मौलिक अधिकार
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वे अधिकार जो व्यक्ति के जीवन के लिए अनिवार्य होते हैं तथा वे संविधान द्वारा नागरिकों को प्रदान किए जाते हैं और जिन अधिकारों में राज्य द्वारा हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता| संविधान के 22 भाग हैं, जिसमें से भाग 3 में मौलिक अधिकारों का वर्णन है ( अनुच्छेद12 - 35) सबसे पहले फ्रांस ने अपने नागरिकों को कुछ अधिकार दिए थे तथा अमेरिका ने सबसे पहले मौलिक अधिकारों को संवैधानिक रूप से अपनाया था| भारत ने मौलिक अधिकार अमेरिका से ही ग्रहण किए हैं| इन्हें मैग्नाकार्टा भी कहा जाता है| मूल अधिकारों की मांग सर्वप्रथम स्वराज्य विधेयक 1895 में की गई थी| मूल अधिकारों को संविधान में "मूल अधिकार" शीर्षक से सम्मिलित करने की सिफारिश मोतीलाल नेहरू समिति (1928) ने की थी| संविधान सभा ने मूल अधिकारों पर विचार करने में 38 दिन लगाए थे और अंत में 7अधिकारों को शामिल किया गया| वर्तमान में नागरिकों को 6 मूल अधिकार प्राप्त है, संपत्ति का अधिकार अनुच्छेद 300क में कानूनी अधिकार है|
मूल अधिकार -
1.समानता का अधिकार ( 14- 18)
2. स्वतंत्रता का अधिकार ( 19- 22)
3. शोषण के विरुद्ध अधिकार ( 23- 24)
4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार ( 25- 28)
5. शिक्षा एवं संस्कृति का अधिकार ( 29- 30)
6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार ( 32)
1.समानता का अधिकार
अनुच्छेद 14- विधि के समक्ष समानता
अनुच्छेद 15- धर्म, मूल वंश, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध
अनुच्छेद 16- लोक नियोजन के विषय में अवसर की समानता
अनुच्छेद 17- अस्पृश्यता का अंत
अनुच्छेद 18- उपाधियों का अंत
2. स्वतंत्रता का अधिकार
अनुच्छेद 19- वाक व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्ण सम्मेलन की स्वतंत्रता, संगठन बनाने की स्वतंत्रता, निवास की स्वतंत्रता, आगमन की स्वतंत्रता, रोजगार या जीविका की स्वतंत्रता|
अनुच्छेद 20- अपराधों के लिए दोष सिद्धि के संबंध में संरक्षण
अनुच्छेद 21- प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण (डॉ भीमराव अंबेडकर ने अनुच्छेद 21 को संविधान का मेरुदंड तथा मैग्नाकार्टा कहा है|)
अनुच्छेद 21क- शिक्षा का अधिकार ( 86 वे संविधान संशोधन द्वारा 6- 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान किया गया)
अनुच्छेद 22- कुछ दशाओ में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण
3.शोषण के विरुद्ध अधिकार
अनुच्छेद 23- मानव के बेगार प्रथा और बाल श्रम पर प्रतिबंध
अनुच्छेद 24- कारखानों में बालकों के काम पर रोक
4.धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
अनुच्छेद 25- अंतः करण की स्वतंत्रता और किसी भी धर्म को मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता
अनुच्छेद 26- धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता
अनुच्छेद 27- धार्मिक कार्यों से प्राप्त आय आयकर की सीमा से वंचित रखी गई है|
अनुच्छेद 28- कुछ शिक्षण संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्वतंत्रता
5.संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार
अनुच्छेद 29- अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का संरक्षण
अनुच्छेद 30- शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार
अनुच्छेद 31- निरसित
6. अनुच्छेद 32- संवैधानिक उपचारों का अधिकार डॉ अंबेडकर ने इसे संविधान की आत्मा कहा है तथा इसी अनुच्छेद को संविधान की प्राचीर की संज्ञा दी है| अनुच्छेद 32 के तहत उपचार उसी व्यक्ति को उपलब्ध होगा जिसके मूल अधिकारों का उल्लंघन हुआ हो| अनुच्छेद 32 सिर्फ मूल अधिकारों की ही सुरक्षा करता है, अन्य अधिकारों की नहीं| अनुच्छेद 226 द्वारा उच्च न्यायालय को मूल अधिकारों की रक्षा का दायित्व सौंपा गया है| न्यायालय द्वारा मूल अधिकारों की रक्षा के लिए पांच प्रकार की रिट जारी कर सकता है- ( रिट को न्याय का झरना भी कहा जाता है तथा यह संकल्पना ब्रिटिश संविधान से ली गई है)
1.बंदी प्रत्यक्षीकरण- इसका शाब्दिक अर्थ होता है ' को प्रस्तुत किया जाए'| यह उस व्यक्ति के संबंध में न्यायालय द्वारा जारी आदेश है, जिससे दूसरे द्वारा हिरासत में रखा गया है, उसे इसके सामने प्रस्तुत किया जाये|
2. परमादेश- शाब्दिक अर्थ है ' हम आदेश देते हैं'| यह एक नियंत्रण है, जिसे न्यायालय द्वारा सार्वजनिक अधिकारियों को जारी किया जाता है|
3. प्रतिषेध- शाब्दिक अर्थ है ' रोकना'| जिस तरह परमादेश सीधे सक्रिय रहता है, प्रतिषेध सीधे सक्रिय नहीं रहता|
4. उत्प्रेषण- इससे आशय है ' प्रमाणित होना' या ' सूचना देना'| इसके अंतर्गत उच्चतम तथा उच्च न्यायालय द्वारा अपने अधीनस्थ न्यायालयों से किसी भी विषय को अपने पास मंगवा सकता है तथा उस संबंध में सूचना प्राप्त कर सकता है|
5. अधिकार प्रच्छा- जब कोई व्यक्ति ऐसे पदाधिकारी के रूप में कार्य करने लगता है जिसका उसे वैधानिक रूप से अधिकार नहीं है तो न्यायालय इसके माध्यम से उस व्यक्ति से पूछता है कि वह किस आधार पर इस पद पर कार्य कर रहा है और जब तक सही रूप से जवाब नहीं मिल जाता वह कार्य नहीं कर सकता है|
उच्चतम न्यायालय की अनुच्छेद 32 के अधीन रिट जारी करने की शक्ति बहुत विस्तृत है| अनुच्छेद 32 के अधीन उच्चतम न्यायालय केवल मूल अधिकारों के प्रवर्तन के लिए रिट जारी कर सकता है| इसलिए मूल अधिकारो का महत्व बहुत अधिक है| मूल अधिकार अल्पसंख्यकों एवं समाज के कमजोर वर्गों के हितों की रक्षा करते हैं| ये देश में विधि के शासन की स्थापना करते हैं, व्यक्तिगत स्वतंत्रता के रक्षक हैं, सामाजिक समानता एवं सामाजिक न्याय की आधारशिला रखते हैं इस प्रकार इन के अनेक महत्व है|
मौलिक अधिकार के महत्वपूर्ण प्रश्न-
1. मौलिक अधिकारों का संरक्षक कौन है-
अ राष्ट्रपति
ब उच्चतम न्यायालय
स मंत्रिमंडल
द संसद
2. हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने किस को मौलिक अधिकार का दर्जा दिया है?
अ इच्छा मृत्यु को
ब आत्महत्या को
स अमानवीयता को
द उपरोक्त सभी
3. संवैधानिक उपचारों के अधिकार के तहत कौन सी रिट जारी नहीं की जा सकती है?
अ बंदी प्रत्यक्षीकरण
ब परमादेश
स अप्रतिषेध
द उत्प्रेक्षण
4. हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने किस को मौलिक अधिकार माना है?
अ निजता को
ब धूम्रपान करने को
स आवारापन को
द उक्त कोई नहीं
5. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार से संबंधित असंगत का चयन कीजिए-
अ यह अनुच्छेद 25 से 28 तक वर्णित है
ब यह अंतः करण की ओर धर्म को निर्बाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता देता है
स राज्य की किसी भी शिक्षण संस्था में धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाएगी
द सभी संगत है कोई असंगत नहीं है|
6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार कौन से अनुच्छेद में है?
अ अनुच्छेद 32
ब अनुच्छेद 18
स अनुच्छेद 20
द अनुच्छेद 14
7. सैनिक बलों के संदर्भ में मौलिक अधिकारों को कौन परिवर्तित कर सकता है?
अ राष्ट्रपति
ब संसद
स रक्षा मंत्री
द सर्वोच्च न्यायालय
8. किस संविधान संशोधन द्वारा संपत्ति के अधिकार को मूल अधिकारों की सूची से हटाया गया ?
अ 47 वे
ब 44 वें
स 40 वे
द 42 वे
9. मौलिक अधिकार और मूल कर्तव्य में मौलिक अंतर है?
अ मौलिक अधिकार राज्य द्वारा नागरिकों को प्रदत्त है जबकि मूल कर्तव्य नागरिकों के दायित्व के रूप में वर्णित है
ब मौलिक अधिकार और मौलिक कर्तव्य परस्पर पूरक है
स मौलिक अधिकार व्यक्ति विशेष के लिए हैं जबकि पूर्ण अधिकार सभी नागरिकों के लिए है
द उपरोक्त सभी सत्य हैं
10. निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार नहीं है?
अ भाषण की स्वतंत्रता
ब संपत्ति का अधिकार
स संवैधानिक उपचारों का अधिकार
द देशभर में स्वतंत्रता पूर्वक भ्रमण करने का अधिकार
11. निम्नांकित में से सत्य कथन है-
अ राजनीतिक अधिकार केवल लोकतांत्रिक देश में मिलते हैं
ब राजनीतिक अधिकार केवल नागरिकों को दिए जाते हैं
स राजनीतिक अधिकार केवल विदेशियों को प्रदान किए जाते हैं
द राजनीतिक अधिकार नागरिकों एवं विदेशियों दोनों को दिए जाते हैं
12. संविधान के अनुच्छेद 14 में प्रयुक्त ' विधि के समक्ष समानता' शब्द किस संविधान से लिया गया है?
अ संयुक्त राज्य अमेरिका
ब ब्रिटेन
स ऑस्ट्रेलिया
द स्विट्ज़रलैंड
13. आपातकाल में नागरिक के मौलिक अधिकार को-
अ समाप्त किया जा सकता है
ब स्थगित किया जा सकता है
स संविधान इसके बारे में मौन हैं
द निरर्थक हो जाते हैं
14. संपत्ति का अधिकार है-
अ मौलिक अधिकार
ब वैधानिक अधिकार
स प्राकृतिक अधिकार
द कोई नहीं
15. निम्नलिखित में से किसे नागरिक अधिकार माना जाता है?
अ सार्वजनिक रोजगार का अधिकार
ब भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
स निर्वाचन में भाग लेने और निर्वाचित होने का अधिकार
द संपत्ति का अधिकार
16. राज्य ऐसा कोई कानून नहीं बनाएगा जो मौलिक अधिकारों को घटाता है अथवा समाप्त कर देता है| निम्नलिखित में से कौनसा एक इस उद्देश्य की दृष्टि से कानून नहीं माना जाएगा?
अ अध्यादेश
ब उप नियम
स नियम
द संवैधानिक संशोधन
17.प्राथमिक व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है-
अ. विधिक अधिकार
ब. शैक्षिक अधिकार
स. मौलिक अधिकार
द ज्ञान प्राप्ति का अधिकार
18. अनुच्छेद 21 से संबंधित सत्य कथन है?
अ संविधान का सबसे छोटा अनुच्छेद
ब यह बहुत विस्तृत स्वरूप रखता है
स अंबेडकर ने इसे संविधान की रीढ़ की हड्डी कहां है
द उक्त सभी
19. उपाधियों का अंत कौन से अनुच्छेद में किया गया है-
अ 18
ब 20
स 22
द 25
20. 'सूचना का अधिकार' कौन से अनुच्छेद के तहत प्राप्त है-
अ 19 (1) क
ब 19 (1) ख
स 19 (1) ग
द 19 (1) घ
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वे अधिकार जो व्यक्ति के जीवन के लिए अनिवार्य होते हैं तथा वे संविधान द्वारा नागरिकों को प्रदान किए जाते हैं और जिन अधिकारों में राज्य द्वारा हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता| संविधान के 22 भाग हैं, जिसमें से भाग 3 में मौलिक अधिकारों का वर्णन है ( अनुच्छेद12 - 35) सबसे पहले फ्रांस ने अपने नागरिकों को कुछ अधिकार दिए थे तथा अमेरिका ने सबसे पहले मौलिक अधिकारों को संवैधानिक रूप से अपनाया था| भारत ने मौलिक अधिकार अमेरिका से ही ग्रहण किए हैं| इन्हें मैग्नाकार्टा भी कहा जाता है| मूल अधिकारों की मांग सर्वप्रथम स्वराज्य विधेयक 1895 में की गई थी| मूल अधिकारों को संविधान में "मूल अधिकार" शीर्षक से सम्मिलित करने की सिफारिश मोतीलाल नेहरू समिति (1928) ने की थी| संविधान सभा ने मूल अधिकारों पर विचार करने में 38 दिन लगाए थे और अंत में 7अधिकारों को शामिल किया गया| वर्तमान में नागरिकों को 6 मूल अधिकार प्राप्त है, संपत्ति का अधिकार अनुच्छेद 300क में कानूनी अधिकार है|
मूल अधिकार -
1.समानता का अधिकार ( 14- 18)
2. स्वतंत्रता का अधिकार ( 19- 22)
3. शोषण के विरुद्ध अधिकार ( 23- 24)
4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार ( 25- 28)
5. शिक्षा एवं संस्कृति का अधिकार ( 29- 30)
6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार ( 32)
1.समानता का अधिकार
अनुच्छेद 14- विधि के समक्ष समानता
अनुच्छेद 15- धर्म, मूल वंश, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध
अनुच्छेद 16- लोक नियोजन के विषय में अवसर की समानता
अनुच्छेद 17- अस्पृश्यता का अंत
अनुच्छेद 18- उपाधियों का अंत
2. स्वतंत्रता का अधिकार
अनुच्छेद 19- वाक व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्ण सम्मेलन की स्वतंत्रता, संगठन बनाने की स्वतंत्रता, निवास की स्वतंत्रता, आगमन की स्वतंत्रता, रोजगार या जीविका की स्वतंत्रता|
अनुच्छेद 20- अपराधों के लिए दोष सिद्धि के संबंध में संरक्षण
अनुच्छेद 21- प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण (डॉ भीमराव अंबेडकर ने अनुच्छेद 21 को संविधान का मेरुदंड तथा मैग्नाकार्टा कहा है|)
अनुच्छेद 21क- शिक्षा का अधिकार ( 86 वे संविधान संशोधन द्वारा 6- 14 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान किया गया)
अनुच्छेद 22- कुछ दशाओ में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण
3.शोषण के विरुद्ध अधिकार
अनुच्छेद 23- मानव के बेगार प्रथा और बाल श्रम पर प्रतिबंध
अनुच्छेद 24- कारखानों में बालकों के काम पर रोक
4.धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
अनुच्छेद 25- अंतः करण की स्वतंत्रता और किसी भी धर्म को मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता
अनुच्छेद 26- धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता
अनुच्छेद 27- धार्मिक कार्यों से प्राप्त आय आयकर की सीमा से वंचित रखी गई है|
अनुच्छेद 28- कुछ शिक्षण संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्वतंत्रता
5.संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार
अनुच्छेद 29- अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का संरक्षण
अनुच्छेद 30- शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार
अनुच्छेद 31- निरसित
6. अनुच्छेद 32- संवैधानिक उपचारों का अधिकार डॉ अंबेडकर ने इसे संविधान की आत्मा कहा है तथा इसी अनुच्छेद को संविधान की प्राचीर की संज्ञा दी है| अनुच्छेद 32 के तहत उपचार उसी व्यक्ति को उपलब्ध होगा जिसके मूल अधिकारों का उल्लंघन हुआ हो| अनुच्छेद 32 सिर्फ मूल अधिकारों की ही सुरक्षा करता है, अन्य अधिकारों की नहीं| अनुच्छेद 226 द्वारा उच्च न्यायालय को मूल अधिकारों की रक्षा का दायित्व सौंपा गया है| न्यायालय द्वारा मूल अधिकारों की रक्षा के लिए पांच प्रकार की रिट जारी कर सकता है- ( रिट को न्याय का झरना भी कहा जाता है तथा यह संकल्पना ब्रिटिश संविधान से ली गई है)
1.बंदी प्रत्यक्षीकरण- इसका शाब्दिक अर्थ होता है ' को प्रस्तुत किया जाए'| यह उस व्यक्ति के संबंध में न्यायालय द्वारा जारी आदेश है, जिससे दूसरे द्वारा हिरासत में रखा गया है, उसे इसके सामने प्रस्तुत किया जाये|
2. परमादेश- शाब्दिक अर्थ है ' हम आदेश देते हैं'| यह एक नियंत्रण है, जिसे न्यायालय द्वारा सार्वजनिक अधिकारियों को जारी किया जाता है|
3. प्रतिषेध- शाब्दिक अर्थ है ' रोकना'| जिस तरह परमादेश सीधे सक्रिय रहता है, प्रतिषेध सीधे सक्रिय नहीं रहता|
4. उत्प्रेषण- इससे आशय है ' प्रमाणित होना' या ' सूचना देना'| इसके अंतर्गत उच्चतम तथा उच्च न्यायालय द्वारा अपने अधीनस्थ न्यायालयों से किसी भी विषय को अपने पास मंगवा सकता है तथा उस संबंध में सूचना प्राप्त कर सकता है|
5. अधिकार प्रच्छा- जब कोई व्यक्ति ऐसे पदाधिकारी के रूप में कार्य करने लगता है जिसका उसे वैधानिक रूप से अधिकार नहीं है तो न्यायालय इसके माध्यम से उस व्यक्ति से पूछता है कि वह किस आधार पर इस पद पर कार्य कर रहा है और जब तक सही रूप से जवाब नहीं मिल जाता वह कार्य नहीं कर सकता है|
उच्चतम न्यायालय की अनुच्छेद 32 के अधीन रिट जारी करने की शक्ति बहुत विस्तृत है| अनुच्छेद 32 के अधीन उच्चतम न्यायालय केवल मूल अधिकारों के प्रवर्तन के लिए रिट जारी कर सकता है| इसलिए मूल अधिकारो का महत्व बहुत अधिक है| मूल अधिकार अल्पसंख्यकों एवं समाज के कमजोर वर्गों के हितों की रक्षा करते हैं| ये देश में विधि के शासन की स्थापना करते हैं, व्यक्तिगत स्वतंत्रता के रक्षक हैं, सामाजिक समानता एवं सामाजिक न्याय की आधारशिला रखते हैं इस प्रकार इन के अनेक महत्व है|
मौलिक अधिकार के महत्वपूर्ण प्रश्न-
1. मौलिक अधिकारों का संरक्षक कौन है-
अ राष्ट्रपति
ब उच्चतम न्यायालय
स मंत्रिमंडल
द संसद
2. हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने किस को मौलिक अधिकार का दर्जा दिया है?
अ इच्छा मृत्यु को
ब आत्महत्या को
स अमानवीयता को
द उपरोक्त सभी
3. संवैधानिक उपचारों के अधिकार के तहत कौन सी रिट जारी नहीं की जा सकती है?
अ बंदी प्रत्यक्षीकरण
ब परमादेश
स अप्रतिषेध
द उत्प्रेक्षण
4. हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने किस को मौलिक अधिकार माना है?
अ निजता को
ब धूम्रपान करने को
स आवारापन को
द उक्त कोई नहीं
5. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार से संबंधित असंगत का चयन कीजिए-
अ यह अनुच्छेद 25 से 28 तक वर्णित है
ब यह अंतः करण की ओर धर्म को निर्बाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता देता है
स राज्य की किसी भी शिक्षण संस्था में धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाएगी
द सभी संगत है कोई असंगत नहीं है|
6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार कौन से अनुच्छेद में है?
अ अनुच्छेद 32
ब अनुच्छेद 18
स अनुच्छेद 20
द अनुच्छेद 14
7. सैनिक बलों के संदर्भ में मौलिक अधिकारों को कौन परिवर्तित कर सकता है?
अ राष्ट्रपति
ब संसद
स रक्षा मंत्री
द सर्वोच्च न्यायालय
8. किस संविधान संशोधन द्वारा संपत्ति के अधिकार को मूल अधिकारों की सूची से हटाया गया ?
अ 47 वे
ब 44 वें
स 40 वे
द 42 वे
9. मौलिक अधिकार और मूल कर्तव्य में मौलिक अंतर है?
अ मौलिक अधिकार राज्य द्वारा नागरिकों को प्रदत्त है जबकि मूल कर्तव्य नागरिकों के दायित्व के रूप में वर्णित है
ब मौलिक अधिकार और मौलिक कर्तव्य परस्पर पूरक है
स मौलिक अधिकार व्यक्ति विशेष के लिए हैं जबकि पूर्ण अधिकार सभी नागरिकों के लिए है
द उपरोक्त सभी सत्य हैं
10. निम्नलिखित में से कौन सा मौलिक अधिकार नहीं है?
अ भाषण की स्वतंत्रता
ब संपत्ति का अधिकार
स संवैधानिक उपचारों का अधिकार
द देशभर में स्वतंत्रता पूर्वक भ्रमण करने का अधिकार
11. निम्नांकित में से सत्य कथन है-
अ राजनीतिक अधिकार केवल लोकतांत्रिक देश में मिलते हैं
ब राजनीतिक अधिकार केवल नागरिकों को दिए जाते हैं
स राजनीतिक अधिकार केवल विदेशियों को प्रदान किए जाते हैं
द राजनीतिक अधिकार नागरिकों एवं विदेशियों दोनों को दिए जाते हैं
12. संविधान के अनुच्छेद 14 में प्रयुक्त ' विधि के समक्ष समानता' शब्द किस संविधान से लिया गया है?
अ संयुक्त राज्य अमेरिका
ब ब्रिटेन
स ऑस्ट्रेलिया
द स्विट्ज़रलैंड
13. आपातकाल में नागरिक के मौलिक अधिकार को-
अ समाप्त किया जा सकता है
ब स्थगित किया जा सकता है
स संविधान इसके बारे में मौन हैं
द निरर्थक हो जाते हैं
14. संपत्ति का अधिकार है-
अ मौलिक अधिकार
ब वैधानिक अधिकार
स प्राकृतिक अधिकार
द कोई नहीं
15. निम्नलिखित में से किसे नागरिक अधिकार माना जाता है?
अ सार्वजनिक रोजगार का अधिकार
ब भाषण एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
स निर्वाचन में भाग लेने और निर्वाचित होने का अधिकार
द संपत्ति का अधिकार
16. राज्य ऐसा कोई कानून नहीं बनाएगा जो मौलिक अधिकारों को घटाता है अथवा समाप्त कर देता है| निम्नलिखित में से कौनसा एक इस उद्देश्य की दृष्टि से कानून नहीं माना जाएगा?
अ अध्यादेश
ब उप नियम
स नियम
द संवैधानिक संशोधन
17.प्राथमिक व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है-
अ. विधिक अधिकार
ब. शैक्षिक अधिकार
स. मौलिक अधिकार
द ज्ञान प्राप्ति का अधिकार
18. अनुच्छेद 21 से संबंधित सत्य कथन है?
अ संविधान का सबसे छोटा अनुच्छेद
ब यह बहुत विस्तृत स्वरूप रखता है
स अंबेडकर ने इसे संविधान की रीढ़ की हड्डी कहां है
द उक्त सभी
19. उपाधियों का अंत कौन से अनुच्छेद में किया गया है-
अ 18
ब 20
स 22
द 25
20. 'सूचना का अधिकार' कौन से अनुच्छेद के तहत प्राप्त है-
अ 19 (1) क
ब 19 (1) ख
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