राजनीतिक दल और दबाव समूह
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विश्व के अधिकांश देशों में प्रत्यक्ष प्रजातंत्र की अपेक्षा अप्रत्यक्ष प्रजातंत्र या प्रतिनिधियात्मक लोकतंत्र ही प्रचलन में है| जनता अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करती है तथा प्रतिनिधियों द्वारा शासन कार्य संचालित किया जाता है| इसी प्रक्रिया में राजनीतिक दलों का होना अति आवश्यक है| लोकतंत्र में लोकमत के निर्माण में राजनीतिक दल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं| राजनीतिक दल ऐसे औपचारिक संगठन है जिसके सदस्य सामान्य सिद्धांतों पर एकमत होते हैं और चुनाव के माध्यम से सत्ता प्राप्त कर अपनी नीतियों को क्रियान्वित करते हैं|
एडमंड बर्क- राजनीतिक दल ऐसे लोगों का समूह होता है, जो किसी ऐसे सिद्धांत के आधार पर जिस पर वे एक मत हो अपने सामूहिक प्रयत्नों द्वारा जनता के हित में काम करने के लिए एकांत में बंधे होते हैं|
राजनीतिक दलों के कार्य
1. लोकमत का निर्माण
2. चुनाव का संचालन
3. राजनीतिक चेतना का प्रयास करना
4. राजनीतिक नेताओं की भर्ती करना
5. सरकार का निर्माण
7. शासन सत्ता को मर्यादित करना
8. जनता व सरकार के बीच की कड़ी
दलीय प्रणाली के रूप
1. एक दलीय प्रणाली- साम्यवादी व्यवस्था की स्थापना के साथ एक दलीय व्यवस्था का जन्म हुआ| स्टालिन ने कहा कि " राज्य के नेता, सर्वहारा के अधिनायकवाद के भीतर नेता, केवल एक ही दल, सर्वहारा का दल या साम्यवादी दल होता है जो अन्य दल के साथ नेतृत्व में न भागीदारी करता है न कर सकता है|" एक दलीय व्यवस्था वाला राज्य ' आदर्शों का धारक', विश्वास का रूप होता है| केवल एक ही दल इसको बनाए रखने का कार्य कर सकता है | जैसे- चीन, उत्तरी कोरिया
2. द्विदलीय प्रणाली- इस व्यवस्था में सत्ता दो दलों के बीच घूमती है| राजनीतिक दलों के एक से अधिक के गठन पर कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं होता, दो से अधिक राजनीतिक दल हो सकते हैं लेकिन वे इतने छोटे होते हैं कि राजनीति पर उनका कोई विशेष प्रभाव नहीं होता है| जैसे ब्रिटेन व संयुक्त राज्य अमेरिका|
3. बहुदलीय प्रणाली- इस व्यवस्था में राजनीति में काफी संख्या में राजनीतिक दल सत्ता के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं जैसे - भारत, इटली, फ्रांस, पाक आदि| संसदीय शासन व्यवस्था को जब अपनाया जाता है तो कोई भी राजनीतिक दल अकेले ही मंत्रिमंडल का निर्माण करने की स्थिति में नहीं होता, मिले-जुले मंत्री मंडल का निर्माण किया जाता है|
राष्ट्रीय दल
भारत में वर्तमान में 7 दल हैं-
1.भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस- स्थापना- 1885, ए ओ ह्यूम, चुनाव चिन्ह - हाथ
2. भारतीय जनता पार्टी- स्थापना 1980, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, चुनाव चिन्ह- कमल
3. बहुजन समाज पार्टी- स्थापना 1984, काशीराम, चुनाव चिन्ह- हाथी
4. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी- स्थापना 1925, एमएन रॉय, चुनाव चिन्ह हंसीया व अनाज की बाली
5. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी- 1964 , E.M.S. डांगे, चुनाव चिन्ह- हंसीया, हथोड़ा और तारा
6. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- स्थापना 1999, शरद पवार, चुनाव चिन्ह- घड़ी
7. तृणमूल कांग्रेस- स्थापना 1998, ममता बनर्जी, चुनाव चिन्ह- दो खिले हुए फूल
दबाव समूह
दबाव समूह से आशय है जो प्रशासनिक कार्यों के द्वारा राजनीतिक परिवर्तन लाने का प्रयत्न करता है| यह समूह राजनीतिक दल नहीं होता| दबाव समूह ऐसा अनौपचारिक संगठन है जिसमें दो या दो से अधिक व्यक्ति सम्मिलित होते हैं| जिनके हित समान होते हैं और ये व्यक्ति अपने हितों की रक्षा व वृद्धि के लिए राजनीति को प्रभावित करते हैं|
एच जिगलर- दबाव समूह संगठित समूह है जो अपने सदस्यों को औपचारिक ढंग से सरकारी पदों पर नियुक्त करने की कोशिश किये बिना सरकारी निर्णयो के संदर्भ को प्रभावित करना चाहता है|
दबाव समूह की विशेषताएं
1. अनौपचारिक संगठन
2. एक व्यक्ति एक समय में 1 से अधिक दबाव समूह का सदस्य हो सकता है|
3. राजनीति में अप्रत्यक्ष रूप से भाग लेते हैं
4. इनका उद्देश्य सीमित होता है|
5. सुनिश्चित स्वहित
6.अनिश्चित कार्यकाल
7. ऐच्छिक सदस्यता
दबाव समूहो की भूमिका
1.दबाव समूह तथा कार्यपालिका- ये अपने हितों को साधने के लिए कार्यपालिका के सदस्यों से संपर्क स्थापित करते हैं|
2. दबाव समूह तथा व्यवस्थापिका- कानून उनके पक्ष में बने तथा इसके लिए सीधा विधायकों को ही प्रभावित करते हैं|
3. दबाव समूह तथा न्यायपालिका- वे न्यायाधीशों के कुछ निर्णय को प्रभावित करने हेतु जन अभियान चलाकर न्यायाधीशों पर दबाव डालने की कोशिश करते हैं|
4. दबाव समूह तथा प्रशासन- कानूनों का क्रियान्वयन, प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा ही किया जाता है इसलिए दबाव समूह इन को प्रभावित करते हैं|
5. दबाव समूह तथा राजनीतिक दल- राजनीतिक दलों के माध्यम से ही हर स्तर की राजनीतिक प्रक्रिया से संबंध सूत्र स्थापित कर पाते हैं|
इस प्रकार दबाव समूह का सबसे कम प्रभाव राजतंत्र में रहता है व सबसे अधिक प्रभाव लोकतंत्र में रहता है| दबाव समूह अध्यक्षात्मक प्रणाली मे भी सबसे सक्रिय रहते हैं क्योंकि अमेरिका में सबसे पुराने आदर्श अध्यक्षात्मक प्रणाली पाई जाती है इसलिए अमेरिका को दबाव समूह का घर कहते हैं|
महत्वपूर्ण प्रश्न
मतदान की शक्ति का प्रयोग करके शासन की शक्ति हथियाने का प्रयास कौन करते हैं?
अ दबाव गुट
ब लॉबी
स राजनीतिक दल
द लॉबी और दबाव गुट
2. " लोकतंत्र शासन दलीय शासन का ही दूसरा नाम है|" यह कथन किसका है?
अ प्रो. राघवन
ब प्रो. मुनरो
स ब्राइस
द मैकाइवर
3. निम्न में से राजनीतिक दल की विशेषता नहीं है-
अ संगठन
ब शासन पर प्रभुत्व की इच्छा
स सामान्य सिद्धांतों की एकता
द राष्ट्रीय हित की अभिवृद्धि
4. निम्न में से राजनीतिक दलों के कार्य हैं?
अ सार्वजनिक नीतियों का निर्धारण
ब शासन का संचालन
स शासन की आलोचना
द उपरोक्त सभी
5. आधुनिक राजनीति की जीवन डोर कहलाते हैं?
अ दबाव गुड
ब राजनीतिक दल
स लोबी
द राजनीतिक दल और लोबी
6. दबाव समूह के विषय में सत्य कथन है-
अ वे संगठित होते हैं
ब वे सरकार पर दबाव डालते हैं
स वे राजनीतिक गतिविधियों को प्रभावित करते हैं
द उपर्युक्त सभी
7. निम्न में से दबाव समूह की तकनीक है-
अ लोबी
ब संचार के माध्यम
स प्रचार व आंकड़ों का प्रकाशन
द उपर्युक्त सभी
8. दबाव समूह को तृतीय सदन, गुमनाम साम्राज्य, सहायक शासन किसने कहा है?
अ मैकनिन
ब फाइनर
स रूसो
द मैकाइवर
9. आलमंड व पावेल के अनुसार दबाव समूह का प्रकार है-
अ संस्थागत
ब संघात्मक
स असंघात्मक व प्रदर्शनकारी
द उक्त सभी
10. दबाव समूह की अवधारणा किसकी देन है?
अ बहुलवादीयो
ब एकलवादीयो
स नाजीवादियों
द फासीवादियो
सभी answers नीचे दिए गए pdf में है
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विश्व के अधिकांश देशों में प्रत्यक्ष प्रजातंत्र की अपेक्षा अप्रत्यक्ष प्रजातंत्र या प्रतिनिधियात्मक लोकतंत्र ही प्रचलन में है| जनता अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करती है तथा प्रतिनिधियों द्वारा शासन कार्य संचालित किया जाता है| इसी प्रक्रिया में राजनीतिक दलों का होना अति आवश्यक है| लोकतंत्र में लोकमत के निर्माण में राजनीतिक दल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं| राजनीतिक दल ऐसे औपचारिक संगठन है जिसके सदस्य सामान्य सिद्धांतों पर एकमत होते हैं और चुनाव के माध्यम से सत्ता प्राप्त कर अपनी नीतियों को क्रियान्वित करते हैं|
एडमंड बर्क- राजनीतिक दल ऐसे लोगों का समूह होता है, जो किसी ऐसे सिद्धांत के आधार पर जिस पर वे एक मत हो अपने सामूहिक प्रयत्नों द्वारा जनता के हित में काम करने के लिए एकांत में बंधे होते हैं|
राजनीतिक दलों के कार्य
1. लोकमत का निर्माण
2. चुनाव का संचालन
3. राजनीतिक चेतना का प्रयास करना
4. राजनीतिक नेताओं की भर्ती करना
5. सरकार का निर्माण
7. शासन सत्ता को मर्यादित करना
8. जनता व सरकार के बीच की कड़ी
दलीय प्रणाली के रूप
1. एक दलीय प्रणाली- साम्यवादी व्यवस्था की स्थापना के साथ एक दलीय व्यवस्था का जन्म हुआ| स्टालिन ने कहा कि " राज्य के नेता, सर्वहारा के अधिनायकवाद के भीतर नेता, केवल एक ही दल, सर्वहारा का दल या साम्यवादी दल होता है जो अन्य दल के साथ नेतृत्व में न भागीदारी करता है न कर सकता है|" एक दलीय व्यवस्था वाला राज्य ' आदर्शों का धारक', विश्वास का रूप होता है| केवल एक ही दल इसको बनाए रखने का कार्य कर सकता है | जैसे- चीन, उत्तरी कोरिया
2. द्विदलीय प्रणाली- इस व्यवस्था में सत्ता दो दलों के बीच घूमती है| राजनीतिक दलों के एक से अधिक के गठन पर कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं होता, दो से अधिक राजनीतिक दल हो सकते हैं लेकिन वे इतने छोटे होते हैं कि राजनीति पर उनका कोई विशेष प्रभाव नहीं होता है| जैसे ब्रिटेन व संयुक्त राज्य अमेरिका|
3. बहुदलीय प्रणाली- इस व्यवस्था में राजनीति में काफी संख्या में राजनीतिक दल सत्ता के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं जैसे - भारत, इटली, फ्रांस, पाक आदि| संसदीय शासन व्यवस्था को जब अपनाया जाता है तो कोई भी राजनीतिक दल अकेले ही मंत्रिमंडल का निर्माण करने की स्थिति में नहीं होता, मिले-जुले मंत्री मंडल का निर्माण किया जाता है|
राष्ट्रीय दल
भारत में वर्तमान में 7 दल हैं-
1.भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस- स्थापना- 1885, ए ओ ह्यूम, चुनाव चिन्ह - हाथ
2. भारतीय जनता पार्टी- स्थापना 1980, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, चुनाव चिन्ह- कमल
3. बहुजन समाज पार्टी- स्थापना 1984, काशीराम, चुनाव चिन्ह- हाथी
4. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी- स्थापना 1925, एमएन रॉय, चुनाव चिन्ह हंसीया व अनाज की बाली
5. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी- 1964 , E.M.S. डांगे, चुनाव चिन्ह- हंसीया, हथोड़ा और तारा
6. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- स्थापना 1999, शरद पवार, चुनाव चिन्ह- घड़ी
7. तृणमूल कांग्रेस- स्थापना 1998, ममता बनर्जी, चुनाव चिन्ह- दो खिले हुए फूल
दबाव समूह
दबाव समूह से आशय है जो प्रशासनिक कार्यों के द्वारा राजनीतिक परिवर्तन लाने का प्रयत्न करता है| यह समूह राजनीतिक दल नहीं होता| दबाव समूह ऐसा अनौपचारिक संगठन है जिसमें दो या दो से अधिक व्यक्ति सम्मिलित होते हैं| जिनके हित समान होते हैं और ये व्यक्ति अपने हितों की रक्षा व वृद्धि के लिए राजनीति को प्रभावित करते हैं|
एच जिगलर- दबाव समूह संगठित समूह है जो अपने सदस्यों को औपचारिक ढंग से सरकारी पदों पर नियुक्त करने की कोशिश किये बिना सरकारी निर्णयो के संदर्भ को प्रभावित करना चाहता है|
दबाव समूह की विशेषताएं
1. अनौपचारिक संगठन
2. एक व्यक्ति एक समय में 1 से अधिक दबाव समूह का सदस्य हो सकता है|
3. राजनीति में अप्रत्यक्ष रूप से भाग लेते हैं
4. इनका उद्देश्य सीमित होता है|
5. सुनिश्चित स्वहित
6.अनिश्चित कार्यकाल
7. ऐच्छिक सदस्यता
दबाव समूहो की भूमिका
1.दबाव समूह तथा कार्यपालिका- ये अपने हितों को साधने के लिए कार्यपालिका के सदस्यों से संपर्क स्थापित करते हैं|
2. दबाव समूह तथा व्यवस्थापिका- कानून उनके पक्ष में बने तथा इसके लिए सीधा विधायकों को ही प्रभावित करते हैं|
3. दबाव समूह तथा न्यायपालिका- वे न्यायाधीशों के कुछ निर्णय को प्रभावित करने हेतु जन अभियान चलाकर न्यायाधीशों पर दबाव डालने की कोशिश करते हैं|
4. दबाव समूह तथा प्रशासन- कानूनों का क्रियान्वयन, प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा ही किया जाता है इसलिए दबाव समूह इन को प्रभावित करते हैं|
5. दबाव समूह तथा राजनीतिक दल- राजनीतिक दलों के माध्यम से ही हर स्तर की राजनीतिक प्रक्रिया से संबंध सूत्र स्थापित कर पाते हैं|
इस प्रकार दबाव समूह का सबसे कम प्रभाव राजतंत्र में रहता है व सबसे अधिक प्रभाव लोकतंत्र में रहता है| दबाव समूह अध्यक्षात्मक प्रणाली मे भी सबसे सक्रिय रहते हैं क्योंकि अमेरिका में सबसे पुराने आदर्श अध्यक्षात्मक प्रणाली पाई जाती है इसलिए अमेरिका को दबाव समूह का घर कहते हैं|
महत्वपूर्ण प्रश्न
मतदान की शक्ति का प्रयोग करके शासन की शक्ति हथियाने का प्रयास कौन करते हैं?
अ दबाव गुट
ब लॉबी
स राजनीतिक दल
द लॉबी और दबाव गुट
2. " लोकतंत्र शासन दलीय शासन का ही दूसरा नाम है|" यह कथन किसका है?
अ प्रो. राघवन
ब प्रो. मुनरो
स ब्राइस
द मैकाइवर
3. निम्न में से राजनीतिक दल की विशेषता नहीं है-
अ संगठन
ब शासन पर प्रभुत्व की इच्छा
स सामान्य सिद्धांतों की एकता
द राष्ट्रीय हित की अभिवृद्धि
4. निम्न में से राजनीतिक दलों के कार्य हैं?
अ सार्वजनिक नीतियों का निर्धारण
ब शासन का संचालन
स शासन की आलोचना
द उपरोक्त सभी
5. आधुनिक राजनीति की जीवन डोर कहलाते हैं?
अ दबाव गुड
ब राजनीतिक दल
स लोबी
द राजनीतिक दल और लोबी
6. दबाव समूह के विषय में सत्य कथन है-
अ वे संगठित होते हैं
ब वे सरकार पर दबाव डालते हैं
स वे राजनीतिक गतिविधियों को प्रभावित करते हैं
द उपर्युक्त सभी
7. निम्न में से दबाव समूह की तकनीक है-
अ लोबी
ब संचार के माध्यम
स प्रचार व आंकड़ों का प्रकाशन
द उपर्युक्त सभी
8. दबाव समूह को तृतीय सदन, गुमनाम साम्राज्य, सहायक शासन किसने कहा है?
अ मैकनिन
ब फाइनर
स रूसो
द मैकाइवर
9. आलमंड व पावेल के अनुसार दबाव समूह का प्रकार है-
अ संस्थागत
ब संघात्मक
स असंघात्मक व प्रदर्शनकारी
द उक्त सभी
10. दबाव समूह की अवधारणा किसकी देन है?
अ बहुलवादीयो
ब एकलवादीयो
स नाजीवादियों
द फासीवादियो
सभी answers नीचे दिए गए pdf में है
सभी Video Classes की Link
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