1st Grade Political Science Notes दादाभाई नौरोजी in Hindi

दादाभाई नौरोजी

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जन्म- 4 सितंबर 1825, गुजरात के नवसारी जिले में
भारत के वयोवृद्ध महापुरुष, आधुनिक भारत के सुलझे हुए अर्थशास्त्र वेता, साम्राज्यवाद की आलोचक, भारतीय राष्ट्रवाद के अग्रदूत के रूप में प्रसिद्ध| 1853 मे मुंबई एसोसिएशन की स्थापना, 5 वर्ष तक शिक्षण कार्य करने के पश्चात व्यापार प्रारंभ किया, इसी सिलसिले में इंग्लैंड गये| 1866 में लंदन में ईस्ट इंडिया एसोसिएशन की स्थापना की| 1892-1895 ब्रिटिश संसद के सदस्य| दादा भाई भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संस्थापक में से एक थे 1886, 1893, 1906 में कोलकाता, लाहौर तथा पुणे कोलकाता अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बने| उन्होंने यह घोषणा की कि भारतीय राजनीतिक प्रयासों का लक्ष्य स्वराज्य की प्राप्ति है|

राजनीतिक विचार- इन्हें राजनीतिक सत्ता के नैतिक आधार में विश्वास था| इनके विचार हैं कि पशु बल, एक न एक दिन, अवश्य नष्ट हो जाएगा जबकि सदाचार की शक्ति सदेव रहेगी| अपनी उदारवादी नीति के कारण अंग्रेजों के प्रशंसक थे, उनका कहना था कि ब्रिटिश सरकार लोकतंत्र और न्याय की पक्षपाती है| वे भारतीयों के विकास के बाद उन्हें स्वतंत्रता प्रदान करेगी उन्हें ब्रिटिश न्याय प्रियता में पूर्ण विश्वास था| वे ब्रिटिश न्यायप्रियता मे विश्वास के साथ-साथ इनकी आलोचना भी करते थे| उन्होंने कहा कि भारतीयों को सुरक्षा और शांति की दृष्टि से लाभ हुआ है किंतु साथ ही साथ इंग्लैंड की शक्ति और समृद्धि में भारत का योगदान हो रहा है इसलिए उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भारत का शासन भारतीयों के हित में होना चाहिए|

दादा भाई स्वतंत्रता को सबसे पवित्र आकांक्षा मानते थे उन्होंने कहा कि " स्वतंत्रता हमारे जीवन की श्वास है....... स्वतंत्रता हमारे जीवन का दिए धेय्य हैं|

दादाभाई ब्रिटिश शासन की साम्राज्यवादी नीति के आलोचक थे| ब्रिटिश शासन की नीति ही भारत की गरीबी के लिए उत्तरदाई थी, वह भारत को पूर्णतया नष्ट कर देगी क्योंकि भारत का धन धीरे धीरे इंग्लैंड पहुंचता जा रहा था| भारत में गरीबी बेरोजगारी और भूखमरी बढ़ती जा रही है| भारतीय लोगों को इस कारण अकाल का सामना करना पड़ रहा है|

दादा भाई ने कहा कि सिविल सेवा में भारतीयों को प्रवेश दिया जाना चाहिए क्योंकि योग्यता, इमानदारी और कार्य क्षमता की दृष्टि से भारतीय कम नहीं है|

दादा भाई नौरोजी के सामाजिक विचारों के अंतर्गत- उन्होंने सामाजिक क्षेत्र में अधिक रुचि ली| भारतीय नारियों के लिए उनकी स्थिति सुधारने के लिए प्रयत्न किए| मुंबई में नारी शिक्षा के प्रसार में कार्य किए|

दादा भाई की पुस्तक " भारत में गरीबी तथा गैर ब्रिटिश शासन" ( पॉवर्टी एंड अनब्रिटिश रूल इन इंडिया) भारतीय अर्थशास्त्र तथा भारतीय राष्ट्रवाद पर एक महान ग्रंथ| दादा भाई नौरोजी ने स्वदेशी का प्रचार प्रारंभ किया क्योंकि स्वदेशी के माध्यम से ही भारतीयों की आर्थिक स्थिति को सुधारा जा सकता है| नौरोजी के अनुसार बेरोजगार भारतीयों को उनकी प्रतिभा के अनुसार प्रशासन तथा अन्य सेवाओं में लिया जाए|

दादाभाई नौरोजी के महत्वपूर्ण प्रश्न-

1. दादा भाई नौरोजी प्रमुख विचारक थे?
अ भारतीय उदारवादीयों में
ब भारतीय क्रांतिकारियों में
स भारतीय उग्रवादियों में
द भारतीय गांधीवाद में

2. किस भारतीय विचारक को " दी ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया" की संज्ञा दी जाती है?
अ राजा राममोहन राय
ब दादा भाई नौरोजी
स बाल गंगाधर तिलक
द गोपाल

3. पावर्टी एंड अन ब्रिटिश रूल इन इंडिया पुस्तक के रचयिता है-
अ राजा राममोहन राय
ब दादा भाई नौरोजी
स महात्मा गांधी
द बाल गंगाधर तिलक

4. दादा भाई नौरोजी का जीवनकाल था?
अ 1825 से 1917
ब 1800 से 1917
स 1830 से 1915
द 1825 से 1920

5. ईस्ट इंडिया एसोसिएशन की स्थापना नौरोजी ने कब की?
अ 1812
ब 1866
स 1780
द 1880

6. निम्न में से दादा भाई नौरोजी की पुस्तके हैं?
अ पावर्टी एंड अन ब्रिटिश रूल इन इंडिया
ब स्पीचेज एंड राइटिंगस
स एसेज स्पीचेज, एड्रेसेज एवं राइटिंगस
द उक्त सभी

7. सन 1906 में कांग्रेस के अध्यक्षीय भाषण में सर्वप्रथम किसने स्वराज्य मंत्र प्रदान किया?
अ राजा राममोहन राय
ब दादा भाई नौरोजी
स स्वामी दयानंद सरस्वती
द बाल गंगाधर तिलक

8. किस वर्ष नौरोजी हाउस ऑफ कॉमंस के सदस्य बने?
अ 1890
ब 1892
स 1895
द 1897

9. दादा भाई नौरोजी के संबंध में त्रुटिपूर्ण कथन को पहचानिए-
अ उन्होंने आर्थिक निष्क्रमण सिद्धांत का प्रतिपादन किया
ब उन्होंने पावर्टी एंड अन ब्रिटिश रूल इन इंडिया पुस्तक का लेखन किया
स भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दो बार अध्यक्ष निर्वाचित हुए
द वे ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया कहलाते हैं

10. अंग्रेजी जाति के चरित्र में उच्च कोटि की सभ्यता, स्वतंत्रता के लिए उत्कृष्ट प्रेम तथा आत्मा की श्रेष्ठता जैसे गुणों का श्रेष्ठ समन्वय है| यह कथन किसका है?
अ राम मनोहर लोहिया
ब दादा भाई नौरोजी
स अरविंद घोष
द बाल गंगाधर तिलक

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