जे.जे. रूसो
अगर आप यह 1st grade political science notes hindi में download करना चाहते है तो PDF Link इस page के अंत में उपलब्ध है।
जन्म- 1712, स्विट्जरलैंड
( निर्धन परिवार में जन्म, इन के जन्म के साथ ही इनकी माता का निधन हो गया इसके लिए उन्होंने लिखा है कि " मेरा जन्म मेरी प्रथम दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी| )
एक बार इन्होंने अकादमी में निबंध प्रतियोगिता में भाग लिया, इस निबंध का विषय था " कला व विज्ञान ने मनुष्य का विकास किया या हास" इसमें रूसो को प्रथम पुरस्कार मिला|
दूसरा निबंध- समानता का उद्भव इसमें रूसो ने असमानता का कारण निजी संपत्ति है बताया| इसके बाद उन्होंने अनेक पुस्तकों की रचना की|
फ्रांसीसी क्रांति भी रूस उसे प्रभावित थी तभी नेपोलियन बोनापार्ट लिखते हैं कि रूसो नहीं होता तो फ्रांसीसी क्रांति भी नहीं होती|
पुस्तकें- 1. इमाइल या आन एजुकेशन 1762
2. डिसकोर्सेज आफ पॉलीटिकल इकोनामी 1755
3. जूली/ न्यू हेलाईस 1761
4. सोशल कॉन्ट्रैक्ट 1762
5. डीस्कोर्स ऑन द साइंस एंड आर्ट्स 1750
6. डिस्कोर्स ऑन द ओरिजन एंड बेसिस ऑफ इन इक्ववलिटी अमंग मैन 1754
7 कन्फेशन 1770( मृत्यु के बाद प्रकाशित)
रूसो के विचार
1. मानव स्वभाव संबंधी विचार- रूसो ने व्यक्ति के स्वभाव हौब्स- लॉक
दोनों के वर्णित स्वभावो का मिश्रण किया है| पहले मनुष्य का स्वभाव अच्छा, सहयोगी बाद में सभ्यता तथा विकास के साथ साथ तनाव ग्रस्तता बढ़ती गई|
इस प्रकार मनुष्य स्वभाव से बुरा नहीं होता, बल्कि कला और विज्ञान की प्रगति के कारण बुरा बन जाता है|
2. प्राकृतिक अवस्था- प्राकृतिक अवस्था में मनुष्य सामान्य रूप से सूखी, स्वावलंबी वे संतुष्ट था,मानव- मानव के बीच कोई भेदभाव नहीं, इससे स्वर्ण युगीन अवस्था कहां, सब की संपत्ति सामूहिक थी, किंतु सभ्यता के विकास तथा व्यक्तिगत संपत्ति से प्राकृतिक अवस्था की शांति भंग हो गई,तेरे- मेरे की भावना उत्पन्न हो गई और ऐसे समाज का जन्म हुआ जिससे मनुष्य को मानवता का दुश्मन, संपत्ति का भूखा, स्वार्थी, घमंडी बना दिया|
समाज दो भाग में बट गया - स्वामी व दास
3. सामाजिक समझौता संबंधी विचार- सभी मनुष्य एक ही स्थान पर एकत्रित होते हैं और सामान्य इच्छा पर आधारित सामाजिक समझौते के माध्यम से प्राकृतिक अवस्था का अंत कर राज्य की स्थापना करते हैं| रूसो का सामाजिक समझौते का विचार मानव प्रकृति व प्राकृतिक अवस्था पर आधारित है|
यह समझौता स्थाई है, समझौते के माध्यम से लोकप्रिय प्रभुसत्ता की स्थापना होती है, रूसो देवीय राज्य का समर्थन करता है, यह राज्य को शरीर के समान बताता है व व्यक्ति को उसका अंग मात्र बताता है| राज्य का प्रमुख कार्य स्वतंत्रता, समानता व भाईचारे की स्थापना करना है| समझौता करने वाला प्रत्येक व्यक्ति अपने को समाज में पूर्ण रूप से विलीन कर के समाज का निर्माण करता है| रूसो ने केवल एक ही समझौते की कल्पना की है जिससे सभ्य समाज और राज्य दोनों की उत्पत्ति होती है| सरकार और व्यक्ति के बीच कोई अलग समझौता नहीं करता|
रूसो की सामान्य इच्छा- सामान्य इच्छा का सिद्धांत रूसो के राजनीतिक चिंतन का मूल आधार है| सोशल कॉन्ट्रैक्ट पुस्तक में रूसो ने सामान्य इच्छा के सिद्धांत की व्याख्या की है| मनुष्य एक विवेकशील प्राणी है किसी न किसी प्रकार की इच्छा या विचार उसके हृदय में सदा उठती रहती हैं|
यथार्थ इच्छा
आदर्श इच्छा
यथार्थ इच्छा स्वार्थ प्रदान होती है, वैयक्तिक हित को दृष्टि में रखती है, सामाजिक हित का विचार नहीं करती|
आदर्श इच्छा व्यापक दृष्टिकोण का परिणाम होती है| यह स्वार्थ रहित होने के कारण व्यक्ति की वास्तविक इच्छा होती है|
टी एच ग्रीन- सामान्य इच्छा सामान्य हित की सामान्य चेतना है|
वेपर- सामान्य इच्छा सभी नागरिकों कि वह इच्छा है, जिसका लक्ष्य सर्वसाधारण की भलाई है, व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं यह सब की भलाई के निर्मित सब की आवाज है|
बोसांके- सामान्य इच्छा संपूर्ण समाज की सामूहिक अथवा सभी व्यक्तियों की ऐसी इच्छाओं का समूह है, जिसका लक्ष्य सामान्य हित की पुष्टि हो|
"प्रत्येक व्यक्ति में स्वार्थी और सामाजिक इच्छाओं में प्रायः विरोध होता रहता है| जब स्वार्थी इच्छाएं नष्ट हो जाती हैं तो सामाजिक इच्छाएं शेष रहती हैं| सभी व्यक्तियों की इन सामाजिक इच्छाओं के मिश्रण से सामान्य इच्छा का निर्माण होता है|
महत्वपूर्ण तथ्य-
1. कोल- "समय बीतने के साथ रूसो का महत्व बढ़ता ही गया है"
" रूसो का राजनीतिक प्रभाव समाप्त होने के बजाय प्रतिदिन बढ़ रहा है|"
2. रूसो ने सोशल कॉन्ट्रैक्ट बुक में प्रथम पंक्ति लिखी- मनुष्य स्वतंत्र पैदा हुआ है किंतु सर्वत्र जंजीरों से जकड़ा हुआ है|
इसी पुस्तक की अंतिम पंक्ति में लिखा- मनुष्य को स्वतंत्र होने के लिए बाध्य किया जाना चाहिए|
3. रूसो ने मनुष्य के प्राकृतिक अवस्था को "सभ्य जंगली" कहा है|
4. अपनी पुस्तक इमाइल में रूसो ने "प्रकृति की ओर लौट चलो" का नारा दिया|
5. डनिंग के अनुसार डिसकोर्सेज का चित्रण तो ऐतिहासिक है पर इमाइल का चित्रण दार्शनिक चित्रण है|
6. प्रत्यक्ष लोकतंत्र का समर्थक|
7. रूसो को आधुनिक समाजवाद का अध्यात्मिक प्रर्णेता कहा जाता है क्योंकि उसने संपत्ति संबंधी असमानताओं का विरोध किया|
8. बर्क ने रूसो को राष्ट्रीय असेंबली का पागल सुकरात कहा था|
9. रूसो संसदीय व्यवस्था का विरोधी है| उसने पितृसत्तात्मक समाज का समर्थन किया|
सभी Video Classes की Link
अगर आप यह 1st grade political science notes hindi में download करना चाहते है तो इस link पर click करके download कर सकते है।
DOWNLOAD PDF
अगर आप यह 1st grade political science notes hindi में download करना चाहते है तो PDF Link इस page के अंत में उपलब्ध है।
जन्म- 1712, स्विट्जरलैंड
( निर्धन परिवार में जन्म, इन के जन्म के साथ ही इनकी माता का निधन हो गया इसके लिए उन्होंने लिखा है कि " मेरा जन्म मेरी प्रथम दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी| )
एक बार इन्होंने अकादमी में निबंध प्रतियोगिता में भाग लिया, इस निबंध का विषय था " कला व विज्ञान ने मनुष्य का विकास किया या हास" इसमें रूसो को प्रथम पुरस्कार मिला|
दूसरा निबंध- समानता का उद्भव इसमें रूसो ने असमानता का कारण निजी संपत्ति है बताया| इसके बाद उन्होंने अनेक पुस्तकों की रचना की|
फ्रांसीसी क्रांति भी रूस उसे प्रभावित थी तभी नेपोलियन बोनापार्ट लिखते हैं कि रूसो नहीं होता तो फ्रांसीसी क्रांति भी नहीं होती|
पुस्तकें- 1. इमाइल या आन एजुकेशन 1762
2. डिसकोर्सेज आफ पॉलीटिकल इकोनामी 1755
3. जूली/ न्यू हेलाईस 1761
4. सोशल कॉन्ट्रैक्ट 1762
5. डीस्कोर्स ऑन द साइंस एंड आर्ट्स 1750
6. डिस्कोर्स ऑन द ओरिजन एंड बेसिस ऑफ इन इक्ववलिटी अमंग मैन 1754
7 कन्फेशन 1770( मृत्यु के बाद प्रकाशित)
रूसो के विचार
1. मानव स्वभाव संबंधी विचार- रूसो ने व्यक्ति के स्वभाव हौब्स- लॉक
दोनों के वर्णित स्वभावो का मिश्रण किया है| पहले मनुष्य का स्वभाव अच्छा, सहयोगी बाद में सभ्यता तथा विकास के साथ साथ तनाव ग्रस्तता बढ़ती गई|
इस प्रकार मनुष्य स्वभाव से बुरा नहीं होता, बल्कि कला और विज्ञान की प्रगति के कारण बुरा बन जाता है|
2. प्राकृतिक अवस्था- प्राकृतिक अवस्था में मनुष्य सामान्य रूप से सूखी, स्वावलंबी वे संतुष्ट था,मानव- मानव के बीच कोई भेदभाव नहीं, इससे स्वर्ण युगीन अवस्था कहां, सब की संपत्ति सामूहिक थी, किंतु सभ्यता के विकास तथा व्यक्तिगत संपत्ति से प्राकृतिक अवस्था की शांति भंग हो गई,तेरे- मेरे की भावना उत्पन्न हो गई और ऐसे समाज का जन्म हुआ जिससे मनुष्य को मानवता का दुश्मन, संपत्ति का भूखा, स्वार्थी, घमंडी बना दिया|
समाज दो भाग में बट गया - स्वामी व दास
3. सामाजिक समझौता संबंधी विचार- सभी मनुष्य एक ही स्थान पर एकत्रित होते हैं और सामान्य इच्छा पर आधारित सामाजिक समझौते के माध्यम से प्राकृतिक अवस्था का अंत कर राज्य की स्थापना करते हैं| रूसो का सामाजिक समझौते का विचार मानव प्रकृति व प्राकृतिक अवस्था पर आधारित है|
यह समझौता स्थाई है, समझौते के माध्यम से लोकप्रिय प्रभुसत्ता की स्थापना होती है, रूसो देवीय राज्य का समर्थन करता है, यह राज्य को शरीर के समान बताता है व व्यक्ति को उसका अंग मात्र बताता है| राज्य का प्रमुख कार्य स्वतंत्रता, समानता व भाईचारे की स्थापना करना है| समझौता करने वाला प्रत्येक व्यक्ति अपने को समाज में पूर्ण रूप से विलीन कर के समाज का निर्माण करता है| रूसो ने केवल एक ही समझौते की कल्पना की है जिससे सभ्य समाज और राज्य दोनों की उत्पत्ति होती है| सरकार और व्यक्ति के बीच कोई अलग समझौता नहीं करता|
रूसो की सामान्य इच्छा- सामान्य इच्छा का सिद्धांत रूसो के राजनीतिक चिंतन का मूल आधार है| सोशल कॉन्ट्रैक्ट पुस्तक में रूसो ने सामान्य इच्छा के सिद्धांत की व्याख्या की है| मनुष्य एक विवेकशील प्राणी है किसी न किसी प्रकार की इच्छा या विचार उसके हृदय में सदा उठती रहती हैं|
यथार्थ इच्छा
आदर्श इच्छा
यथार्थ इच्छा स्वार्थ प्रदान होती है, वैयक्तिक हित को दृष्टि में रखती है, सामाजिक हित का विचार नहीं करती|
आदर्श इच्छा व्यापक दृष्टिकोण का परिणाम होती है| यह स्वार्थ रहित होने के कारण व्यक्ति की वास्तविक इच्छा होती है|
टी एच ग्रीन- सामान्य इच्छा सामान्य हित की सामान्य चेतना है|
वेपर- सामान्य इच्छा सभी नागरिकों कि वह इच्छा है, जिसका लक्ष्य सर्वसाधारण की भलाई है, व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं यह सब की भलाई के निर्मित सब की आवाज है|
बोसांके- सामान्य इच्छा संपूर्ण समाज की सामूहिक अथवा सभी व्यक्तियों की ऐसी इच्छाओं का समूह है, जिसका लक्ष्य सामान्य हित की पुष्टि हो|
"प्रत्येक व्यक्ति में स्वार्थी और सामाजिक इच्छाओं में प्रायः विरोध होता रहता है| जब स्वार्थी इच्छाएं नष्ट हो जाती हैं तो सामाजिक इच्छाएं शेष रहती हैं| सभी व्यक्तियों की इन सामाजिक इच्छाओं के मिश्रण से सामान्य इच्छा का निर्माण होता है|
महत्वपूर्ण तथ्य-
1. कोल- "समय बीतने के साथ रूसो का महत्व बढ़ता ही गया है"
" रूसो का राजनीतिक प्रभाव समाप्त होने के बजाय प्रतिदिन बढ़ रहा है|"
2. रूसो ने सोशल कॉन्ट्रैक्ट बुक में प्रथम पंक्ति लिखी- मनुष्य स्वतंत्र पैदा हुआ है किंतु सर्वत्र जंजीरों से जकड़ा हुआ है|
इसी पुस्तक की अंतिम पंक्ति में लिखा- मनुष्य को स्वतंत्र होने के लिए बाध्य किया जाना चाहिए|
3. रूसो ने मनुष्य के प्राकृतिक अवस्था को "सभ्य जंगली" कहा है|
4. अपनी पुस्तक इमाइल में रूसो ने "प्रकृति की ओर लौट चलो" का नारा दिया|
5. डनिंग के अनुसार डिसकोर्सेज का चित्रण तो ऐतिहासिक है पर इमाइल का चित्रण दार्शनिक चित्रण है|
6. प्रत्यक्ष लोकतंत्र का समर्थक|
7. रूसो को आधुनिक समाजवाद का अध्यात्मिक प्रर्णेता कहा जाता है क्योंकि उसने संपत्ति संबंधी असमानताओं का विरोध किया|
8. बर्क ने रूसो को राष्ट्रीय असेंबली का पागल सुकरात कहा था|
9. रूसो संसदीय व्यवस्था का विरोधी है| उसने पितृसत्तात्मक समाज का समर्थन किया|
सभी Video Classes की Link
अगर आप यह 1st grade political science notes hindi में download करना चाहते है तो इस link पर click करके download कर सकते है।
DOWNLOAD PDF