राजनीतिक विकास और राजनीतिक संस्कृति
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राजनीतिक विकास की प्रक्रिया को राज्य के अस्तित्व से ही प्रारंभ माना जाता है| राजनीतिक विकास अपने आप में लक्षय नहीं है, वह एक अनवरत प्रक्रिया है| पाई की दृष्टि में राजनीतिक विकास की दिशा का पहला कदम राष्ट्रवाद आधारित राज्य व्यवस्था का विकास करना था जो तभी संभव था जब आदर्श लोकतांत्रिक संस्कृति का प्रसार धीरे-धीरे सभी देशों में हो जाए|
आमंड पावेल- राजनीतिक विकास राजनीतिक संरचनाओ की अभिवृद्धि, विभिन्नीकरण, विशेषीकरण और राजनीतिक संस्कृति का बढ़ा हुआ लोकिकीकरण है|
मैकेंजी- राजनीतिक विकास समाज के उच्च स्तरीय अनुकूलन को संमजित करने की क्षमता है|
राजनीतिक विकास- ल्यूसीयन पाई का दृष्टिकोण
1.राजनीतिक विकास आर्थिक विकास की राजनीतिक पूर्व शर्त के रूप में- अर्थशास्त्रियों ने राजनीतिक विकास को आर्थिक विकास का परिणाम आना किंतु पाई का मानना है कि यह एक नकारात्मक दृष्टिकोण है|
2. औद्योगिक समाजों के लिए विशिष्ट राजनीति के रूप में राजनीतिक विकास- पाई इसे अस्वीकृत करते हुए कहते हैं कि इसमें उन शक्तियों जैसे कारकों की अवहेलना की गई है जो निहित स्वार्थों की प्रधानता के लिए खतरा बन सकते हैं|
3. राजनीतिक आधुनिकीकरण के रूप में राजनीतिक विकास- पाई के अनुसार इसकी अवहेलना की गई है कि पिछड़े और विकासशील देशों की अपनी ऐतिहासिक परंपराएं हैं जिन्हें वे हर चीज को पश्चिमी और आधुनिक का अनुकरण कर पाने की खातिर छोड़ने के लिए तैयार नहीं होंगे|
4. राष्ट्रीय राज्य के रूप में राजनीतिक विकास- राष्ट्रवाद राजनीतिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक शर्त तो है लेकिन यह कोई पर्याप्त शब्द नहीं है|
5. प्रशासकीय और वैज्ञानिक विकास के रूप में राजनीतिक विकास- प्रशासनिक और कानूनी व्यवस्था का गहरा संबंध है अतः प्रभावपूर्ण नौकरशाही की स्थापना आवश्यक है लेकिन पाई का मानना है कि यदि प्रशासन पर अधिक जोर दिया तो इससे राज्य व्यवस्था में असंतुलन पैदा हो जाएगा|
6. बहुसंख्यक जन समुदाय के योगदान के रूप में राजनीतिक विकास- पाई का मानना है कि ऐसे दृष्टिकोण से भ्रष्टाचारी ज़्नोततेजकों का प्रभाव बढ़ जाएगा|
7.लोकतंत्र के निर्माण के रूप में राजनीतिक विकास- विकास और लोकतंत्र को परस्पर आबद्ध और अभिन्न नहीं मारनना चाहिए क्योंकि यह दोनों भीन्न बातें हैं|
पाई के अनुसार राजनीतिक विकास के 3 लक्षण-
समता- राजनीतिक व्यवस्था में जन सहभागिता अधिक सक्रिय होनी चाहिए, विधि के शासन में सब व्यक्ति कानून के समक्ष समान हो, पदों पदों पर योग्यता के अनुसार नियुक्ति होनी चाहिए|
क्षमता- राजनीतिक व्यवस्था का सामाजिक जीवन पर संतुलित नियंत्रण होना चाहिए, नियमों का कुशलता पूर्वक क्रियान्वयन होना चाहिए, राजनीतिक व्यवस्था को निरपेक्ष होना चाहिए|
विभिन्नीकरण- राजनीतिक व्यवस्था के अंदर अनेक संरचनाओं के अस्तित्व की मौजूदगी, प्रत्येक संरचना के बीच कार्यों का प्रथकरण होना चाहिए|
राजनीतिक संस्कृति-
ल्यूसीयन पाई के अनुसार , प्रत्येक विशिष्ट समाज में एक सीमित और स्पष्ट राजनीतिक संस्कृति होती है जो राजनीतिक प्रक्रिया को अर्थ, स्वरूप और ढांचा प्रदान करती है|
राजनीतिक संस्कृति को राजनीतिक समाज के मूल्यों, विचारों एवं आदर्शों का समूह कहा जाता है| राजनीतिक संस्कृति की अवधारणा मे व्यवहार वादी दृष्टिकोण के साथ-साथ परंपरागत वादी दृष्टिकोण का भी गुण पाया जाता है इसलिए कहते हैं कि यह संश्लेषणवादी अवधारणा है|
राजनीतिक संस्कृति की विशेषताएं-
1. राजनीतिक संस्कृति का निर्माण अनेक तत्वों से होता है|
2. राजनीतिक संस्कृति का पुराना नाम राष्ट्रीय चरित्र है|
3. इसमे राजनीतिक व्यवस्था में होने वाले परिवर्तनों के बारे में जानकारी मिलती है|
4. यह राजनीतिक संस्कृति सामान्य संस्कृति से घनिष्ठ रूप से जुड़ी हुई है|
राजनीतिक संस्कृति संबंधी आंमण्ड- वर्बा के विचार- आमंड- वर्बा का मत है कि लोकतांत्रिक प्रतिमान वाले सहभागी राज्य के पश्चिमी प्रतिमान को नवोदित देशों के संदर्भ में समझने के लिए केवल वयस्क मताधिकार, राजनीतिक दल और निर्वाचित विधायिका का अध्ययन करने से सही परिणाम नहीं आ सकता है| इन देशों की राजनीतिक संस्कृति का अध्ययन आवश्यक है| आमंड - वर्बा राजनीतिक संस्कृति को दो भागों में बांटते है-
1.मिश्रित राजनीतिक संस्कृति 2. अमिश्रित राजनीतिक संस्कृति
1. अमिश्रित राजनीतिक संस्कृति- तीन प्रकार
संकीर्ण राजनीतिक संस्कृति ( यह अल्प विकसित देशों में पाई जाती है)
अधीनस्थ राजनीतिक संस्कृति ( यह उपनिवेशिक देशों में पाई जाती हैं)
सहभागी राजनीतिक संस्कृति ( इसमें सरकार जनता के प्रति उत्तरदायी रहती है)
2.मिश्रित राजनीतिक संस्कृति- 4 प्रकार
संकीर्ण -अधीनस्थ राजनीतिक संस्कृति- दोनों के लक्षण पाए जाते हैं|
संकीर्ण सहभागी- लोकतंत्र के साथ धर्म जाति व वंशवाद का प्रभाव देखने को मिलता है|
अधीनस्थ सहभागी- अंतरिक्ष क्षेत्र में तो लोकतंत्र पाया जाता है परंतु विदेश नीति अधीन होती है|
नागरिक संस्कृति- वर्तमान विकासशील देशों में नागरिक राजनीतिक संस्कृति पाई जाती है|
महत्वपूर्ण प्रश्न
राजनीतिक विकास क्या है?
अ वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से विकासशील देश की राज्य व्यवस्था विकसित देश की विशेषताएं अर्जित कर लेती है
ब राज्य का आर्थिक विकास
स राज्य का सांस्कृतिक विकास
द उपर्युक्त कोई नहीं
2. राजनीतिक विकास की अवधारणा का जन्म माना जाता है-
अ 1963 में आमंड की अध्यक्षता में गठित समिति से
ब डेविड ईस्टन के भाषण से
स लूसीयन पाई की अध्यक्षता में गठित समिति से
द माइनर विनर की समिति से
3. "aspect of political development" पुस्तक के लेखक कौन है?
अ लूसीयन पाई
ब रॉसटॉव
स आमंड
द डेविड एफ्टर
4. निम्न में से राजनीतिक विकास के अध्ययनकर्ता है-
अ लुसियन पाई
ब माइनर विनर
स डेविड एफ्टर
द उपर्युक्त सभी
5. लुसियन पाई ने राजनीतिक विकास की निम्न में से विशेषताएं बताई है-
अ समानता
ब क्षमता
स विभेदीकरण
द उक्त तीनों
6. राजनीतिक विकास के साधन है-
अ राजनीतिक दल
ब राजनीतिक सहभागिता का विस्तार
स आधुनिक प्रशासन का विकास
द उपरोक्त सभी
7. राजनीतिक संस्कृति उपागम का प्रमुख गुण है-
अ व्यष्टि और समष्टि उपागमो को संयुक्त करना
ब राजनीतिक विज्ञान के विषय क्षेत्र को व्यापक बनाना
स राजनीतिक विकास की विभिन्न दिशाओं को समझने में सहायक
द उपर्युक्त सभी
8. ' राजनीतिक संस्कृति' किसका प्रतिबिंब है-
अ जो कुछ हमारे पास भूतकाल में था
ब अपनी दिनचर्या में हम जो कुछ भी सोचते हैं
स भविष्य में जो कुछ हमारे पास होगा
द हम जो कुछ दार्शनिक स्तर पर सोचते हैं
9. राजनीतिक संस्कृति-
अ सामान्य संस्कृति का अभिन्न अंग है
ब सामान्य संस्कृति से विपरीत है
स ऐतिहासिक विरासत से अप्रभावित है
द राजनीतिज्ञों की संस्कृति है
10. निम्न में से किसने भारतीय संस्कृति का अध्ययन किया?
अ माइनर विनर
ब मोरिस जॉन्स
स रजनी कोठारी
द उक्त तीनों ने
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राजनीतिक विकास की प्रक्रिया को राज्य के अस्तित्व से ही प्रारंभ माना जाता है| राजनीतिक विकास अपने आप में लक्षय नहीं है, वह एक अनवरत प्रक्रिया है| पाई की दृष्टि में राजनीतिक विकास की दिशा का पहला कदम राष्ट्रवाद आधारित राज्य व्यवस्था का विकास करना था जो तभी संभव था जब आदर्श लोकतांत्रिक संस्कृति का प्रसार धीरे-धीरे सभी देशों में हो जाए|
आमंड पावेल- राजनीतिक विकास राजनीतिक संरचनाओ की अभिवृद्धि, विभिन्नीकरण, विशेषीकरण और राजनीतिक संस्कृति का बढ़ा हुआ लोकिकीकरण है|
मैकेंजी- राजनीतिक विकास समाज के उच्च स्तरीय अनुकूलन को संमजित करने की क्षमता है|
राजनीतिक विकास- ल्यूसीयन पाई का दृष्टिकोण
1.राजनीतिक विकास आर्थिक विकास की राजनीतिक पूर्व शर्त के रूप में- अर्थशास्त्रियों ने राजनीतिक विकास को आर्थिक विकास का परिणाम आना किंतु पाई का मानना है कि यह एक नकारात्मक दृष्टिकोण है|
2. औद्योगिक समाजों के लिए विशिष्ट राजनीति के रूप में राजनीतिक विकास- पाई इसे अस्वीकृत करते हुए कहते हैं कि इसमें उन शक्तियों जैसे कारकों की अवहेलना की गई है जो निहित स्वार्थों की प्रधानता के लिए खतरा बन सकते हैं|
3. राजनीतिक आधुनिकीकरण के रूप में राजनीतिक विकास- पाई के अनुसार इसकी अवहेलना की गई है कि पिछड़े और विकासशील देशों की अपनी ऐतिहासिक परंपराएं हैं जिन्हें वे हर चीज को पश्चिमी और आधुनिक का अनुकरण कर पाने की खातिर छोड़ने के लिए तैयार नहीं होंगे|
4. राष्ट्रीय राज्य के रूप में राजनीतिक विकास- राष्ट्रवाद राजनीतिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक शर्त तो है लेकिन यह कोई पर्याप्त शब्द नहीं है|
5. प्रशासकीय और वैज्ञानिक विकास के रूप में राजनीतिक विकास- प्रशासनिक और कानूनी व्यवस्था का गहरा संबंध है अतः प्रभावपूर्ण नौकरशाही की स्थापना आवश्यक है लेकिन पाई का मानना है कि यदि प्रशासन पर अधिक जोर दिया तो इससे राज्य व्यवस्था में असंतुलन पैदा हो जाएगा|
6. बहुसंख्यक जन समुदाय के योगदान के रूप में राजनीतिक विकास- पाई का मानना है कि ऐसे दृष्टिकोण से भ्रष्टाचारी ज़्नोततेजकों का प्रभाव बढ़ जाएगा|
7.लोकतंत्र के निर्माण के रूप में राजनीतिक विकास- विकास और लोकतंत्र को परस्पर आबद्ध और अभिन्न नहीं मारनना चाहिए क्योंकि यह दोनों भीन्न बातें हैं|
पाई के अनुसार राजनीतिक विकास के 3 लक्षण-
समता- राजनीतिक व्यवस्था में जन सहभागिता अधिक सक्रिय होनी चाहिए, विधि के शासन में सब व्यक्ति कानून के समक्ष समान हो, पदों पदों पर योग्यता के अनुसार नियुक्ति होनी चाहिए|
क्षमता- राजनीतिक व्यवस्था का सामाजिक जीवन पर संतुलित नियंत्रण होना चाहिए, नियमों का कुशलता पूर्वक क्रियान्वयन होना चाहिए, राजनीतिक व्यवस्था को निरपेक्ष होना चाहिए|
विभिन्नीकरण- राजनीतिक व्यवस्था के अंदर अनेक संरचनाओं के अस्तित्व की मौजूदगी, प्रत्येक संरचना के बीच कार्यों का प्रथकरण होना चाहिए|
राजनीतिक संस्कृति-
ल्यूसीयन पाई के अनुसार , प्रत्येक विशिष्ट समाज में एक सीमित और स्पष्ट राजनीतिक संस्कृति होती है जो राजनीतिक प्रक्रिया को अर्थ, स्वरूप और ढांचा प्रदान करती है|
राजनीतिक संस्कृति को राजनीतिक समाज के मूल्यों, विचारों एवं आदर्शों का समूह कहा जाता है| राजनीतिक संस्कृति की अवधारणा मे व्यवहार वादी दृष्टिकोण के साथ-साथ परंपरागत वादी दृष्टिकोण का भी गुण पाया जाता है इसलिए कहते हैं कि यह संश्लेषणवादी अवधारणा है|
राजनीतिक संस्कृति की विशेषताएं-
1. राजनीतिक संस्कृति का निर्माण अनेक तत्वों से होता है|
2. राजनीतिक संस्कृति का पुराना नाम राष्ट्रीय चरित्र है|
3. इसमे राजनीतिक व्यवस्था में होने वाले परिवर्तनों के बारे में जानकारी मिलती है|
4. यह राजनीतिक संस्कृति सामान्य संस्कृति से घनिष्ठ रूप से जुड़ी हुई है|
राजनीतिक संस्कृति संबंधी आंमण्ड- वर्बा के विचार- आमंड- वर्बा का मत है कि लोकतांत्रिक प्रतिमान वाले सहभागी राज्य के पश्चिमी प्रतिमान को नवोदित देशों के संदर्भ में समझने के लिए केवल वयस्क मताधिकार, राजनीतिक दल और निर्वाचित विधायिका का अध्ययन करने से सही परिणाम नहीं आ सकता है| इन देशों की राजनीतिक संस्कृति का अध्ययन आवश्यक है| आमंड - वर्बा राजनीतिक संस्कृति को दो भागों में बांटते है-
1.मिश्रित राजनीतिक संस्कृति 2. अमिश्रित राजनीतिक संस्कृति
1. अमिश्रित राजनीतिक संस्कृति- तीन प्रकार
संकीर्ण राजनीतिक संस्कृति ( यह अल्प विकसित देशों में पाई जाती है)
अधीनस्थ राजनीतिक संस्कृति ( यह उपनिवेशिक देशों में पाई जाती हैं)
सहभागी राजनीतिक संस्कृति ( इसमें सरकार जनता के प्रति उत्तरदायी रहती है)
2.मिश्रित राजनीतिक संस्कृति- 4 प्रकार
संकीर्ण -अधीनस्थ राजनीतिक संस्कृति- दोनों के लक्षण पाए जाते हैं|
संकीर्ण सहभागी- लोकतंत्र के साथ धर्म जाति व वंशवाद का प्रभाव देखने को मिलता है|
अधीनस्थ सहभागी- अंतरिक्ष क्षेत्र में तो लोकतंत्र पाया जाता है परंतु विदेश नीति अधीन होती है|
नागरिक संस्कृति- वर्तमान विकासशील देशों में नागरिक राजनीतिक संस्कृति पाई जाती है|
महत्वपूर्ण प्रश्न
राजनीतिक विकास क्या है?
अ वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से विकासशील देश की राज्य व्यवस्था विकसित देश की विशेषताएं अर्जित कर लेती है
ब राज्य का आर्थिक विकास
स राज्य का सांस्कृतिक विकास
द उपर्युक्त कोई नहीं
2. राजनीतिक विकास की अवधारणा का जन्म माना जाता है-
अ 1963 में आमंड की अध्यक्षता में गठित समिति से
ब डेविड ईस्टन के भाषण से
स लूसीयन पाई की अध्यक्षता में गठित समिति से
द माइनर विनर की समिति से
3. "aspect of political development" पुस्तक के लेखक कौन है?
अ लूसीयन पाई
ब रॉसटॉव
स आमंड
द डेविड एफ्टर
4. निम्न में से राजनीतिक विकास के अध्ययनकर्ता है-
अ लुसियन पाई
ब माइनर विनर
स डेविड एफ्टर
द उपर्युक्त सभी
5. लुसियन पाई ने राजनीतिक विकास की निम्न में से विशेषताएं बताई है-
अ समानता
ब क्षमता
स विभेदीकरण
द उक्त तीनों
6. राजनीतिक विकास के साधन है-
अ राजनीतिक दल
ब राजनीतिक सहभागिता का विस्तार
स आधुनिक प्रशासन का विकास
द उपरोक्त सभी
7. राजनीतिक संस्कृति उपागम का प्रमुख गुण है-
अ व्यष्टि और समष्टि उपागमो को संयुक्त करना
ब राजनीतिक विज्ञान के विषय क्षेत्र को व्यापक बनाना
स राजनीतिक विकास की विभिन्न दिशाओं को समझने में सहायक
द उपर्युक्त सभी
8. ' राजनीतिक संस्कृति' किसका प्रतिबिंब है-
अ जो कुछ हमारे पास भूतकाल में था
ब अपनी दिनचर्या में हम जो कुछ भी सोचते हैं
स भविष्य में जो कुछ हमारे पास होगा
द हम जो कुछ दार्शनिक स्तर पर सोचते हैं
9. राजनीतिक संस्कृति-
अ सामान्य संस्कृति का अभिन्न अंग है
ब सामान्य संस्कृति से विपरीत है
स ऐतिहासिक विरासत से अप्रभावित है
द राजनीतिज्ञों की संस्कृति है
10. निम्न में से किसने भारतीय संस्कृति का अध्ययन किया?
अ माइनर विनर
ब मोरिस जॉन्स
स रजनी कोठारी
द उक्त तीनों ने
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