लोकतंत्र और अधिनायक तंत्र
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लोकतंत्र
डेमोक्रेसी शब्द की उत्पत्ति यूनानी भाषा के ' डेमोस ' तथा 'क्रेटीया' से हुई है| डेमोस का अर्थ - लोग तथा क्रेटीया का अर्थ शासन से है| अतः लोकतंत्र का अभिप्राय जनता के शासन से है| लोकतंत्र शासन का वह रूप है जिसमें शासन की अंतिम शक्ति जनता के पास होती है जिसका प्रयोग वह स्वयं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से करती है|
अब्राहम लिंकन- " लोकतंत्र जनता का, जनता के द्वारा तथा जनता के लिए शासन है|"
सिले के अनुसार- " लोकतंत्र में शासन है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति का भाग होता है|"
सारटोरी ने अपनी पुस्तक ' डेमोक्रेटिक थ्योरी' में कहा है कि-" लोकतांत्रिक व्यवस्था वह है जो सरकार को उत्तरदायी तथा नियंत्रणकारी बनाती है तथा जिसकी प्रभावकारिता मुख्यतः इसके नेतृत्व की योग्यता तथा कार्यशीलता पर निर्भर होती है|"
लावेल- लोकतंत्र वह शासन है जिसमे प्रत्येक को समान अवसर प्राप्त हो तथा वह जानता हो कि उसे समान अवसर प्राप्त है|
लोकतंत्र की विशेषताएं
1.लोकप्रिय प्रभुत्ता में विश्वास
2.राजनीतिक व नागरिक समानता
3.नागरिक व राजनीतिक स्वतंत्रता
4.उत्तरदायी सरकार
5.वयस्क मताधिकार
6.निष्पक्ष न्याय पालिका तथा विधि का शासन
7.जनता के द्वारा चुने गयी प्रतिनिधि सरकार
लोकतंत्र के गुण
1.जनकल्याण पर आधारित
2. उच्च आदर्शो पर आधारित शासन
3. जनता में आत्म विश्वास तथा उत्तरदायित्व की भावना का विकास
4. अंतरराष्ट्रीय शक्ति में विश्वास
5. क्रांतियों से सुरक्षा
लोकतंत्र के दोष
1. गांधी ने संसद को ' बांझ महिला' की संज्ञा दी है
2.अरस्तु- लोकतंत्र निकृष्टतम शासन है
3.कार्लाईल ने लोकतंत्र को मूर्खों का शासन तथा संसद को बातों की दुकान माना है|
4. प्लेटो ने लोकतंत्र को अज्ञानता का राज्य बताया है|
5. अयोग्यता की पूजा
6. भ्रष्ट शासन व्यवस्था
लोकतांत्रिक शासन के भेद
1. प्रत्यक्ष लोकतंत्र- इसमें जनता प्रत्यक्ष रुप से शासन कार्य में भाग लेती है, नीति निर्धारित करती है तथा कानूनों का निर्माण करती है| इस प्रकार की प्रत्यक्ष लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था कम जनसंख्या वाले छोटे राज्यों में ही संभव है| विशाल राष्ट्रीय राज्यों मे इसे अपनाना संभव नहीं है|
2. अप्रत्यक्ष लोकतंत्र- इसके अंतर्गत जनता शासन मे स्वयं भाग न लेकर एक निश्चित समय के लिए अपने प्रतिनिधियों को निर्वाचित करती है जो कानून बनाने तथा उसे लागू करने का कार्य करते हैं|
लोकतंत्र के सिद्धांत
1. शास्त्रीय सिद्धांत- मनुष्य एक राजनीतिक प्राणी है, जिसमें विवेक होता है तथा वह अपना उचित अनुचित समझने की शक्ति रखता है| इसमें शासन का संचालन जनता के द्वारा किया जाता है| इसके अंतर्गत बहुमत का शासन, प्रतिनिधित्व, आदि को सम्मिलित करते हैं| इसके समर्थक- लॉक, जेम्स मिल, बेंथम, शुंपीटर आदि|
2. विशिष्ट वर्गीय सिद्धांत- यह लोकतंत्र को अस्वीकार करते हैं तथा इसे निरर्थक समझते हैं| इसमे महत्वपूर्ण निर्णय केवल गिने चुने लोग ही करते हैं| इस सिद्धांत के अनुसार हर समाज में शासक और शासित वर्ग होते हैं, जिसमें शासक वर्ग संगठित किंतु अल्पमत होता है, जबकि शासित वर्ग असंगठित किंतु बहुमत में होता है| अतः बहुमत पर अल्पमत का शासन चलता है|
3.लोकतंत्र का बहुलवादी सिद्धांत- इसके अनुसार समाज में अनेक समूह, शक्ति एवं सत्ता के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं| राज्य का कार्य इन समूहों के निर्णय को क्रियान्वित करना है|
4. सहभागिता मूलक लोकतंत्र का सिद्धांत- इसके अंतर्गत कोई व्यक्ति सार्वजनिक नीतियों के निर्णय तथा कार्यान्वयन की प्रक्रिया में सक्रिय भाग लेता है अर्थात लोकतांत्रिक प्रक्रिया में साधारण नागरिकों की सहभागिता पर बल देता है|
5. मार्क्सवादी सिद्धांत- यह सिद्धांत पूंजीवाद को सच्चे लोकतंत्र का शत्रु मानता है तथा लोकतंत्र की सार्थकता के लिए समाजवाद को अनिवार्य समझता है|
6.समुदायवादी लोकतांत्रिक सिद्धांत- इसके अनुसार लोकतंत्र समुदाय के सदस्यों के प्रति ज्यादा उत्तरदायी होना चाहिए| यह बहुमत के बजाय आम सहमति में विश्वास करते हैं|
7. विमर्शी लोकतंत्र- इसके अनुसार लोकतंत्र वह व्यवस्था है जिसमें नागरिक आधिकारिक निर्णयों के संबंध में विचार विमर्श कर सकते हैं| मतदान से पूर्व पर्याप्त विचार-विमर्श को जॉन ड्राईजेक विमर्शी परिवर्तन की संज्ञा देते हैं|
8. लोकतंत्र का नव दक्षिणपंथी सिद्धांत- इसके अनुसार लोकतंत्र के द्वारा सरकार के खर्चों में अनावश्यक वृद्धि होती है अत: अति भार का खतरा पाया जाता है|
9. सर्वदेशीय कॉस्मोपॉलिटन लोकतंत्र- इसके अनुसार लोकतंत्र को केवल राज्यों की शासन प्रणाली के साथ जोड़ना पर्याप्त नहीं है, अपितु इसका प्रयोग वैश्विक होना चाहिए| इसके प्रणेता- डेविड हेल्ड|
10. लोकतांत्रिक शांति का सिद्धांत- इसके अनुसार लोकतांत्रिक राज्यों के मध्य युद्ध नहीं होते| आज तक इतिहास में लोकतांत्रिक राज्यों के मध्य कभी युद्ध नहीं हुए और यदि संघर्ष होता भी है तो उसका समाधान शांतिपूर्ण कर लिया जाता है|
11. दूषित लोकतंत्र- जो पूरी तरह न तो लोकतांत्रिक होती है और ना ही अलोकतांत्रिक होती है किंतु वह कुछ लोकतांत्रिक लक्षण का निर्माण करती है|
12. जनमत संग्रहीय लोकतंत्र- इसमें शासक और जनता के मध्य किसी भी मध्यस्थ के बिना सीधे जनमत संग्रह आधारित संबंध होते हैं|
अधिनायक तंत्र
इस शासन प्रणाली में शासन की संपूर्ण शक्ति एक व्यक्ति के हाथ में केंद्रित रहती है| यह व्यक्ति सर्वोच्च होता है तथा किसी के प्रति उत्तरदायी नहीं होता| यह शासन प्रणाली सत्ता के पूर्ण केंद्रीकरण में विश्वास करती है| लोकतंत्र के एकदम विपरीत होती है|
न्यूमैन- अधिनायक तंत्र का अभिप्राय एक व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समूह के शासन से है जो राज्य में सत्ता पर बलपूर्वक अधिकार कर लेते हैं तथा उसका असीमित रूप से प्रयोग करते हैं|
अधिनायक तंत्र की विशेषताएं
1. राज्य साध्य तथा व्यक्ति साधन
2. एक दल, एक नेता और एक कार्यक्रम
3. व्यक्तिगत स्वतंत्रता का शत्रु
4. उग्र राष्ट्रवाद में विश्वास
5. जनमत निर्माण के साधनों पर कठोर नियंत्रण
6. लोकतंत्र का विरोध
अधिनायक तंत्र के गुण
1.तीव्र आर्थिक विकास संभव
2. शीघ्र समाज सुधार संभव
3. शासन में एकता तथा कुशलता
4. उत्तरदायित्व का विभाजन नहीं
अधिनायक तंत्र के दोष
1. व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अंत
2. शासन शक्ति का दुरुपयोग
3. युद्ध को प्रोत्साहन
4. अस्थाई शासन
इस प्रकार लोकतंत्र का आधार जनता की सहमति होती है, वहीं अधिनायक तंत्र का आधार शक्ति है| लोकतंत्र में जहां व्यक्ति को साध्य है तथा राज्य को साधन माना जाता है वहीं अधिनायक तंत्र में राज्य को साध्य तथा व्यक्ति को साधन माना जाता है|
महत्वपूर्ण प्रश्न
डेमोक्रेसी शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के किस शब्द से हुई है?
अ डेमो
ब डेमोस
स क्रेसी
द मोक्रेसी
2. यह कथन है- लोकतंत्र को सरकार का एक ऐसा स्वरूप बताते हैं जिसमें जनता का एक बड़ा भाग शासन करता है|
अ डायसी
ब सारटोरी
स लार्ड ब्राइस
द सोले
3. निम्न में से लोकतंत्र की विशेषताएं हैं-
अ लोक प्रभुता में विश्वास
ब नागरिक एवं राजनीतिक समानता
स नागरिक एवं राजनीतिक स्वतंत्रता
द उक्त सभी
4. सामान्यतः लोकतंत्र के प्रकार माने गए हैं-
अ प्रत्यक्ष लोकतंत्र
ब अप्रत्यक्ष लोकतंत्र
स 1 व 2 दोनों
द प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लोकतंत्र का मिश्रित रूप
5. वर्तमान में प्रत्यक्ष लोकतंत्र प्रचलित है-
अ इंग्लैंड
ब स्वीटजरलैंड
स जर्मनी
द भारत
6. लोकतंत्र के निम्न में से गुण है-
अ जनता में आत्मविश्वास एवं उत्तरदायित्व की भावना का विकास
ब क्रांति से सुरक्षा
स प्रजातंत्र में नैतिकता और मानवियता का महत्व होता है
द उक्त सभी
7. प्रत्यक्ष लोकतंत्र को सच्चा लोकतंत्र किसने कहा है?
अ रूसो
ब ऑस्टिन
स मिल
द होब्स
8. कौन सा देश स्वयं को ' व्यक्तिजनों का लोकतंत्र' घोषित करता है?
अ भारत
ब जापान
स अमेरिका
द नेपाल
9. किसने ' लोकतंत्र की व्याख्या निर्धनों, अनभिज्ञों तथा अज्ञानियों का शासन' के रूप में की है-
अ प्लेटो
ब अरस्तु
स सुकरात
द मैक्यावली
10. अधिनायक तंत्र क्या है?
अ प्रजातंत्र समर्थक विचारधारा
ब प्रजातंत्र विरोधी विचारधारा
स मिश्रित विचारधारा
द व्यक्तिगत स्वतंत्रता संबंधी विचारधारा
11. निम्न में से अधिनायक तंत्र के गुण हैं-
अ राष्ट्रीय एकता की स्थापना
ब संकट में श्रेष्ठ, एक दल, एक नेता, एक कार्यक्रम
स स्थिर और कुशल शासन
द उपर्युक्त सभी
12. निम्न में से अधिनायक तंत्र की विशेषताएं हैं-
अ सर्वाधिकार वाद का समर्थन
ब एक साध्य, एक दल और एक नेता
स लोकतंत्र का विरोध
द उक्त सभी
13. अधिनायक तंत्र का लक्षण नहीं है?
अ जनमत निर्माण के साधनों का सरकारीकरण
ब सर्वाधिकारवाद में विश्वास
स वैयक्तिक विषयों में अहस्तक्षेप की नीति
द विरोध का उग्र दमन
14. प्रथम विश्वयुद्ध के बाद अधिनायकवाद के विस्तार का कारण था-
अ वर्साय की संधि
ब विश्वव्यापी आर्थिक मंदी
स राष्ट्रसंघ की असफलता
द उपर्युक्त सभी
15. " साम्राज्यवाद जीवन का चीरस्थाई और अक्षुण नियम है|" यह कथन किसका है-
अ मुसोलिनी
ब हिटलर
स स्टालिन
द नेपोलीयन बोनापार्ट
सभी answers नीचे दिए गए pdf में है
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लोकतंत्र
डेमोक्रेसी शब्द की उत्पत्ति यूनानी भाषा के ' डेमोस ' तथा 'क्रेटीया' से हुई है| डेमोस का अर्थ - लोग तथा क्रेटीया का अर्थ शासन से है| अतः लोकतंत्र का अभिप्राय जनता के शासन से है| लोकतंत्र शासन का वह रूप है जिसमें शासन की अंतिम शक्ति जनता के पास होती है जिसका प्रयोग वह स्वयं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से करती है|
अब्राहम लिंकन- " लोकतंत्र जनता का, जनता के द्वारा तथा जनता के लिए शासन है|"
सिले के अनुसार- " लोकतंत्र में शासन है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति का भाग होता है|"
सारटोरी ने अपनी पुस्तक ' डेमोक्रेटिक थ्योरी' में कहा है कि-" लोकतांत्रिक व्यवस्था वह है जो सरकार को उत्तरदायी तथा नियंत्रणकारी बनाती है तथा जिसकी प्रभावकारिता मुख्यतः इसके नेतृत्व की योग्यता तथा कार्यशीलता पर निर्भर होती है|"
लावेल- लोकतंत्र वह शासन है जिसमे प्रत्येक को समान अवसर प्राप्त हो तथा वह जानता हो कि उसे समान अवसर प्राप्त है|
लोकतंत्र की विशेषताएं
1.लोकप्रिय प्रभुत्ता में विश्वास
2.राजनीतिक व नागरिक समानता
3.नागरिक व राजनीतिक स्वतंत्रता
4.उत्तरदायी सरकार
5.वयस्क मताधिकार
6.निष्पक्ष न्याय पालिका तथा विधि का शासन
7.जनता के द्वारा चुने गयी प्रतिनिधि सरकार
लोकतंत्र के गुण
1.जनकल्याण पर आधारित
2. उच्च आदर्शो पर आधारित शासन
3. जनता में आत्म विश्वास तथा उत्तरदायित्व की भावना का विकास
4. अंतरराष्ट्रीय शक्ति में विश्वास
5. क्रांतियों से सुरक्षा
लोकतंत्र के दोष
1. गांधी ने संसद को ' बांझ महिला' की संज्ञा दी है
2.अरस्तु- लोकतंत्र निकृष्टतम शासन है
3.कार्लाईल ने लोकतंत्र को मूर्खों का शासन तथा संसद को बातों की दुकान माना है|
4. प्लेटो ने लोकतंत्र को अज्ञानता का राज्य बताया है|
5. अयोग्यता की पूजा
6. भ्रष्ट शासन व्यवस्था
लोकतांत्रिक शासन के भेद
1. प्रत्यक्ष लोकतंत्र- इसमें जनता प्रत्यक्ष रुप से शासन कार्य में भाग लेती है, नीति निर्धारित करती है तथा कानूनों का निर्माण करती है| इस प्रकार की प्रत्यक्ष लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था कम जनसंख्या वाले छोटे राज्यों में ही संभव है| विशाल राष्ट्रीय राज्यों मे इसे अपनाना संभव नहीं है|
2. अप्रत्यक्ष लोकतंत्र- इसके अंतर्गत जनता शासन मे स्वयं भाग न लेकर एक निश्चित समय के लिए अपने प्रतिनिधियों को निर्वाचित करती है जो कानून बनाने तथा उसे लागू करने का कार्य करते हैं|
लोकतंत्र के सिद्धांत
1. शास्त्रीय सिद्धांत- मनुष्य एक राजनीतिक प्राणी है, जिसमें विवेक होता है तथा वह अपना उचित अनुचित समझने की शक्ति रखता है| इसमें शासन का संचालन जनता के द्वारा किया जाता है| इसके अंतर्गत बहुमत का शासन, प्रतिनिधित्व, आदि को सम्मिलित करते हैं| इसके समर्थक- लॉक, जेम्स मिल, बेंथम, शुंपीटर आदि|
2. विशिष्ट वर्गीय सिद्धांत- यह लोकतंत्र को अस्वीकार करते हैं तथा इसे निरर्थक समझते हैं| इसमे महत्वपूर्ण निर्णय केवल गिने चुने लोग ही करते हैं| इस सिद्धांत के अनुसार हर समाज में शासक और शासित वर्ग होते हैं, जिसमें शासक वर्ग संगठित किंतु अल्पमत होता है, जबकि शासित वर्ग असंगठित किंतु बहुमत में होता है| अतः बहुमत पर अल्पमत का शासन चलता है|
3.लोकतंत्र का बहुलवादी सिद्धांत- इसके अनुसार समाज में अनेक समूह, शक्ति एवं सत्ता के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं| राज्य का कार्य इन समूहों के निर्णय को क्रियान्वित करना है|
4. सहभागिता मूलक लोकतंत्र का सिद्धांत- इसके अंतर्गत कोई व्यक्ति सार्वजनिक नीतियों के निर्णय तथा कार्यान्वयन की प्रक्रिया में सक्रिय भाग लेता है अर्थात लोकतांत्रिक प्रक्रिया में साधारण नागरिकों की सहभागिता पर बल देता है|
5. मार्क्सवादी सिद्धांत- यह सिद्धांत पूंजीवाद को सच्चे लोकतंत्र का शत्रु मानता है तथा लोकतंत्र की सार्थकता के लिए समाजवाद को अनिवार्य समझता है|
6.समुदायवादी लोकतांत्रिक सिद्धांत- इसके अनुसार लोकतंत्र समुदाय के सदस्यों के प्रति ज्यादा उत्तरदायी होना चाहिए| यह बहुमत के बजाय आम सहमति में विश्वास करते हैं|
7. विमर्शी लोकतंत्र- इसके अनुसार लोकतंत्र वह व्यवस्था है जिसमें नागरिक आधिकारिक निर्णयों के संबंध में विचार विमर्श कर सकते हैं| मतदान से पूर्व पर्याप्त विचार-विमर्श को जॉन ड्राईजेक विमर्शी परिवर्तन की संज्ञा देते हैं|
8. लोकतंत्र का नव दक्षिणपंथी सिद्धांत- इसके अनुसार लोकतंत्र के द्वारा सरकार के खर्चों में अनावश्यक वृद्धि होती है अत: अति भार का खतरा पाया जाता है|
9. सर्वदेशीय कॉस्मोपॉलिटन लोकतंत्र- इसके अनुसार लोकतंत्र को केवल राज्यों की शासन प्रणाली के साथ जोड़ना पर्याप्त नहीं है, अपितु इसका प्रयोग वैश्विक होना चाहिए| इसके प्रणेता- डेविड हेल्ड|
10. लोकतांत्रिक शांति का सिद्धांत- इसके अनुसार लोकतांत्रिक राज्यों के मध्य युद्ध नहीं होते| आज तक इतिहास में लोकतांत्रिक राज्यों के मध्य कभी युद्ध नहीं हुए और यदि संघर्ष होता भी है तो उसका समाधान शांतिपूर्ण कर लिया जाता है|
11. दूषित लोकतंत्र- जो पूरी तरह न तो लोकतांत्रिक होती है और ना ही अलोकतांत्रिक होती है किंतु वह कुछ लोकतांत्रिक लक्षण का निर्माण करती है|
12. जनमत संग्रहीय लोकतंत्र- इसमें शासक और जनता के मध्य किसी भी मध्यस्थ के बिना सीधे जनमत संग्रह आधारित संबंध होते हैं|
अधिनायक तंत्र
इस शासन प्रणाली में शासन की संपूर्ण शक्ति एक व्यक्ति के हाथ में केंद्रित रहती है| यह व्यक्ति सर्वोच्च होता है तथा किसी के प्रति उत्तरदायी नहीं होता| यह शासन प्रणाली सत्ता के पूर्ण केंद्रीकरण में विश्वास करती है| लोकतंत्र के एकदम विपरीत होती है|
न्यूमैन- अधिनायक तंत्र का अभिप्राय एक व्यक्ति अथवा व्यक्तियों के समूह के शासन से है जो राज्य में सत्ता पर बलपूर्वक अधिकार कर लेते हैं तथा उसका असीमित रूप से प्रयोग करते हैं|
अधिनायक तंत्र की विशेषताएं
1. राज्य साध्य तथा व्यक्ति साधन
2. एक दल, एक नेता और एक कार्यक्रम
3. व्यक्तिगत स्वतंत्रता का शत्रु
4. उग्र राष्ट्रवाद में विश्वास
5. जनमत निर्माण के साधनों पर कठोर नियंत्रण
6. लोकतंत्र का विरोध
अधिनायक तंत्र के गुण
1.तीव्र आर्थिक विकास संभव
2. शीघ्र समाज सुधार संभव
3. शासन में एकता तथा कुशलता
4. उत्तरदायित्व का विभाजन नहीं
अधिनायक तंत्र के दोष
1. व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अंत
2. शासन शक्ति का दुरुपयोग
3. युद्ध को प्रोत्साहन
4. अस्थाई शासन
इस प्रकार लोकतंत्र का आधार जनता की सहमति होती है, वहीं अधिनायक तंत्र का आधार शक्ति है| लोकतंत्र में जहां व्यक्ति को साध्य है तथा राज्य को साधन माना जाता है वहीं अधिनायक तंत्र में राज्य को साध्य तथा व्यक्ति को साधन माना जाता है|
महत्वपूर्ण प्रश्न
डेमोक्रेसी शब्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के किस शब्द से हुई है?
अ डेमो
ब डेमोस
स क्रेसी
द मोक्रेसी
2. यह कथन है- लोकतंत्र को सरकार का एक ऐसा स्वरूप बताते हैं जिसमें जनता का एक बड़ा भाग शासन करता है|
अ डायसी
ब सारटोरी
स लार्ड ब्राइस
द सोले
3. निम्न में से लोकतंत्र की विशेषताएं हैं-
अ लोक प्रभुता में विश्वास
ब नागरिक एवं राजनीतिक समानता
स नागरिक एवं राजनीतिक स्वतंत्रता
द उक्त सभी
4. सामान्यतः लोकतंत्र के प्रकार माने गए हैं-
अ प्रत्यक्ष लोकतंत्र
ब अप्रत्यक्ष लोकतंत्र
स 1 व 2 दोनों
द प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लोकतंत्र का मिश्रित रूप
5. वर्तमान में प्रत्यक्ष लोकतंत्र प्रचलित है-
अ इंग्लैंड
ब स्वीटजरलैंड
स जर्मनी
द भारत
6. लोकतंत्र के निम्न में से गुण है-
अ जनता में आत्मविश्वास एवं उत्तरदायित्व की भावना का विकास
ब क्रांति से सुरक्षा
स प्रजातंत्र में नैतिकता और मानवियता का महत्व होता है
द उक्त सभी
7. प्रत्यक्ष लोकतंत्र को सच्चा लोकतंत्र किसने कहा है?
अ रूसो
ब ऑस्टिन
स मिल
द होब्स
8. कौन सा देश स्वयं को ' व्यक्तिजनों का लोकतंत्र' घोषित करता है?
अ भारत
ब जापान
स अमेरिका
द नेपाल
9. किसने ' लोकतंत्र की व्याख्या निर्धनों, अनभिज्ञों तथा अज्ञानियों का शासन' के रूप में की है-
अ प्लेटो
ब अरस्तु
स सुकरात
द मैक्यावली
10. अधिनायक तंत्र क्या है?
अ प्रजातंत्र समर्थक विचारधारा
ब प्रजातंत्र विरोधी विचारधारा
स मिश्रित विचारधारा
द व्यक्तिगत स्वतंत्रता संबंधी विचारधारा
11. निम्न में से अधिनायक तंत्र के गुण हैं-
अ राष्ट्रीय एकता की स्थापना
ब संकट में श्रेष्ठ, एक दल, एक नेता, एक कार्यक्रम
स स्थिर और कुशल शासन
द उपर्युक्त सभी
12. निम्न में से अधिनायक तंत्र की विशेषताएं हैं-
अ सर्वाधिकार वाद का समर्थन
ब एक साध्य, एक दल और एक नेता
स लोकतंत्र का विरोध
द उक्त सभी
13. अधिनायक तंत्र का लक्षण नहीं है?
अ जनमत निर्माण के साधनों का सरकारीकरण
ब सर्वाधिकारवाद में विश्वास
स वैयक्तिक विषयों में अहस्तक्षेप की नीति
द विरोध का उग्र दमन
14. प्रथम विश्वयुद्ध के बाद अधिनायकवाद के विस्तार का कारण था-
अ वर्साय की संधि
ब विश्वव्यापी आर्थिक मंदी
स राष्ट्रसंघ की असफलता
द उपर्युक्त सभी
15. " साम्राज्यवाद जीवन का चीरस्थाई और अक्षुण नियम है|" यह कथन किसका है-
अ मुसोलिनी
ब हिटलर
स स्टालिन
द नेपोलीयन बोनापार्ट
सभी answers नीचे दिए गए pdf में है
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