तित्व में आई| संसद भारत की सर्वोच्च विधायिका है| संविधान के 5वे भाग के अंतर्गत अनुच्छेद 79-122 में संसद के गठन, सरचना, विशेषाधिकार आदि है|
1.लोकसभा- अनुच्छेद 81,
- सदस्य संख्या (अधिकतम)- 552 ( 530 राज्यों से+ 20 संघ शासित क्षेत्रों से+ 2 नाम निर्देशित आंग्ल भारतीय)
- वर्तमान संख्या- 545 ( 530 राज्यों से, 13 संघ शासित क्षेत्रों से, 2 आंग्ल भारतीय नाम निर्देशित)
- निम्न सदन किंतु लोकप्रिय सदन एवं प्रथम सदन
- निर्वाचन- प्रत्यक्ष, वयस्क मताधिकार द्वारा, निर्वाचक 18 वर्ष का भारतीय जो मतदाता के रूप में पंजीकृत हो|
- कार्यकाल/ अवधि- 5 वर्ष
- योग्यताएं- भारत का नागरिक हो, आयु 25 वर्ष या उससे अधिक, संसद द्वारा बनाई गई विधि के द्वारा निर्धारित सभी योग्यताएं रखता हो|
- सत्र- वर्ष में कम से कम दो ( बीच का अंतराल 6 महीने से अधिक नहीं होना चाहिए)
- विघटन- राष्ट्रपति लोकसभा का विघटन कर सकता है|
- पदाधिकारी- लोकसभा का एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष होगा जिनका सदन के बहुमत से चयन होगा| दोनों अपने त्यागपत्र एक दूसरे को देंगे|
- शक्तियां- भारतीय संविधान ने संसद को संघ सूची, समवर्ती सूची, अवशिष्ट विषयों और कुछ परिस्थितियों में राज्य सूची के विषयों पर कानून का निर्माण करने का अधिकार दिया है| कोई भी साधारण विधेयक लोकसभा या राज्यसभा में से किसी एक में प्रस्तावित किया जा सकता है|
लोकसभा कार्यपालिका पर नियंत्रण रखती है| मंत्री परिषद के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में ही लाया जा सकता है| लोकसभा मंत्रियों से प्रश्न कर सकती है, अनेक प्रस्तावों के माध्यम से मंत्रियों के कार्यों की आलोचना कर सकती है|
अनुच्छेद 109 के अनुसार वित्त विधेयक लोकसभा में ही प्रस्तावित किए जाते हैं यहां से पारित होने के बाद राज्यसभा में भेजा जाता हैं|
संविधान संशोधन के संबंध में दोनों सदनों को समान अधिकार प्राप्त है दोनों सदनों में पारित हो जाने के बाद कोई विधेयक राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है| स्थगन प्रस्ताव, अविश्वास प्रस्ताव, निंदा प्रस्ताव, विश्वास प्रस्ताव केवल लोकसभा में ही लाए जा सकते हैं|
2. राज्यसभा- अनुच्छेद 80
- सदस्य संख्या- अधिकतम 250 ( 238 राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों से तथा 12 नाम निर्देशित)
- वर्तमान संख्या- 245 ( 229 राज्यों से, 4 संघ शासित क्षेत्रों, 12 नाम निर्देशित)
- उच्च सदन किंतु द्वितीय सदन
- निर्वाचन- अप्रत्यक्ष, राज्यो के प्रतिनिधि अनुपातिक प्रतिनिधित्व के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा, राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा
- कार्यकाल/ अवधि- स्थाई सदन ( किंतु सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष, प्रति 2 वर्ष के पश्चात एक तिहाई सदस्य पद मुक्त हो जाते हैं|)
- योग्यताएं- लोकसभा के अनुरूप, आयु 30 वर्ष
- विघटन- राज्यसभा स्थाई सदन है, अतः विघटन नहीं होता|
- पदाधिकारी- भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होगा तथा उपसभापति का चयन राज्यसभा अपने सदस्यों में से करेगी| उपसभापति अपना त्यागपत्र सभापति को देगा|
- शक्तियां- दोनों सदनों में किसी साधारण विधेयक के रूप में असहमति हो और 6 माह तक यही स्थिति रहती है तो राष्ट्रपति अनुच्छेद 108 के तहत लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक बुलाते हैं|संयुक्त बैठक की कार्यवाही लोकसभा के नियमों के अनुसार संचालित होती है| संख्या बल में लोकसभा शक्तिशाली होने के कारण अधिक प्रभावशाली होती है|
कार्यपालिका क्षेत्र में राज्यसभा की शक्तियां बहुत कम है| राज्यसभा को मंत्रियों के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव रखने की शक्ति प्राप्त नहीं है|
वित्तीय क्षेत्र में भी इस की शक्तियां बहुत कम है| लोकसभा से पारित धन विधेयक को राज्यसभा के पास भेजा जाता है राज्य सभा को 14 दिनों के अंदर धन विधेयक का अनुमोदन करना आवश्यक होता है यदि वह ऐसा नहीं करें तो वह विधेयक पारित माना जाता है|
यदि दोनों सदनों में संविधान संशोधन संबंधी विधेयक पर असहमति हो तो संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक का कोई प्रावधान नहीं है|
संसद के सत्र, सत्रावसान और विघटन-
राष्ट्रपति समय-समय पर अधिवेशन के लिए आहूत करेगा किंतु एक सत्र की अंतिम बैठक और आगामी सत्र की प्रथम बैठक के बीच 6 माह का अंतर नहीं होगा| राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों का अधिवेशन के लिए आहूत करने के लिए प्रथक प्रथक आदेश जारी करता है| अतः यह आवश्यक नहीं है कि लोकसभा और राज्यसभा को एक साथ एक ही तारीख को आहूत किया जाए और उनका सत्रावसान किया जाए|
राष्ट्रपति के ' सत्रावसान आदेश ' द्वारा संसद के किसी सदन के किसी सत्र की समाप्ति को सत्रावसान कहा जाता है| सत्रावसान का अर्थ सत्र की समाप्ति है, संसद की नहीं| लोकसभा या राज्यसभा का सत्रावसान किसी भी समय किया जा सकता है, भले ही सभा की बैठक चल रही हो|
5 वर्ष की अवधि पूरी हो जाने पर लोकसभा के कार्यकाल की समाप्ति को सभा का विघटन कहा जाता है जबकि राज्य सभा एक स्थाई सदन है इसका विघटन नहीं होता है| एक बार लोकसभा का विघटन हो जाने के बाद साधारण निर्वाचन के पश्चात ही लोकसभा पुनः समवेत हो जाती है| राष्ट्रपति लोकसभा का विघटन प्रधानमंत्री एवं मंत्रिपरिषद की सलाह पर करता है|
लोकसभा अध्यक्ष- लोकसभा का प्रमुख पीठासीन अधिकारी, सदन के बैठकों की अध्यक्षता करता है तथा सदन की कार्यवाहियो में उसका निर्णय अंतिम होता है| लोकसभा के भंग हो जाने के बाद भी अध्यक्ष अपने पद पर तब तक बना रहता है जब तक की नई लोकसभा का गठन नहीं हो जाता| अध्यक्ष यह निर्णय करता है कि कौनसा विधेयक धन संबंधी विषय है या नहीं| जब भी दोनों सदनों के बीच किसी संबंध में मतभेद होने पर संयुक्त बैठक बुलाई जाती है तो उसकी अध्यक्षता लोकसभा का अध्यक्ष करता है| निर्णायक मत भी देता है| लोकसभा की बैठक स्थगित करने या गणपूर्ति न होने की दशा में बैठक निलंबित करने की भी शक्ति प्राप्त है| लोकसभा के प्रथम अध्यक्ष जी वी मावलंकर थे| मीरा कुमार पहली महिला थी जो लोकसभा की अध्यक्ष थी|
प्रोटेम अध्यक्ष/ स्पीकर- जब अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष दोनों के पद रिक्त हो जाए तो लोकसभा का ऐसा सदस्य जिसे राष्ट्रपति इस प्रयोजन के लिए नियुक्त करें, उस पद के कर्तव्यों का निर्वहन करता है उसे प्रोटेम स्पीकर कहा जाता है| निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाता है| यह तभी तक कार्य करता है जब तक लोकसभा द्वारा अध्यक्ष का निर्वाचन नहीं कर लिया जाता|
उपाध्यक्ष- अध्यक्ष अगली लोक सभा के गठन के ठीक पहले तक अपने पद पर बना रहता है वहीं इसके विपरीत उपाध्यक्ष अपने निर्वाचन से लेकर लोकसभा के विघटन तक ही अपने पद पर बना रहता है|
सभापति- राज्यसभा का पीठासीन अधिकारी सभापति होता है| भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है| इसका कार्यकाल 5 वर्ष होता है| राज्यसभा के सभापति को प्राप्त शक्तियां और कार्य लोकसभा के अध्यक्ष के समान ही है|
संसद में नेता- प्रधानमंत्री,यदि वह लोकसभा सदस्य है या प्रधानमंत्री द्वारा 'सदन का नेता' के रूप में मनोनीत कोई मंत्री जो लोकसभा का सदस्य हो|
संसदीय कार्यवाही के साधन-
1.प्रश्नकाल- संसद का पहला घंटा प्रश्नकाल के लिए होता है| इस दौरान सदस्य प्रश्न पूछते हैं और मंत्री उत्तर देते हैं| 3 तरह के प्रश्न होते हैं- तारांकित प्रश्न- इनका उत्तर मौखिक दिया जाता है|
अतारांकित प्रश्न- लिखित रिपोर्ट आवश्यक होती है|
अल्प सूचना वाले- 10 दिन का नोटिस देकर पूछा जाता है|
2. शून्यकाल- संसद की कार्यवाही प्रतिदिन प्रातः 11 बजे प्रश्नकाल के साथ प्रारंभ होती है जो मध्यान्ह 12 बजे तक चलता है उसके पश्चात मध्यान्ह 12 बजे से शून्यकाल प्रारंभ होता है| किंतु यह आवश्यक नहीं है कि यह पूरे 1 घंटे चले कभी-कभी यह आधे घंटे में ही खत्म हो जाता है तो कई बार 2 घंटे से भी ज्यादा समय चला है| शून्यकाल में उठाए गए प्रश्नों पर मंत्री तुरंत उत्तर देने के लिए बाध्य भी नहीं है|
संसद में विधायी प्रक्रिया- विधि निर्माण संसद का प्रमुख कार्य है| विधेयकों को दो श्रेणियो में वर्गीकृत- सरकारी विधेयक और गैर सरकारी विधेयक ( सरकारी विधेयक - संसद में किसी मंत्री द्वारा रखी गये तथा गैर सरकारी विधेयक- संसद में किसी सदस्य द्वारा रखिए)
साधारण विधेयक- यह संसद के दोनों सदनों में से किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है| प्रथम सदन से पारित होने के बाद दूसरे सदन में पेश किया जाता है| वह विधेयक को अस्वीकार कर सकता है ,संशोधन सहित विधेयक को पारित कर सकता है| दोनों सदनों द्वारा पारित होने के बाद राष्ट्रपति के अनुमति के लिए भेजा जाता है| राष्ट्रपति इस पर अनुमति रोक सकता है, अनुमति प्रदान भी कर सकता है तथा पुनर्विचार के लिए लौटा भी सकता है|
धन विधेयक- कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं उस पर लोकसभा के अध्यक्ष का विनिशचय अंतिम होगा | लोकसभा द्वारा पारित होने के बाद राज्यसभा को भेजा जाता है, राज्यसभा 14 दिन के भीतर उसे अपनी सिफारिशों सहित लौटा देगी| यदि लोकसभा, राज्य सभा की किसी सिफारिश को स्वीकार कर लेती है तो धन विधेयक राज्यसभा द्वारा सिफारिश किए गए और लोकसभा द्वारा स्वीकार किए गए संशोधनों सहित दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया समझा जाएगा|
वित्त विधेयक- प्रत्येक धन विधेयक वित्त विधेयक होता है किंतु प्रत्येक वित्त विधेयक धन विधेयक नहीं होता है| वित्त विधेयक राष्ट्रपति के पूर्व अनुमति से केवल लोकसभा में ही पेश किया जा सकता है| धन विधेयक के संबंध में संयुक्त बैठक का प्रावधान नहीं है तथा वित्त विधेयक के संबंध में संयुक्त बैठक बुलाई जा सकती है|
संविधान संशोधन विधेयक- संसद के किसी भी सदन में लाया जा सकता है और इसके लिए राष्ट्रपति की पूर्व मंजूरी की भी कोई आवश्यकता नहीं है|
संसद की प्रमुख स्थायी समितियां
1.लोक लेखा समिति- 22 सदस्य संख्या ( 15 लोकसभा + 7 राज्यसभा सदस्य)
कार्य- नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की वार्षिक रिपोर्ट की जांच करना| भारत सरकार के वार्षिक वित्तीय खातों तथा सदन के समक्ष प्रस्तुत अन्य खातों की जांच करना|
2.प्राक्कलन समिति- 30 सदस्य संख्या ( सभी लोकसभा से)
कार्य- वित्तीय प्रशासन में मित्व्यता लाने और प्रशासन में कुशल एवं वैकल्पिक नीतियों के संबंध में सुझाव देना|
3. सार्वजनिक उपक्रम समिति- 22 सदस्य संख्या ( 15 लोकसभा + 7 राज्य सभा सदस्य)
कार्य- सरकारी उपक्रमों के लेखा एवं रिपोर्ट का परीक्षण|
महत्वपूर्ण प्रश्न
1. भारतीय संसद में-
अ केवल प्रत्यक्ष रुप से निर्वाचित सदस्य होते हैं
ब केवल अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित सदस्य होते हैं
स केवल नामांकित सदस्य होते हैं
द प्रत्यक्ष निर्वाचित, अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित तथा नामांकित सदस्य होते हैं|
2. भारत में संसद के सदस्यों का निर्वाचन किस की देखरेख में होता है?
अ राष्ट्रपति
ब उपराष्ट्रपति
स निर्वाचन आयोग
द सर्वोच्च न्यायालय
3. संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करता है-
अ सभापति, राज्य सभा
ब अध्यक्ष, लोकसभा
स राष्ट्रपति
द विरोधी दल का नेता
4. राज्य सभा के निर्वाचित सदस्य चुने जाते हैं-
अ वयस्क मताधिकार
ब प्रत्यक्ष प्रणाली
स अप्रत्यक्ष प्रणाली
द एकल संक्रमणीय मत प्रणाली
5. संसद सदस्य अपना त्यागपत्र देते हैं-
अ राष्ट्रपति को
ब प्रधानमंत्री को
स स्पीकर को
द उपराष्ट्रपति को
6. राज्यसभा है-
अ स्थाई सदन
ब अस्थाई सदन
स अ और ब दोनों
द कोई नहीं
7. कोई विधेयक धन विधेयक है कि नहीं, इसको कौन प्रमाणित करता है?
अ राष्ट्रपति
ब स्पीकर
स प्रधानमंत्री
द संसद
8. किसने संसद को " बांझ स्त्री एवं बातुनी लोगो की दुकान " कहा है?
अ महात्मा गांधी
ब नेहरू
स अंबेडकर
द सुभाष चंद्र
9. राज्यसभा का सभापति कौन होता है?
अ राज्यसभा से निर्वाचित होता है
ब उपराष्ट्रपति होता है
स राज्यसभा का वरिष्ठतम सदस्य होता है
द उक्त कोई नही
10. संसद का निर्माण होता है-
अ लोकसभा से
ब राज्यसभा से
स राष्ट्रपति से
द तीनों से मिलकर
11. राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होने के लिए कितनी उम्र आवश्यक होती है ?
अ 25 वर्ष
ब 30 वर्ष
स 35 वर्ष
द 31 वर्ष
12. राजस्थान से राज्यसभा सदस्य कितने होते हैं?
अ 15
ब 10
स 8
द 12
13. राज्यसभा से संबंधित असंगत कथन है-
अ अनुच्छेद 80 में राज्यसभा की सरचना का प्रावधान
ब राज्यसभा की अधिकतम सदस्य संख्या 250 है
स वर्तमान में यह संख्या 245 है
द सभी संगत है
14. किसे संसद का निम्न सदन कहा जाता है-
अ लोकसभा
ब राज्यसभा
स विधानसभा
द विधान परिषद
15. लोक लेखा समिति की सदस्य संख्या कितनी है?
अ 20
ब 22
स 23
द 24
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संसद, केंद्र सरकार का विधायीअंग है| अनुच्छेद 79 के अनुसार संघ के लिए एक संसद होगी जो राष्ट्रपति और दो सदनों से मिलकर बनेगी जिनके नाम राज्यसभा और लोकसभा होंगे| राज्यसभा उच्च सदन कहलाता है जबकि लोकसभा निचला सदन कहलाता है| राज्यसभा में राज्य व संघ राज्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि होते हैं, जबकि लोक सभा संपूर्ण रूप में भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व करती है| राष्ट्रपति के पास संसद के दोनों में से किसी भी सदन को बुलाने या आहूत करने तथा लोकसभा को भंग करने की शक्ति है| राष्ट्रपति संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं होता है और ना ही वह संसद में बैठता है लेकिन राष्ट्रपति, संसद का अभिन्न अंग है ऐसा इसलिए क्योंकि संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित कोई विधेयक तब तक विधि नहीं बनता, जब तक राष्ट्रपति उसे अपनी स्वीकृति नहीं दे देता| 16वी लोकसभा मई 2014 में अस्तित्व में आई| संसद भारत की सर्वोच्च विधायिका है| संविधान के 5वे भाग के अंतर्गत अनुच्छेद 79-122 में संसद के गठन, सरचना, विशेषाधिकार आदि है|
1.लोकसभा- अनुच्छेद 81,
- सदस्य संख्या (अधिकतम)- 552 ( 530 राज्यों से+ 20 संघ शासित क्षेत्रों से+ 2 नाम निर्देशित आंग्ल भारतीय)
- वर्तमान संख्या- 545 ( 530 राज्यों से, 13 संघ शासित क्षेत्रों से, 2 आंग्ल भारतीय नाम निर्देशित)
- निम्न सदन किंतु लोकप्रिय सदन एवं प्रथम सदन
- निर्वाचन- प्रत्यक्ष, वयस्क मताधिकार द्वारा, निर्वाचक 18 वर्ष का भारतीय जो मतदाता के रूप में पंजीकृत हो|
- कार्यकाल/ अवधि- 5 वर्ष
- योग्यताएं- भारत का नागरिक हो, आयु 25 वर्ष या उससे अधिक, संसद द्वारा बनाई गई विधि के द्वारा निर्धारित सभी योग्यताएं रखता हो|
- सत्र- वर्ष में कम से कम दो ( बीच का अंतराल 6 महीने से अधिक नहीं होना चाहिए)
- विघटन- राष्ट्रपति लोकसभा का विघटन कर सकता है|
- पदाधिकारी- लोकसभा का एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष होगा जिनका सदन के बहुमत से चयन होगा| दोनों अपने त्यागपत्र एक दूसरे को देंगे|
- शक्तियां- भारतीय संविधान ने संसद को संघ सूची, समवर्ती सूची, अवशिष्ट विषयों और कुछ परिस्थितियों में राज्य सूची के विषयों पर कानून का निर्माण करने का अधिकार दिया है| कोई भी साधारण विधेयक लोकसभा या राज्यसभा में से किसी एक में प्रस्तावित किया जा सकता है|
लोकसभा कार्यपालिका पर नियंत्रण रखती है| मंत्री परिषद के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में ही लाया जा सकता है| लोकसभा मंत्रियों से प्रश्न कर सकती है, अनेक प्रस्तावों के माध्यम से मंत्रियों के कार्यों की आलोचना कर सकती है|
अनुच्छेद 109 के अनुसार वित्त विधेयक लोकसभा में ही प्रस्तावित किए जाते हैं यहां से पारित होने के बाद राज्यसभा में भेजा जाता हैं|
संविधान संशोधन के संबंध में दोनों सदनों को समान अधिकार प्राप्त है दोनों सदनों में पारित हो जाने के बाद कोई विधेयक राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है| स्थगन प्रस्ताव, अविश्वास प्रस्ताव, निंदा प्रस्ताव, विश्वास प्रस्ताव केवल लोकसभा में ही लाए जा सकते हैं|
2. राज्यसभा- अनुच्छेद 80
- सदस्य संख्या- अधिकतम 250 ( 238 राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों से तथा 12 नाम निर्देशित)
- वर्तमान संख्या- 245 ( 229 राज्यों से, 4 संघ शासित क्षेत्रों, 12 नाम निर्देशित)
- उच्च सदन किंतु द्वितीय सदन
- निर्वाचन- अप्रत्यक्ष, राज्यो के प्रतिनिधि अनुपातिक प्रतिनिधित्व के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा, राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा
- कार्यकाल/ अवधि- स्थाई सदन ( किंतु सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष, प्रति 2 वर्ष के पश्चात एक तिहाई सदस्य पद मुक्त हो जाते हैं|)
- योग्यताएं- लोकसभा के अनुरूप, आयु 30 वर्ष
- विघटन- राज्यसभा स्थाई सदन है, अतः विघटन नहीं होता|
- पदाधिकारी- भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होगा तथा उपसभापति का चयन राज्यसभा अपने सदस्यों में से करेगी| उपसभापति अपना त्यागपत्र सभापति को देगा|
- शक्तियां- दोनों सदनों में किसी साधारण विधेयक के रूप में असहमति हो और 6 माह तक यही स्थिति रहती है तो राष्ट्रपति अनुच्छेद 108 के तहत लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक बुलाते हैं|संयुक्त बैठक की कार्यवाही लोकसभा के नियमों के अनुसार संचालित होती है| संख्या बल में लोकसभा शक्तिशाली होने के कारण अधिक प्रभावशाली होती है|
कार्यपालिका क्षेत्र में राज्यसभा की शक्तियां बहुत कम है| राज्यसभा को मंत्रियों के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव रखने की शक्ति प्राप्त नहीं है|
वित्तीय क्षेत्र में भी इस की शक्तियां बहुत कम है| लोकसभा से पारित धन विधेयक को राज्यसभा के पास भेजा जाता है राज्य सभा को 14 दिनों के अंदर धन विधेयक का अनुमोदन करना आवश्यक होता है यदि वह ऐसा नहीं करें तो वह विधेयक पारित माना जाता है|
यदि दोनों सदनों में संविधान संशोधन संबंधी विधेयक पर असहमति हो तो संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक का कोई प्रावधान नहीं है|
संसद के सत्र, सत्रावसान और विघटन-
राष्ट्रपति समय-समय पर अधिवेशन के लिए आहूत करेगा किंतु एक सत्र की अंतिम बैठक और आगामी सत्र की प्रथम बैठक के बीच 6 माह का अंतर नहीं होगा| राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों का अधिवेशन के लिए आहूत करने के लिए प्रथक प्रथक आदेश जारी करता है| अतः यह आवश्यक नहीं है कि लोकसभा और राज्यसभा को एक साथ एक ही तारीख को आहूत किया जाए और उनका सत्रावसान किया जाए|
राष्ट्रपति के ' सत्रावसान आदेश ' द्वारा संसद के किसी सदन के किसी सत्र की समाप्ति को सत्रावसान कहा जाता है| सत्रावसान का अर्थ सत्र की समाप्ति है, संसद की नहीं| लोकसभा या राज्यसभा का सत्रावसान किसी भी समय किया जा सकता है, भले ही सभा की बैठक चल रही हो|
5 वर्ष की अवधि पूरी हो जाने पर लोकसभा के कार्यकाल की समाप्ति को सभा का विघटन कहा जाता है जबकि राज्य सभा एक स्थाई सदन है इसका विघटन नहीं होता है| एक बार लोकसभा का विघटन हो जाने के बाद साधारण निर्वाचन के पश्चात ही लोकसभा पुनः समवेत हो जाती है| राष्ट्रपति लोकसभा का विघटन प्रधानमंत्री एवं मंत्रिपरिषद की सलाह पर करता है|
लोकसभा अध्यक्ष- लोकसभा का प्रमुख पीठासीन अधिकारी, सदन के बैठकों की अध्यक्षता करता है तथा सदन की कार्यवाहियो में उसका निर्णय अंतिम होता है| लोकसभा के भंग हो जाने के बाद भी अध्यक्ष अपने पद पर तब तक बना रहता है जब तक की नई लोकसभा का गठन नहीं हो जाता| अध्यक्ष यह निर्णय करता है कि कौनसा विधेयक धन संबंधी विषय है या नहीं| जब भी दोनों सदनों के बीच किसी संबंध में मतभेद होने पर संयुक्त बैठक बुलाई जाती है तो उसकी अध्यक्षता लोकसभा का अध्यक्ष करता है| निर्णायक मत भी देता है| लोकसभा की बैठक स्थगित करने या गणपूर्ति न होने की दशा में बैठक निलंबित करने की भी शक्ति प्राप्त है| लोकसभा के प्रथम अध्यक्ष जी वी मावलंकर थे| मीरा कुमार पहली महिला थी जो लोकसभा की अध्यक्ष थी|
प्रोटेम अध्यक्ष/ स्पीकर- जब अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष दोनों के पद रिक्त हो जाए तो लोकसभा का ऐसा सदस्य जिसे राष्ट्रपति इस प्रयोजन के लिए नियुक्त करें, उस पद के कर्तव्यों का निर्वहन करता है उसे प्रोटेम स्पीकर कहा जाता है| निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाता है| यह तभी तक कार्य करता है जब तक लोकसभा द्वारा अध्यक्ष का निर्वाचन नहीं कर लिया जाता|
उपाध्यक्ष- अध्यक्ष अगली लोक सभा के गठन के ठीक पहले तक अपने पद पर बना रहता है वहीं इसके विपरीत उपाध्यक्ष अपने निर्वाचन से लेकर लोकसभा के विघटन तक ही अपने पद पर बना रहता है|
सभापति- राज्यसभा का पीठासीन अधिकारी सभापति होता है| भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है| इसका कार्यकाल 5 वर्ष होता है| राज्यसभा के सभापति को प्राप्त शक्तियां और कार्य लोकसभा के अध्यक्ष के समान ही है|
संसद में नेता- प्रधानमंत्री,यदि वह लोकसभा सदस्य है या प्रधानमंत्री द्वारा 'सदन का नेता' के रूप में मनोनीत कोई मंत्री जो लोकसभा का सदस्य हो|
संसदीय कार्यवाही के साधन-
1.प्रश्नकाल- संसद का पहला घंटा प्रश्नकाल के लिए होता है| इस दौरान सदस्य प्रश्न पूछते हैं और मंत्री उत्तर देते हैं| 3 तरह के प्रश्न होते हैं- तारांकित प्रश्न- इनका उत्तर मौखिक दिया जाता है|
अतारांकित प्रश्न- लिखित रिपोर्ट आवश्यक होती है|
अल्प सूचना वाले- 10 दिन का नोटिस देकर पूछा जाता है|
2. शून्यकाल- संसद की कार्यवाही प्रतिदिन प्रातः 11 बजे प्रश्नकाल के साथ प्रारंभ होती है जो मध्यान्ह 12 बजे तक चलता है उसके पश्चात मध्यान्ह 12 बजे से शून्यकाल प्रारंभ होता है| किंतु यह आवश्यक नहीं है कि यह पूरे 1 घंटे चले कभी-कभी यह आधे घंटे में ही खत्म हो जाता है तो कई बार 2 घंटे से भी ज्यादा समय चला है| शून्यकाल में उठाए गए प्रश्नों पर मंत्री तुरंत उत्तर देने के लिए बाध्य भी नहीं है|
संसद में विधायी प्रक्रिया- विधि निर्माण संसद का प्रमुख कार्य है| विधेयकों को दो श्रेणियो में वर्गीकृत- सरकारी विधेयक और गैर सरकारी विधेयक ( सरकारी विधेयक - संसद में किसी मंत्री द्वारा रखी गये तथा गैर सरकारी विधेयक- संसद में किसी सदस्य द्वारा रखिए)
साधारण विधेयक- यह संसद के दोनों सदनों में से किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है| प्रथम सदन से पारित होने के बाद दूसरे सदन में पेश किया जाता है| वह विधेयक को अस्वीकार कर सकता है ,संशोधन सहित विधेयक को पारित कर सकता है| दोनों सदनों द्वारा पारित होने के बाद राष्ट्रपति के अनुमति के लिए भेजा जाता है| राष्ट्रपति इस पर अनुमति रोक सकता है, अनुमति प्रदान भी कर सकता है तथा पुनर्विचार के लिए लौटा भी सकता है|
धन विधेयक- कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं उस पर लोकसभा के अध्यक्ष का विनिशचय अंतिम होगा | लोकसभा द्वारा पारित होने के बाद राज्यसभा को भेजा जाता है, राज्यसभा 14 दिन के भीतर उसे अपनी सिफारिशों सहित लौटा देगी| यदि लोकसभा, राज्य सभा की किसी सिफारिश को स्वीकार कर लेती है तो धन विधेयक राज्यसभा द्वारा सिफारिश किए गए और लोकसभा द्वारा स्वीकार किए गए संशोधनों सहित दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया समझा जाएगा|
वित्त विधेयक- प्रत्येक धन विधेयक वित्त विधेयक होता है किंतु प्रत्येक वित्त विधेयक धन विधेयक नहीं होता है| वित्त विधेयक राष्ट्रपति के पूर्व अनुमति से केवल लोकसभा में ही पेश किया जा सकता है| धन विधेयक के संबंध में संयुक्त बैठक का प्रावधान नहीं है तथा वित्त विधेयक के संबंध में संयुक्त बैठक बुलाई जा सकती है|
संविधान संशोधन विधेयक- संसद के किसी भी सदन में लाया जा सकता है और इसके लिए राष्ट्रपति की पूर्व मंजूरी की भी कोई आवश्यकता नहीं है|
संसद की प्रमुख स्थायी समितियां
1.लोक लेखा समिति- 22 सदस्य संख्या ( 15 लोकसभा + 7 राज्यसभा सदस्य)
कार्य- नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की वार्षिक रिपोर्ट की जांच करना| भारत सरकार के वार्षिक वित्तीय खातों तथा सदन के समक्ष प्रस्तुत अन्य खातों की जांच करना|
2.प्राक्कलन समिति- 30 सदस्य संख्या ( सभी लोकसभा से)
कार्य- वित्तीय प्रशासन में मित्व्यता लाने और प्रशासन में कुशल एवं वैकल्पिक नीतियों के संबंध में सुझाव देना|
3. सार्वजनिक उपक्रम समिति- 22 सदस्य संख्या ( 15 लोकसभा + 7 राज्य सभा सदस्य)
कार्य- सरकारी उपक्रमों के लेखा एवं रिपोर्ट का परीक्षण|
महत्वपूर्ण प्रश्न
1. भारतीय संसद में-
अ केवल प्रत्यक्ष रुप से निर्वाचित सदस्य होते हैं
ब केवल अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित सदस्य होते हैं
स केवल नामांकित सदस्य होते हैं
द प्रत्यक्ष निर्वाचित, अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित तथा नामांकित सदस्य होते हैं|
2. भारत में संसद के सदस्यों का निर्वाचन किस की देखरेख में होता है?
अ राष्ट्रपति
ब उपराष्ट्रपति
स निर्वाचन आयोग
द सर्वोच्च न्यायालय
3. संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करता है-
अ सभापति, राज्य सभा
ब अध्यक्ष, लोकसभा
स राष्ट्रपति
द विरोधी दल का नेता
4. राज्य सभा के निर्वाचित सदस्य चुने जाते हैं-
अ वयस्क मताधिकार
ब प्रत्यक्ष प्रणाली
स अप्रत्यक्ष प्रणाली
द एकल संक्रमणीय मत प्रणाली
5. संसद सदस्य अपना त्यागपत्र देते हैं-
अ राष्ट्रपति को
ब प्रधानमंत्री को
स स्पीकर को
द उपराष्ट्रपति को
6. राज्यसभा है-
अ स्थाई सदन
ब अस्थाई सदन
स अ और ब दोनों
द कोई नहीं
7. कोई विधेयक धन विधेयक है कि नहीं, इसको कौन प्रमाणित करता है?
अ राष्ट्रपति
ब स्पीकर
स प्रधानमंत्री
द संसद
8. किसने संसद को " बांझ स्त्री एवं बातुनी लोगो की दुकान " कहा है?
अ महात्मा गांधी
ब नेहरू
स अंबेडकर
द सुभाष चंद्र
9. राज्यसभा का सभापति कौन होता है?
अ राज्यसभा से निर्वाचित होता है
ब उपराष्ट्रपति होता है
स राज्यसभा का वरिष्ठतम सदस्य होता है
द उक्त कोई नही
10. संसद का निर्माण होता है-
अ लोकसभा से
ब राज्यसभा से
स राष्ट्रपति से
द तीनों से मिलकर
11. राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होने के लिए कितनी उम्र आवश्यक होती है ?
अ 25 वर्ष
ब 30 वर्ष
स 35 वर्ष
द 31 वर्ष
12. राजस्थान से राज्यसभा सदस्य कितने होते हैं?
अ 15
ब 10
स 8
द 12
13. राज्यसभा से संबंधित असंगत कथन है-
अ अनुच्छेद 80 में राज्यसभा की सरचना का प्रावधान
ब राज्यसभा की अधिकतम सदस्य संख्या 250 है
स वर्तमान में यह संख्या 245 है
द सभी संगत है
14. किसे संसद का निम्न सदन कहा जाता है-
अ लोकसभा
ब राज्यसभा
स विधानसभा
द विधान परिषद
15. लोक लेखा समिति की सदस्य संख्या कितनी है?
अ 20
ब 22
स 23
द 24
सभी answers नीचे दिए गए pdf में है
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